भारतीय अर्थव्यवस्था
संयुक्त अरब अमीरात को सोने के आभूषण निर्यात में 42% की वृद्धि
- 25 Aug 2022
- 13 min read
प्रिलिम्स के लिये:व्यापार समझौतों के प्रकार, व्यापार समझौतों के विभिन्न प्रकार। मेन्स के लिये:भारत-संयुक्त अरब अमीरात CEPA। |
चर्चा में क्यों?
मई 2022 में लागू हुए मुक्त व्यापार समझौते के दो महीनों के भीतर ही भारत से संयुक्त अरब अमीरात को होने वाले सोने के आभूषणों का निर्यात 42% बढ़ा है।
- मई-जून, 2022 में संयुक्त अरब अमीरात को कुल निर्यात 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर को छू गया, जो वित्तीय वर्ष की तुलना में 17% अधिक है।
आभूषण निर्यात की वृद्धि से लाभ:
- भारतीय निर्यातकों को तुर्की जैसे देशों से सोने के आभूषणों में कड़ी प्रतिस्पर्द्धा का सामना करना पड़ रहा था और मुक्त व्यापार समझौते के पहले सोने का निर्यात गिरावट दर्ज कर रहा था।
- मुक्त व्यापार समझौता मई 2022 में खाड़ी राष्ट्र में आभूषणों पर निःशुल्क पहुँच की पेशकश के साथ लागू हुआ। इस शुल्क को हटाने से निर्यात को लाभ हुआ है।
- संयुक्त अरब अमीरात के बाज़ार में भारत अब ड्यूटी-फ्री आभूषणों का निर्यात कर सकता है जिस पर पहले 5 प्रतिशत शुल्क लगता था और इस तरह भारतीय उत्पाद संभवतः दक्षिणी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और मध्य एशिया के बाज़ारों में भी प्रवेश कर सकेगा।
- इसके बदले में भारत ने व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के तहत 200 टन तक के शिपमेंट के लिये संयुक्त अरब अमीरात से सोने के आयात पर 1% शुल्क रियायत की अनुमति दी है।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता
- वस्तु व्यापार:
- भारत को संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रदान की जाने वाले अधिमान्यता विशेष रूप से सभी श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिये बाज़ार पहुँच से लाभ होगा।
- जैसे- रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि तथा लकड़ी के उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल।
- सेवा व्यापार:
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात दोनों ने व्यापक सेवा क्षेत्रों में एक-दूसरे को बाज़ार पहुँच की पेशकश की है।
- जैसे- व्यावसायिक सेवाएँ, संचार सेवाएँ, निर्माण और संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएँ, वितरण सेवाएँ, शैक्षिक सेवाएँ', पर्यावरण सेवाएँ, वित्तीय सेवाएँ, स्वास्थ्य संबंधी और सामाजिक सेवाएँ, पर्यटन एवं यात्रा-संबंधित सेवाएँ, 'मनोरंजक सांस्कृतिक व खेल सेवाएँ' तथा 'परिवहन सेवाएँ' आदि।
- ट्रेड-इन फार्मास्यूटिकल्स:
- दोनों पक्षों ने निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले उत्पादों के लिये 90 दिनों में भारतीय फार्मास्यूटिकल्स उत्पादों विशेष रूप से स्वचालित पंजीकरण और विपणन प्राधिकरण तक पहुँच की सुविधा हेतु फार्मास्यूटिकल्स पर एक अलग अनुबंध पर भी सहमति व्यक्त की है।
व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA)
- यह एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता है जिसमें सेवाओं एवं निवेश के संबंध में व्यापार और आर्थिक साझेदारी के अन्य क्षेत्रों पर बातचीत करना शामिल है।
- यह व्यापार सुविधा और सीमा शुल्क सहयोग, प्रतिस्पर्द्धा तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों जैसे क्षेत्रों पर बातचीत किये जाने पर भी विचार कर सकता है।
- साझेदारी या सहयोग समझौते मुक्त व्यापार समझौतों की तुलना में अधिक व्यापक हैं।
- CEPA व्यापार के नियामक पहलू को भी देखता है और नियामक मुद्दों को कवर करने वाले एक समझौते को शामिल करता है।
- भारत ने दक्षिण कोरिया और जापान के साथ CEPA पर हस्ताक्षर किये हैं।
अन्य प्रकार के व्यापारिक समझौते:
