क्षेत्रीय संयोजकता योजना उड़ान के दूसरे चरण से संबंधित प्रावधान | 26 Aug 2017
चर्चा में क्यों?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (civil aviation ministry) ने अपनी प्रमुख क्षेत्रीय 'उड़ान' योजना (उड़े देश का आम नागरिक) को अधिक से अधिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से इससे संबंधित मानदंडों को सरल करते हुए योजना के तहत् कुछ विशेष छुट देने का निर्णय लिया है ।
प्रमुख बिंदु
- हालाँकि, इन विशेष छूटों में कुछ विशिष्ट क्लॉजों को कमज़ोर भी किया गया है, जिसके तहत् यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रारंभिक वर्षों में एक रुट पर केवल एक एयरलाइन ही उड़ान भर सकती है।
- इसके अतिरिक्त उन मानदंड़ों में भी राहत प्रदान की गई है कि जिनके तहत् दो हवाई अड्डों को निकटतम बोली लगाने संबंधी नियमों को प्रतिबंधित किया गया था।
उड़ान योजना क्या है?
- क्षेत्रीय संयोजकता योजना - उडान 15 जून, 2016 को नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय नागर विमानन नीति (National Civil Aviation Policy - NCAP) का एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
- आम लोगों के लिये सस्ती विमानन सेवा के रुप में क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी को सुविधाजनक बनाने के मुख्य उद्देश्य के साथ अक्टूबर, 2016 में इस योजना को शुरू किया गया था।
- यह योजना 'उड़े देश का आम नागरिक' (Ude Desh Ka Aam Nagrik - UDAN) की अवधारणा का अनुसरण करती है, जिसके तहत् प्रत्येक क्षेत्रीय उड़ान की कम से कम आधी सीटों की कीमत 2500 रुपए प्रति सीट होनी चाहिये।
उद्देश्य
- उड़ान योजना (UDAN scheme) के तहत् सस्ती क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी (Inexpensive regional air connectivity) के माध्यम से यात्रियों को कम समय में कम लागत के साथ अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने हेतु हवाई यातायात की सविधा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
- इस योजना के तहत् बढ़िया कनेक्टिविटी प्रदान करना और नेटवर्क के निर्माण को कम करना मुख्य उद्देश्य है।
- इसका एक उद्देश्य देश के छोटे शहरों के मध्यमवर्गीय परिवारों को उनकी पहली हवाई उड़ान भरने का रोमांच प्रदान करना भी है।
- एयर इंडिया (Air India), स्पाइसजेट (SpiceJet), टर्बो मेघा (Turbo Megha), एयर ओडिशा (Air Odisha) और एयर डेक्कन (Air Deccan) सहित देश की पाँच एयरलाइंस को मार्च से अपने पहले दौर की उड़ान भरने के लिये तकरीबन 128 रूटों का आवंटन किया गया था, लेकिन अभी तक केवल 16 मार्गों को ही शुरू किया गया है।
दूसरे चरण का आरंभ
- क्षेत्रीय संयोजकता योजना-उडान के दूसरे दौर के लिये बोली लगाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।
- इस योजना के तहत् हेलीकॉप्टर संचालन केवल प्राथमिकता वाले क्षेत्रों तक ही सीमित है।
- इसे प्रोत्साहित करने के लिये हेलीकॉप्टरों के लिये वी.जी.एफ. की सीमा को बढ़ा दिया गया है और आर.सी.एफ में अनुमानित वार्षिक प्रवाह का 10 प्रतिशत हेलीकॉप्टर आपरेशनों के लिये निर्धारित किया जाएगा।
- इसके अलावा, हेलीकाप्टरों के सभी 13 यात्री सीटों को आर.सी.एस. (Regional Connectivity Scheme - RCS) सीटों के रूप में माना जाएगा और तदनुसार वी.जी.एफ. प्रदान किया जाएगा।
- विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर हेलिकॉप्टरों के लिये उड़ान अवधि की गणना करने की पद्धति को भी संशोधित किया गया है।
आगे का रास्ता
- यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू जो जाती है, तो जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व भारत, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप के कठिन से कठिन इलाकों में भी हवाई यातायात की पहुँच सुनिश्चित करने में एक बड़ी सफलता हासिल होगी।
- ध्यातव्य है कि मंत्रालय द्वारा भी इन क्षेत्रों को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रुप में चिह्नित किया गया है।