भारतीय अर्थव्यवस्था
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्पूंजीकरण योजना के विस्तार को मिली मंज़ूरी, नाबार्ड तय करेगा राशि
- 05 Jul 2018
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पुनर्पूंजीकरण योजना को अगले तीन वर्षों अर्थात् 2019-20 तक विस्तार देने की मंज़ूरी दी है। इसके माध्यम से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को न्यूनतम निर्धारित पूंजी को 9 प्रतिशत के जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात (CRAR) पर बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
पुनर्पूंजीकरण योजना के विस्तार से लाभ
एक मज़बूत पूंजीगत संरचना और CRAR के न्यूनतम स्तर से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होगी। इसके माध्यम से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक वित्तीय समावेश में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने और ग्रामीण क्षेत्रों की पूंजीगत ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पुनर्पूंजीकरण योजना
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पुनर्पूंजीकरण योजना की शुरूआत वित्त वर्ष 2010-11 में हुई थी और इसे 2012-13 तथा 2015-16 में दो बार विस्तार दिया गया।
- अंतिम विस्तार 31 मार्च, 2017 तक के लिये था। 31 मार्च, 2017 तक कुल 1,450 करोड़ रुपए में से भारत सरकार के हिस्से के रूप में 1,107.20 करोड़ रुपए की धनराशि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जारी की गई थी।
- शेष 342.80 करोड़ रुपए की धनराशि उन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्पूंजीकरण सहयोग के लिये उपलब्ध कराई जाएगी जिनका CRAR 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान 9 प्रतिशत से कम था।
नाबार्ड के परामर्श से की जाएगी ज़रूरतमंद क्षेत्रीय बैंकों की पहचान
- नाबार्ड के परामर्श से उन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की पहचान की जाएगी जिन्हें पुनर्पूंजीकरण की आवश्यकता है। यह व्यवस्था वित्त मंत्री द्वारा 2018-19 के बजट घोषणा के अतिरिक्त होगी।
- बजट घोषणा में वित्तीय रूप से मज़बूत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को भारत सरकार, राज्य सरकार और प्रायोजक बैंक स्रोतों के अलावा अन्य स्रोतों से पूंजी निर्माण की स्वीकृति दी गई थी।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व सीमांत किसानों, कृषि-श्रमिकों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को ऋण व अन्य सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से की गईं थीं।
- इनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, व्यापार, वाणिज्य, उद्योग व अन्य उत्पादक गतिविधियों का विकास करना है।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भारत सरकार, संबंधित राज्य सरकार तथा प्रायोजक बैंक का एक संयुक्त उद्यम है जिसमें इनका पूंजी निवेश क्रमश: 50 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 35 प्रतिशत है।