सरकार ने चालू वित्त वर्ष का विनिवेश लक्ष्य हासिल किया | 23 Mar 2019
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष का विनिवेश लक्ष्य पार कर लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि चालू वित्त वर्ष (2018-19) में अब तक विनिवेश से 85,000 करोड़ रुपए जुटाए जा चुके हैं जो निर्धारित लक्ष्य से 5,000 करोड़ रुपए अधिक हैं।
प्रमुख बिंदु
- पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) ने रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन (REC) में सरकार की 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी को 14,500 करोड़ रुपए में खरीदा है।
- सरकार को केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (CPSE-ETF) की पाँचवी किस्त से करीब 9,500 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार कुल मिलाकर एक दिन में सरकार को इससे 24,000 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
- विनिवेश का सबसे बड़ा हिस्सा सरकार द्वारा शुरू की गई ETF के कई चरणों से आया जिसके परिणामस्वरूप अकेले इस मोड के माध्यम से कुल 45,730 करोड़ रुपए का संग्रह हुआ।
- वर्षों से निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति विभाग ने अपने दो प्रमुख उपक्रमों ETF-CPSE ETF और भारत 22-ETF पर निर्भर रहा है। इस वित्त वर्ष के दौरान दो बार भारत-22 की पेशकश की गई जिससे सरकार को 18,729.85 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।
- ETF के सब्सक्राइबर को ऐसी इकाइयाँ दी जाती हैं जो ट्रेडिंग के लिये स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं।
- 14,500 करोड़ रुपए का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन के माध्यम से आया जो REC में सरकार के 52.63 प्रतिशत स्टाक के कारण हासिल हुआ।
- समझा जाता है कि PFC ने आंतरिक संसाधनों और बाज़ार उधार के माध्यम से इस सौदे को वित्तपोषित किया है। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार ने अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिये इसी रणनीति का उपयोग किया था क्योंकि ओएनजीसी ने एचपीसीएल में सरकार की पूरी हिस्सेदारी लगभग 37,000 करोड़ रुपए में खरीदी थी।
- PFC-REC सौदे के अलावा कुछ छोटे स्तर के अधिग्रहण भी हुए। इनमें NBCC द्वारा HSCC लिमिटेड की खरीद तथा WAPCOS द्वारा NPCC लिमिटेड का अधिग्रहण शामिल है।
- इस साल आए कुछ अन्य IPO में इरकॉन, राइट्स, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और मिश्र धातु निगम लिमिटेड शामिल हैं। कोल इंडिया में 3 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश की गई जिसका मूल्य 5,218 करोड़ रुपए था।
स्रोत : द इंडियन एक्सप्रेस