अमेरिकी प्रतिबंधों से पहले ईरानी बैंक को भारत में शाखा खोलने के लिये मिली मंज़ूरी | 14 Jul 2018
चर्चा में क्यों?
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के लागू होने से कुछ सप्ताह पहले ही वित्त मंत्रालय ने ईरान के निजी ऋणदाता बैंक पसर्गद (Pasargad) को मुंबई में शाखा खोलने की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधो का पहला सेट 6 अगस्त से तथा दूसरा सेट 4 नवंबर से प्रभावी होगा।
- फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन ने पहले ही भारतीय रिज़र्व बैंक को यह सुझाव दिया था कि उसे द्विपक्षीय व्यापार की सुविधा के लिये ईरानी बैंकों के प्रवेश की अनुमति देनी चाहिये।
- इसके अलावा दक्षिण कोरियाई बैंक केईबी हाना बैंक (KEB Hana Bank) को गुरुग्राम में अपनी दूसरी शाखा खोलने की मंज़ूरी दी गई है, जबकि कूकमिन बैंक (Kookmin Bank) को गुरुग्राम स्थित अपने प्रतिनिधि कार्यालय को शाखा में परिवर्तित करने के अनुरोध को मंज़ूरी दी गई है।
विदेशी बैंक की शाखा खोलने से पहले सभी मंत्रालयों की स्वीकृति अनिवार्य
किसी विदेशी बैंक द्वारा शाखा खोलने के प्रस्ताव को रिज़र्व बैंक की आतंरिक मंज़ूरी मिलने के बाद वित्त, वाणिज्य, विदेश मामलों और गृह मामलों के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति द्वारा इसकी जाँच की जाती है। रिज़र्व बैंक द्वारा एक विदेशी बैंक को लाइसेंस जारी करने से पहले प्रत्येक मंत्रालय की मंज़ूरी मिलना आवश्यक है
भारत में ईरानी बैंक शाखा खोलने से लाभ
- भारत में ईरानी बैंक की उपस्थिति एक महत्वपूर्ण वित्तीय मार्ग स्थापित करेगी जो दोनों देशों के बीच धन के सरल प्रवाह को सुनिश्चित करेगी।
- भारत, ईरान से बड़ी मात्रा में तेल आयात करता है और महत्त्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास के लिये 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने को प्रतिबद्ध है।
पूर्व में भी किया गया ऐसा प्रयास
- तीन साल पहले भी रुपया-रियाल व्यवस्था का इस्तेमाल ईरान से तेल खरीदने के लिये किया गया था।
- इस प्रक्रिया के तहत भारत ने अपनी देय राशि का 55 प्रतिशत भुगतान यूरो में किया, जबकि शेष 45 प्रतिशत को रुपए के रूप में UCO बैंक के माध्यम से ईरानी तेल कंपनियों के खातों में प्रेषित किया गया था।
कई विदेशी बैंकों द्वारा किया गया था आवेदन
- पिछले साल कम-से-कम 14 बैंकों ने भारत में अपनी शाखाएँ खोलने के लिये आवेदन किया था।
- इन आवेदकों में ईरानी बैंकों के अलावा दो चाइनीज बैंक, चार दक्षिण कोरियाई बैंक और नीदरलैंड के दो बैंकों ने भारत में शाखाएं तथा पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनियाँ खोलने के लिये आवेदन किया था।
- चेक गणराज्य, श्रीलंका तथा मलेशिया के एक-एक बैंक ने शाखा खोलने के लिये आवेदन किया था।