भारतीय अर्थव्यवस्था
वैश्विक निवेश रुझान मॉनीटर रिपोर्ट
- 21 Jan 2020
- 9 min read
प्रीलिम्स के लिये:वैश्विक निवेश रुझान मॉनीटर रिपोर्ट 2019, UNCTAD, FDI, European Union, मेन्स के लिये:FDI का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, FDI और भारतीय अर्थव्यवस्था, FDI और निजीकरण |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nation Conference On Trade and Development- UNCTAD) द्वारा वैश्विक निवेश रुझान मॉनीटर रिपोर्ट 2019 (Global Investment Trend Monitor Report 2019) जारी की गई।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
रिपोर्ट में निहित महत्त्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं-
- भारत, वर्ष 2019 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) के शीर्ष 10 प्राप्तकर्त्ताओं में शामिल रहा है, इसका प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 49 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 1.39 ट्रिलियन डॉलर रहा। वर्ष 2018 में संशोधित FDI 1.41 ट्रिलियन डॉलर था, अर्थात् वर्ष 2019 में वर्ष 2018 की तुलना में वैश्विक FDI में 1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
- विकासशील देश वैश्विक FDI के लगभग आधे से अधिक FDI प्राप्त करते हैं।
- ध्यातव्य है कि दक्षिण एशिया ने FDI में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की है।
- गौरतलब है कि भारत ने वर्ष 2018 की तुलना में FDI प्राप्ति में 16% वृद्धि की है, जो दक्षिण एशिया के FDI प्राप्ति में वृद्धि का मुख्य कारण है।
- भारत ने FDI में वर्ष 2018 में दर्ज किये गए 42 बिलियन अमेरिकी डॉलर में 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वर्ष 2019 में FDI का अनुमानित 49 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त किया है।
- विकसित देशों में FDI का प्रवाह ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर रहा, जो कि 6 प्रतिशत घटकर अनुमानित 643 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- यूरोपीय संघ (European Union- EU) का FDI 15 प्रतिशत गिरकर 305 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में FDI प्रवाह का शून्य विकास हुआ, जिसे वर्ष 2018 में 254 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में वर्ष 2019 में 251 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ।
- इसके बावजूद संयुक्त राज्य अमेरिका FDI का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता रहा, इसके बाद चीन में 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सिंगापुर में 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर का FDI प्राप्त हुआ। गौरतलब है कि इस मामले में भारत आठवें स्थान पर रहा।
- चीन के FDI प्रवाह में भी शून्य वृद्धि देखी गई। ध्यातव्य है कि वर्ष 2018 में इसका FDI अंतर्प्रवाह 139 अमेरिकी डॉलर था और वर्ष 2019 में यह 140 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। साथ ही ब्रेक्ज़िट (Brexit) के कारण ब्रिटेन के FDI में 6 प्रतिशत की कमी देखी गई।
- रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पार से विलय और अधिग्रहण (Cross-Border Mergers & Acquisitions- M&As) वर्ष 2019 में 40 प्रतिशत घटकर 490 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है जो वर्ष 2014 के बाद से सबसे निचला स्तर है।
- यूरोज़ोन की वृद्धि और सुस्त ब्रेक्ज़िट से यूरोपीय M&As की बिक्री में कमी आई है, जो 190 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गई है।
- वैश्विक सीमा पार से M&As की बिक्री में गिरावट सेवा क्षेत्र में सबसे अधिक (207 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 56% की गिरावट) देखी गई, इसके बाद विनिर्माण (249 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 19 प्रतिशत की गिरावट) और प्राथमिक क्षेत्र (34 बिलियन अमेरिकी डॉलर या 14 प्रतिशत की गिरावट) में गिरावट देखी गई।
(FDI से संबंधित आँकडे बिलियन अमेरिकी डॉलर में )
रिपोर्ट में प्रदर्शित आँकड़ों के मायने
- UNCTAD को उम्मीद है कि वर्ष 2020 में FDI प्रवाह में तेज़ी से वृद्धि होगी क्योंकि मौजूदा अनुमानों से पता चलता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था वर्ष 2009 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से अपने सबसे कमज़ोर प्रदर्शन में कुछ हद तक सुधार करेगी।
- कॉरपोरेट क्षेत्र के लाभ में बढ़ोतरी की उम्मीद है और व्यापार तनाव के कम होने के संकेत उभर रहे हैं।
- हालाँकि घोषित ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में 22 प्रतिशत की कमी भविष्य के रुझानों के उच्च भू-राजनीतिक जोखिमों का सूचक है।
- रिपोर्ट के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि, सकल स्थिर पूंजी निर्माण (Gross Fixed Capital Formation) और वैश्विक स्तर पर व्यापार तथा कई उभरते बाज़ारों में वृद्धि का अनुमान है।
- मैक्रोइकोनॉमिक स्थितियों में सुधार से बहुराष्ट्रीय उद्यमों (Multinational Enterprises- MNEs) को उत्पादक संपत्तियों में फिर से निवेश शुरू करने के लिये प्रेरित किया जा सकता है।
- सस्ती मुद्रा (Cheap Money) तक उनकी आसान पहुँच को देखते हुए वर्ष 2020 में कॉर्पोरेट लाभ के बेहतर रहने की उम्मीद है और संयुक्त राज्य अमेरिका एवं चीन के बीच व्यापार तनाव को कम करने की उम्मीद की जा सकती है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
(Foreign Direct Investment- FDI)
- यह एक समूह द्वारा किसी देश के व्यवसाय या निगम में स्थायी हितों को स्थापित करने के इरादे से किया गया निवेश होता है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment - FDI) आर्थिक विकास का एक प्रमुख वाहक और देश में आर्थिक विकास के लिये गैर-ऋण वित्त का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से घरेलू अर्थव्यवस्था में नई पूंजी, नई प्रौद्योगिकी आती है और रोज़गार के मौके बढ़ते हैं।
व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD)
- वर्ष 1964 में स्थापित व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development- UNCTAD) विकासशील देशों के विकास के अनुकूल उनके एकीकरण को विश्व अर्थव्यवस्था में बढ़ावा देता है।
- यह एक स्थायी अंतर-सरकारी निकाय है।
- इसका मुख्यालय जिनेवा (Geneva), स्विट्ज़रलैंड में है।
- इसके द्वारा प्रकाशित कुछ प्रमुख रिपोर्ट:
- व्यापार और विकास रिपोर्ट (Trade and Development Report)
- विश्व निवेश रिपोर्ट (World Investment Report)
- न्यूनतम विकसित देश रिपोर्ट (The Least Developed Countrie Report)
- सूचना एवं अर्थव्यवस्था रिपोर्ट (Information and Economy Report)
- प्रौद्योगिकी एवं नवाचार रिपोर्ट (Technology and Innovation Report)
- वस्तु तथा विकास रिपोर्ट (Commodities and Development Report)