गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड शीर्ष परिषद से संपर्क करेगा | 04 Jul 2018
चर्चा में क्यों?
गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (GRMB) ने नई परियोजनाओं के निर्धारण के लिये जल संसाधन मंत्रालय (MoWR) की शीर्ष परिषद से संपर्क करने का निर्णय लिया है क्योंकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस पर मतभेद है कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में इस मुद्दे पर कोई स्पष्टता नहीं है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- शीर्ष परिषद का गठन गोदावरी और कृष्णा नदी बोर्डों के साथ आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों के तहत किया गया था और दो तेलुगू राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सदस्यता के साथ केंद्रीय जल संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में की गई थी।
- परिषद से संपर्क करने का निर्णय हाल ही में आयोजित बोर्ड की सातवीं बैठक में लिया गया| दोनों राज्य "नई" परियोजनाओं, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश में पेत्तिसीमा, चगलनाडु और पुरुषोत्थापत्तनम तथा तेलंगाना में कालेश्वरम के मुद्दे पर एक-दूसरे के खिलाफ लगातार शिकायतें कर रहे थे|नों राज्य अपनी-अपनी परियोजनाओं के पुराना होने का दावा कर रहे थे और एक-दूसरे पर उंगली उठा रहे थे|
- आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सहमति से बोर्ड की बैठक में गोदावरी बेसिन में ओडिशा द्वारा शुरू किये गए मध्य कोलाब बहुउद्देश्यीय परियोजना को तकनीकी रूप से मंज़ूरी दी गई।
दोनों राज्यों के बीच मतभेद
- अधिकारियों ने कहा कि दोनों राज्य पहले चरण में गोदावरी नदी की विभिन्न सहायक नदियों द्वारा पानी की मात्रा को मापने के लिये टेलीमेट्री उपकरणों की स्थापना करने पर सहमत हुए थे।
- हालाँकि दोनों राज्य बेसिन में नई परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) प्रस्तुत करने पर सहमत हुए थे लेकिन दोनों के बीच मतभेद के कारण परियोजना रिपोर्ट को प्रस्तुत नहीं किया जा सका|
- तेलंगाना ने पट्टीसीमा परियोजना के माध्यम से गोदावरी नदी के जल के कृष्णा बेसिन में मार्ग परिवर्तन को लेकर अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत की थीं|
- बैठक में लिये गए अन्य निर्णयों में आंध्र प्रदेश मसौदा तथा कर्मियों के समायोजन नियम के परीक्षण के लिये 2018-19 के बजट में 3.20 करोड़ रुपए देने तथा GRMB के लिये काम करने वाले केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा (चिकित्सा उपस्थिति) नियम के प्रावधानों के अंतर्गत विस्तारित करने पर सहमत हो गया|
गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड
- आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की धारा 85 की उपधारा (1), (4) और (5) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा 28 मई, 2014 को नदी से संबंधित परियोजनाओं के प्रशासन, विनियमन, रख-रखाव और संचालन के लिये गोदावरी नदी प्रबंधन बोर्ड (GRMB) का गठन किया गया।