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सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट- 2018

  • 08 Dec 2018
  • 8 min read

चर्चा में क्यों?


हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट- 2018 (Global status report on road safety 2018) जारी की जिसके अनुसार, सड़क हादसे में होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

रिपोर्ट के अनुसार,

  • सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या सालाना 1.35 मिलियन के स्तर पर पहुँच गयी है।
  • सड़क दुर्घटना के कारण प्रत्येक 23 सेकेंड में एक मौत होती है।
  • 5 से 29 साल की उम्र के बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारक सड़क हादसों में लगी चोट है।
  • वैश्विक स्तर पर सड़क हादसों में होने वाली मौतों की कुल संख्या में वृद्धि के बावजूद, हाल के वर्षों में विश्व जनसंख्या के आकार के सापेक्ष मृत्यु की दर स्थिर हो गई है। इससे पता चलता है कि कुछ मध्यम और उच्च आय वाले देशों में मौजूदा सड़क सुरक्षा प्रयासों के कारण इस स्थिति में कमी आई है।

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  • वास्तव में, उच्च आय वाले देशों की तुलना में कम आय वाले देशों में सड़क यातायात में होने वाली मृत्यु का खतरा तीन गुना अधिक रहता है।
  • अफ्रीका में सड़क यातायात में होने वाली मृत्यु की दरें सबसे अधिक (प्रति 100,000 की जनसंख्या पर 26.6) और यूरोप में सबसे कम (प्रति 100,000 की आबादी पर 9.3) हैं।
  • रिपोर्ट के पिछले संस्करण के बाद से दुनिया के तीन क्षेत्रों- अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत में सड़क यातायात की मौत दरों में गिरावट आई है।
  • सड़क यातायात की मौतों में विविधता सड़क उपयोगकर्त्ता के प्रकार से भी प्रभावित होता है। वैश्विक स्तर पर, सड़क हादसों में होने वाली मौतों में पैदल यात्री और साइकिल चालकों का प्रतिशत 26% था, इस आँकड़ों में 44% के लिये अफ्रीका और 36% के लिये पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र (Eastern Mediterranean) ज़िम्मेदार है।
  • सड़क यातायात में होने वाली कुल मौतों में मोटरसाइकिल सवार और यात्रियों की हिस्सेदारी 28% है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह अनुपात अधिक है, उदाहरण के लिये दक्षिण-पूर्व एशिया में यह 43% और पश्चिमी प्रशांत में 36% है।

रिपोर्ट के बारे में

  • सड़क सुरक्षा पर WHO की वैश्विक स्थिति रिपोर्ट हर दो से तीन साल जारी की जाती है, और सड़क सुरक्षा कार्यवाही के दशक (Decade of Action for Road Safety) 2011-2020 हेतु महत्त्वपूर्ण निगरानी उपकरण के रूप में कार्य करती है।
  • इससे पूर्व यह रिपोर्ट 2015 में जारी की गई थी।
  • सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट 2018 ब्लूमबर्ग फिलेंथ्रोपिज़ (Bloomberg Philanthropies) द्वारा वित्त पोषित है।

रिपोर्ट के अन्य निष्कर्ष


2015 में जारी पिछली रिपोर्ट की तुलना में, सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट 2018 के अन्य निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

  • 22 अतिरिक्त देशों ने एक या अधिक जोखिम कारकों पर अपने कानूनों में संशोधन किया ताकि उन्हें सर्वोत्तम तरीके से लागू किया जा सके और 1 बिलियन अतरिक्त लोगों को शामिल किया जा सके।
  • 3 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 46 देशों में गति सीमा तय करने संबंधी कानून है जो सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप है।
  • वर्तमान में 2.3 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 45 देशों में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कानून हैं जो सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप हैं।
  • 2.7 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 49 देशों में वर्तमान में मोटरसाइकिल चलते समय हेलमेट के उपयोग पर कानून हैं यह भी सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप है।
  • 5.3 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 105 देशों में, वर्तमान में सीट-बेल्ट के उपयोग पर कानून हैं जो सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप हैं।
  • 652 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 33 देशों में वर्तमान में बाल संयम प्रणाली (child restraint systems) के उपयोग पर कानून हैं जो सर्वोत्तम अभ्यास के साथ संरेखित होते हैं।
  • वर्तमान में 114 देशों ने मौजूदा सड़कों का कुछ व्यवस्थित मूल्यांकन या स्टार रेटिंग शुरू की है।
  • 1 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले केवल 40 देशों ने संयुक्त राष्ट्र वाहन सुरक्षा मानकों (UN vehicle safety standards) कम से कम 7 या सभी 8 प्राथमिकता मानकों को लागू किया है।
  • आपातकालीन देखभाल प्रणाली को सक्रिय करने के लिये आधे से अधिक देशों (62%) के पास देश में पूर्ण कवरेज वाला एक टेलीफोन नंबर है।
  • 55% देशों में प्री-अस्पताल देखभाल प्रदाताओं (pre-hospital care providers) को प्रशिक्षित और प्रमाणित करने के लिये औपचारिक प्रक्रिया है।

WHO रिपोर्ट और भारत


भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आकलन सर्वोच्च न्यायलय की उस टिपण्णी से ही लगाया जा सकता है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कहा कि देश में इतने लोग सीमा पर या आतंकी हमले में नहीं मरते जितने सडकों पर गड्ढों की वज़ह से मर जाते हैं। लोगों का इस तरह मरना निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है।

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  • WHO के अनुमान के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की दर प्रति 100,000 पर 22.6 है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शहरों में यातायात दुर्घटनाओं में कमी आई है और मीडिया अभियानों तथा मजबूत प्रवर्तन के माध्यम से अधिकाँश शहरों में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या में कमी आई है।
  • इसके बावजूद भारत में वर्ष 2016 में 150,785 मौते सड़क दुर्घटनाओं में हुईं। इस प्रवृत्ति से पता चलता है कि 2007 से अब तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • भारत ने लोगों की सुरक्षा के लिये आवश्यक अधिकांश नियमों को स्थापित किया है, लेकिन ये नियम सडकों पर होने वाली मौतों के आँकड़ों को कम करने में असफल रहे हैं।
  • अतः सतत् विकास एजेंडा 2030 की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये सरकारों को अपने सड़क सुरक्षा प्रयासों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
  • रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र वाहन सुरक्षा मानकों की प्राथमिकता के सात या आठ के कार्यान्वयन के लिये भारत को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

स्रोत : WHO वेबसाइट एवं डाउन टू अर्थ

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