सरकार द्वारा आयात शुल्क में वृद्धि | 12 Mar 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने अप्रैल 2020 से देश में आयात किये जाने वाले इलेक्ट्रिक/विद्युत यात्री वाहनों (Electric Passenger Vehicles) के कुछ पुर्जों में बुनियादी सीमा शुल्क में वृद्धि हेतु अधिसूचना जारी की है।
गौरतलब है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह अधिसूचना जारी की है।
प्रमुख बिंदु
- यह अधिसूचना चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (Phased Manufacturing Programme-PMP) के तहत रोड-मैप का एक हिस्सा है।
- वर्तमान में, इलेक्ट्रिक बसों, यात्री इलेक्ट्रिक वाहनों, इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और इलेक्ट्रिक ट्रकों में पूरी तरह से नॉक-डाउन किट (Knock-Down Kits) पर मूल आयात शुल्क 10 प्रतिशत है, जो अप्रैल 2020 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा।
- अप्रैल 2021 के बाद विनिर्माण में उपयोग किये जाने वाले पुर्जों जैसे AC या DC चार्जर, मोटर और मोटर नियंत्रक, पॉवर कंट्रोल यूनिट पर सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 15% कर दी जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम
- इस चरणबद्ध निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य देश के भीतर मूल्य संवर्धन और क्षमता निर्माण में तीव्र वृद्धि करना है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण में प्रयुक्त होने वाली बैटरी के आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी करते हुए अप्रैल 2021 के बाद 5 से 15 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
- केंद्र सरकार FAME-II जैसी योजनाओं के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के बड़े पैमाने पर अंगीकरण को भी बढ़ावा दे रही है।
स्रोत - इकोनॉमिक टाइम्स