जैव विविधता और पर्यावरण
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2019
- 17 Jan 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैश्विक जोखिम परिदृश्य के संदर्भ में वर्ल्ड इकनोमिक फोरम द्वारा वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2019 (Global Risk Report-2019) जारी किया गया।
ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2019
- ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट, 2019 वर्तमान में वैश्विक जोखिम परिदृश्य को दर्शाने और इस संदर्भ में कार्रवाई हेतु प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर प्रदान करती है।
- इस वर्ष की रिपोर्ट में “what if” (क्या हो अगर) शब्दों की एक श्रृंखला शामिल की गई है जिसमें भविष्य में आने वाले जोखिमों जैसे कि क्वांटम कंप्यूटिंग, मौसम में तात्कालिक परिवर्तन, मौद्रिक लोकलुभावनवाद (Monetary Populism), भावनात्मक रूप से उत्तरदायी कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य संभावित जोखिमों पर चर्चा की गई है।
- इस रिपोर्ट द्वारा वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक (Geopolitical ) और भू-आर्थिक (Geo-economic) समस्याओं की पृष्ठभूमि पर चिंता व्यक्त करते हुए पर्यावरण पर पड़ने वाले नकारात्मक परिवर्तनों से लेकर चौथी औद्योगिक क्रांति के मार्ग में आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला गया है।
- इस रिपोर्ट में वर्तमान के वैश्विक जोखिम सर्वेक्षण के परिणामों को प्रस्तुत किया गया है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, शिक्षा और नागरिक समाज से लगभग 1,000 सदस्यों द्वारा दुनिया के सामने आने वाले जोखिमों का आकलन किया गया है।
- आने वाले दस वर्षों में वैश्विक स्तर पर मौसम एवं जलवायु-परिवर्तन नीति की विफलता को सबसे गंभीर खतरों के रूप में बताया जा रहा है।
- वैश्विक जोखिमों के मानवीय कारणों और प्रभावों पर विशेष ध्यान देते हुए दुनिया भर में मनोवैज्ञानिक तनाव के बढ़ते स्तर पर सकारात्मक कदम उठाने पर बल दिया गया है।
वर्ल्ड इकनोमिक मंच (World Economic Forum)
विश्व आर्थिक मंच सार्वजनिक-निजी सहयोग हेतु एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व के प्रमुख व्यावसायिक, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अग्रणी लोगों के लिये एक मंच के रूप में काम करना है।
- यह स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है और इसका मुख्यालय जिनेवा में है।
- इस फोरम की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम. श्वाब ने की थी।
- इस संस्था की सदस्यता अनेक स्तरों पर होती है और ये स्तर संस्था के काम में उनकी सहभागिता पर निर्भर करते हैं।
- इसके माध्यम से विश्व के समक्ष मौजूद महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।