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA):
- यह एक ऐसा समझौता है जिसे दो या दो से अधिक देशों द्वारा भागीदार देश को वरीय व्यापार समझौतों, टैरिफ रियायत या सीमा शुल्क में छूट आदि प्रदान करने के उद्देश्य से किया जाता है।
- भारत ने कई देशों के साथ FTA पर बातचीत की है जैसे- श्रीलंका और विभिन्न व्यापारिक ब्लॉकों से आसियान के मुद्दे पर।
- क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) आसियान के दस सदस्य देशों और छह देशों (ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत और न्यूज़ीलैंड) के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है, जिसके साथ आसियान के मौजूदा FTAs भी शामिल हैं।
- अधिमान्य या वरीय व्यापार समझौता (PTA):
- इस प्रकार के समझौते में दो या दो से अधिक भागीदार कुछ उत्पादों के संबंध में प्रवेश का अधिमान्य या वरीय अधिकार देते हैं। यह टैरिफ लाइन्स की एक सहमत संख्या पर शुल्क को कम करके किया जाता है।
- यहाँ तक कि PTA में भी कुछ उत्पादों के लिये शुल्क को घटाकर शून्य किया जा सकता है। भारत ने अफगानिस्तान के साथ एक PTA पर हस्ताक्षर किये हैं।
- व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA):
- व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA ) आमतौर पर केवल व्यापार शुल्क और टैरिफ-रेट कोटा (TRQ) दरों को बातचीत के माध्यम से तय करता है। यह CECA जितना व्यापक नहीं है। भारत ने मलेशिया के साथ CECA पर हस्ताक्षर किये हैं।
- द्विपक्षीय निवेश संधियाँ (BIT):
- यह एक द्विपक्षीय समझौता है जिसमें दो देश एक संयुक्त बैठक करते हैं तथा दोनों देशों के नागरिकों और फर्मों/कंपनियों द्वारा निजी निवेश के लिये नियमों एवं शर्तों को तय किया जाता है।
- व्यापार और निवेश फ्रेमवर्क समझौता (TIFA):
- यह दो या दो से अधिक देशों के बीच एक व्यापार समझौता है जो व्यापार के विस्तार और देशों के बीच मौजूदा विवादों को हल करने के लिये एक रूपरेखा तय करता है।
भारत का अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर:
अनुक्रमांक |
समझौते का नाम |
1. |
भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौता (FTA) |
2. |
दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र पर समझौता (SAFTA) |
3. |
भारत-नेपाल व्यापार संधि |
4. |
व्यापार, वाणिज्य और पार-गमन पर भारत-भूटान समझौता |
5. |
भारत-थाईलैंड FTA- अर्ली हार्वेस्ट स्कीम (EHS) |
6. |
भारत-सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) |
7. |
भारत-आसियान CECA - वस्तु, सेवाओं का व्यापार और निवेश समझौते (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) |
8. |
भारत-दक्षिण कोरिया व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) |
9. |
भारत-जापान CEPA |
10. |
भारत-मलेशिया CECA |
11. |
भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता (CEPA) |
12. |
भारत-UAE CEPA |
13. |
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) |
इसके अलावा भारत ने निम्नलिखित 6 सीमित कवरेज़ वरीय व्यापार समझौतों (PTA) पर हस्ताक्षर किये हैं:
अनुक्रमांक |
समझौते का नाम |
1. |
एशिया प्रशांत व्यापार समझौता (APTA) |
2. |
ग्लोबल सिस्टम ऑफ ट्रेड प्रिफरेंस (GSTP) |
3. |
सार्क वरीय व्यापार समझौता (SAPTA) |
4. |
भारत-अफगानिस्तान PTA |
5. |
भारत-मर्कोसुर (MERCOSUR) PTA |
6. |
भारत-चिली PTA |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रश्न: 'क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक' साझेदारी' शब्द अक्सर समाचारों में देखा जाता है इसे देशों के एक समूह के मामलों के रूप में जाना जाता है: (2016) (a) जी 20 उत्तर: (b) प्रश्न. 'ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। |