जैव विविधता और पर्यावरण
गोगाबील सामुदायिक रिज़र्व
- 13 Aug 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में गोगाबील को बिहार का पहला सामुदायिक रिज़र्व घोषित किया गया है जो बिहार का 15वाँ संरक्षित क्षेत्र (Protected Area) भी है।
प्रमुख बिंदु:
- गोगाबील बिहार के कटिहार ज़िलें में स्थित है जिसके उत्तर में महानंदा और कनखर तथा दक्षिण एवं पूर्व में गंगा नदी है।
- बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के इंडियन बर्ड कंज़र्वेशन नेटवर्क द्वारा गोगाबील को वर्ष 1990 में एक बंद क्षेत्र (Closed Area) के रूप में अधिसूचित किया गया था।
- इस बंद क्षेत्र (Closed Area) की स्थिति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत संरक्षित क्षेत्र में बदल दिया गया।
- इंडियन बर्ड कंज़र्वेशन नेटवर्क द्वारा वर्ष 2004 में गोगाबील को बाघार बील और बलदिया चौर सहित भारत का महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र घोषित किया गया था।
- गोगाबील एक स्थायी जल निकाय है, हालाँकि यह गर्मियों में कुछ हद तक सिकुड़ती है लेकिन कभी पूरी तरह से सूखती नहीं है।
- इस स्थल पर 90 से अधिक पक्षी प्रजातियों को दर्ज किया गया है, जिनमें से लगभग 30 प्रवासी हैं। इस स्थल पर ब्लैक इबिस, एश्ली स्वॉल श्रीके, जंगल बब्बलर, बैंक मैना, रेड मुनिया, उत्तरी लापविंग और स्पॉटबिल डक जैसी अन्य प्रजातियांँ मिलती हैं।
- IUCN द्वारा लेसर एडजुटेंट स्टॉर्क (Lesser Adjutant Stork) को सुभेद्य (Vulnerable) घोषित किया गया है, वहीं ब्लैक नेक्ड स्टॉर्क, व्हाइट इबिस और व्हाइट-आईड पोचर्ड को संकटापन्न (Near Threatened) श्रेणी में रखा गया है।