सामाजिक न्याय
वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट-2019 और भारत
- 18 Oct 2019
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:
विश्व स्वास्थ्य संगठन, तपेदिक, मॉस्को घोषणा
मेन्स के लिये:
वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट- 2019 (Global Tuberculosis Report- 2019) जारी की है।
मुख्य बिंदु:
- वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट-2019 के आँकड़े 202 देशों और क्षेत्रों से लिये गए हैं जो विश्व की लगभग 99% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- यह रिपोर्ट सतत् विकास लक्ष्य क्रमांक- 3 के लक्ष्यों को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रगति प्रस्तुत करती है। सतत् विकास लक्ष्य क्रमांक-3 के अनुसार, सभी आयु के लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करना तथा वर्ष 2030 तक तपेदिक का उन्मूलन करना है।
- यह रिपोर्ट वर्ष 2018 में तपेदिक पर पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च-स्तरीय बैठक में निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में प्रगति प्रस्तुत करती है।
भारत की स्थिति:
- वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट-2019 के अनुसार, भारत में पिछले वर्ष तपेदिक के रोगियों की संख्या में 50000 की कमी आई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में भारत में तपेदिक रोगियों की संख्या 27.4 लाख थी जो वर्ष 2018 में घटकर 26.9 लाख हो गई।
- वर्ष 2017 में प्रति एक लाख लोगों पर तपेदिक के रोगियों की संख्या 204 थी जो कि वर्ष 2018 में घटकर 199 हो गई।
- एक परीक्षण के अनुसार रिफम्पिसिन (Rifampicin) प्रतिरोधक रोगियों की संख्या वर्ष 2017 के 32% से बढ़कर वर्ष 2018 में 46% हो गई।
- वर्ष 2017 में तपेदिक के नए और पुनः तपेदिक (ड्रग सेंसिटिव) ग्रस्त रोगियों के इलाज की सफलता दर 81% हो गई जो कि 2016 में 69% थी।
- भारत में वर्ष 2018 में तपेदिक के लगभग 2.69 मिलियन मामले सामने आए परंतु उनमें से 2.15 मिलियन मामलों की सूचना भारत सरकार के पास मौज़ूद थी तथा लगभग 5,40,000 रोगियों की पहचान नहीं हो पाई ।
तपेदिक उन्मूलन की दिशा में भारत के प्रयास:
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ‘इंडिया टी. बी. रिपोर्ट’ के अनुसार भारत ऑनलाइन अधिसूचना प्रणाली ‘निक्षय’ (NIKSHAY) के माध्यम से सभी तपेदिक मामलों को कवर करने के निकट है।
- इंडिया टी.बी.रिपोर्ट में कहा गया है कि तपेदिक के सभी रोगियों को नि:शुल्क उपचार सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच प्रदान कर उन्हें अत्याधुनिक नैदानिक परीक्षण की सुविधा एवं गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराई गईं हैं।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत तपेदिक से प्रभावित रोगियों को प्रत्यक्ष हस्तांतरण योजना के अंतर्गत पोषक आहार के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
- MDR (Multi Drug Resistance) तपेदिक के मामलों में ओरल ड्रग्स (Oral Drugs) को बेडाक्युलिन (Bedaquiline) जैसी दवाओं से बदला जा रहा है।
वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन वर्ष 1997 से प्रत्येक वर्ष विश्व तपेदिक रिपोर्ट जारी करता है।
- इसका उद्देश्य तपेदिक के निदान के लिये वैश्विक, क्षेत्रीय तथा देशों के स्तर पर व्यक्त की गईं प्रतिबद्धताओं और रणनीतियों के संदर्भ में व्यापक एवं अद्यतन मूल्यांकन करना है।
मास्को घोषणा घोषणा:
- तपेदिक के उन्मूलन के लिये नवंबर 2017 में मास्को में विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के सम्मिलित प्रयासों से पहली बार मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित हुई।
- मास्को घोषणा में वर्ष 2030 तक तपेदिक उन्मूलन का वैश्विक लक्ष्य रखा गया है।
निष्कर्ष :
सतत् विकास लक्ष्य क्रमांक-3 की प्राप्ति हेतु अर्थात् सभी व्यक्तियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक सुलभ पहुँच स्थापित करने और तपेदिक जैसे संक्रामक रोग के उन्मूलन के लिये सभी राष्ट्रों को प्रयास करना चाहिये।