यौन उत्पीड़न के मामलों को देखने के लिये सरकार द्वारा पैनल गठित | 24 Oct 2018
चर्चा में क्यों?
सरकार ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने और इसे रोकने के लिये कानूनी एवं संस्थागत ढाँचों को मजबूती देने हेतु गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एक मंत्री समूह (Group of Ministers-GOM) का गठन किया है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री समूह की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की जाएगी। इसके सदस्यों में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण तथा केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी शामिल हैं।
- मंत्री समूह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों से निपटने के लिये मौजूदा कानूनी और संस्थागत ढाँचों का परीक्षण करेगा।
- कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये मंत्री समूह मौजूदा प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन और कानूनी तथा संस्थागत ढाँचों को मज़बूत बनाने के लिये ज़रूरी कार्रवाई की सिफारिश करेगा।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक इलेक्ट्रॉनिक शिकायत बॉक्स (शी बॉक्स) भी लॉन्च किया है जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने में महिलाओं को सक्षम बनाता है।
- शी-बॉक्स पोर्टल सरकारी और निजी कर्मचारियों सहित देश की सभी महिला कर्मियों को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है।
- 'SHE-Box' में शिकायत आने पर इसे सीधे उस संबंधित प्राधिकारी को भेज दिया जाता है जिसे मामले पर कार्रवाई करने का अधिकार होता है।
- सरकार कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न को रोकने, उनकी रक्षा करने और यौन उत्पीड़न की शिकायतों का प्रभावी निवारण सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण कानून है।
- मंत्री समूह 3 महीने के भीतर महिलाओं के उत्पीड़न एवं सुरक्षा संबंधित मौजूदा प्रावधानों के तहत जाँच करेगा तथा उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिये आवश्यक उपायों की सिफारिश करेगा।
- मंत्री समूह का गठन मी टू आंदोलन के मद्देनज़र किया गया है जिसके तहत कई महिलाओं ने कार्यस्थल पर अपना यौन उत्पीड़न करने वालों का सार्वजनिक रूप से नाम लिया है।