सरकारी पैनल ने कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के कायापलट की सिफारिश की | 21 Sep 2018
चर्चा में क्यों
13 अप्रैल, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी दलवाई समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। गौरतलब है कि अशोक दलवाई समिति का उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की रणनीति की सिफारिश करना था।
रिपोर्ट में उल्लेखित मुख्य बिंदु
- समिति ने सिफारिश के मसौदे पर अब तक कुल 13 खंड प्रस्तुत किये हैं।
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने हेतु सरकार को सप्लाई-पुश उत्पादन प्रणाली की जगह डिमांड-लेड उत्पादन प्रणाली को अपनाते हुए कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का कायापलट करना चाहिये।
- किसानों की आय दोगुनी करने हेतु अपनाई गई रणनीति पर निगरानी रखने के लिये कृषि मंत्रालय को एक ‘सशक्त समिति’ की स्थापना करनी चाहिये।
- पूरे भारत में किसानों के बीच पनपते असंतोष, आक्रोश और बेचैनी तथा प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में ये सिफारिशें आई हैं।
- समिति ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में कहा है, “अब समय आ चुका है कि कृषि को उद्यम के रूप में देखा जाए।”
- इस रिपोर्ट ने यह भी सुझाया है कि उत्पादन प्रणाली का पुनर्गठन बाज़ार के नज़रिये से किया जाना चाहिये। इसमें गेहूँ और चावल जैसे साधारण अनाजों के उत्पादन की जगह पोषक तत्त्व युक्त अनाजों, दुग्धालय, पशुधन और मत्स्यपालन पर ज़ोर दिया गया है।
- इस रिपोर्ट में कृषि में प्रयुक्त होने वाले जल के प्रबंधन पर अत्यधिक ज़ोर दिया गया है। प्रतिवर्ष 20-25 लाख हेक्टेयर भूमि को माइक्रो इरीगेशन के तहत लाया जाएगा और जलवायु आधारित कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा।
अशोक दलवाई समिति
- 13 अप्रैल, 2016 को सरकार ने किसानों की आय पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिये केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय में तत्कालीन अतिरिक्त सचिव अशोक दलवाई के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया।
- इस रिपोर्ट में तीन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था- उत्पादकता लाभ, फसल के मूल्य में कमी और लाभकारी मूल्य।
- इस सामरिक ढाँचे को लेकर चार चिंताएँ भी थीं, जैसे- टिकाऊ कृषि उत्पादन, किसानों के उत्पाद का मौद्रीकरण, विस्तार सेवाओं का पुनः मज़बूतीकरण और कृषि को एक उद्यम के रूप में मान्यता प्रदान करना।
- इस रिपोर्ट में कृषि, सिंचाई, ग्रामीण सड़कों, ग्रामीण ऊर्जा और ग्रामीण विकास में निवेश की आवश्यकता को पूरा करने के लिये एक आर्थिक मॉडल का उपयोग करने पर भी ज़ोर दिया गया था, जिससे 2015-16 के आधार वर्ष पर वर्ष 2022-23 तक किसानों की दोगुनी आय में 10.41% की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।
- ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि वर्ष 2002-03 से 2012-13 और इसके आगे के वर्षों में किसानों की वास्तविक आय में प्रतिवर्ष मात्र 3.5% की दर से वृद्धि हुई।