सुशासन सूचकांक (Good Governance Index) | 28 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये:
सुशासन सूचकांक, विभिन्न मानदंड, उद्देश्य
मेन्स के लिये
शासन व्यवस्था में सुशासन सूचकांक का महत्त्व।
चर्चा में क्यों?
25 दिसंबर, 2019 ‘सुशासन दिवस’ (अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25दिसंबर) के अवसर पर ‘कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय’ (The Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions) द्वारा सुशासन सूचकांक (Good Governance Index- GGI) की शरुआत की गई है।
मुख्य बिंदु:
- इसे सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा शासन की स्थिति प्रभावों का आकलन करने के लिये एक समान उपकरण के रूप में तैयार किया गया है।
- GGI के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शासन की तुलना करने के लिये मात्रात्मक डेटा प्रदान करना।
- शासन में सुधार के लिये उपयुक्त रणनीति बनाने और लागू करने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सक्षम बनाना ताकि शासन व्यवस्था को और बेहतर एवं परिणामोन्मुखी बनाया जा सके।
GGI सूचकांक का निर्धारण :
- सूचकांक को वैज्ञानिक रूप से शासन के विभिन्न मापदंडों के आधार पर पर तैयार किया गया है तथा इसमें निम्नलिखित 10 क्षेत्रकों/सेक्टरों को ध्यान में रखा गया है:
- पर्यावरण
- कृषि और संबद्ध क्षेत्र
- वाणिज्य एवं उद्योग
- मानव संसाधन विकास
- सार्वजनिक स्वास्थ्य
- आर्थिक प्रशासन
सार्वजनिक अवसंरचना व उपयोगिताएँ - समाज कल्याण और विकास
- न्यायिक व सार्वजनिक सुरक्षा
- नागरिक केंद्रित प्रशासन। शोधकर्ताओं
उपरोक्त वर्णित दस शासन क्षेत्रों को पुनः 51 संकेतकों के आधार पर मापा जाता है।
मूल्य की गणना करने के लिये अंतर संकेतकों को एक शासन क्षेत्र के तहत अलग-अलग वेटेज़ दिया जाता है। जैसे कृषि और संबद्ध क्षेत्र के अंतर्गत अलग-अलग भार के साथ 6 संकेतकों को शामिल किया गया हैं-
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विकास दर (0.4)
2. खाद्यान्न उत्पादन की वृद्धि दर (0.1)
3. बागवानी उपज की विकास दर (0.1)
4. विकास दर दूध उत्पादन (0.1)
5. मांस उत्पादन की वृद्धि दर (0.1)
6. फसल बीमा (0.2)
- सूचकांक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तीन अलग-अलग समूहों में विभक्त किया गया है:
- बड़े राज्य
- उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्य और
- संघ राज्य क्षेत्र।
- वर्णित सभी संकेतकों पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अलग-अलग स्थान दिया गया है जिसके आधार पर इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये समग्र रैंकिंग की भी गणना की गई है।
समग्र रैंकिंग:
बड़े राज्यों में
- शीर्ष स्थान वाले तीन राज्य: तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक।
- निचले स्थान वाले तीन राज्य : ओडिशा, बिहार, गोवा।
रैंक | बड़े राज्य | अंक | रैंक | बड़े राज्य | अंक |
1 |
तमिलनाडु |
5.62 |
10 |
पश्चिम बंगाल |
4.84 |
पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में
- शीर्ष स्थान वाले तीन राज्य : हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और त्रिपुरा।
- निचले स्थान वाले तीन राज्य: अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मेघालय।
केंद्रशासित प्रदेशों में
- शीर्ष तीन राज्य: पांडिचेरी , चंडीगढ़ और दिल्ली।
- निचले स्थान पर: लक्षद्वीप।
पर्यावरण क्षेत्र में क्षेत्रवार रैंकिंग:
- शीर्ष तीन राज्य: पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु।
- निचले स्थान वाले 3 राज्य: तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और गोवा।
आर्थिक प्रशासन की श्रेणी में:
- इस श्रेणी के अंतर्गत कर्नाटक शीर्ष पर है।
स्वास्थ्य की श्रेणी में:
- इस श्रेणी में केरल शीर्ष पर है।
सुशासन:
सुशासन शासन व्यवस्था का एक रूप है जिसका आशय है किसी सामाजिक-राजनीतिक या प्रशासनिक इकाई को इस प्रकार चलाना कि वह सकारात्मक परिणाम दे।