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भारतीय अर्थव्यवस्था

वैश्विक समावेशी समृद्धि सूचकांक

  • 02 Dec 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

वैश्विक समावेशी समृद्धि सूचकांक, PICSA

मेन्स के लिये:

आर्थिक और सामाजिक समावेश संबंधी मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तरी स्पेन के बिलबाओ में पहली बार ‘प्रॉस्पेरिटी एंड इन्क्लूजन सिटी सील एंड अवार्ड्स’ (Prosperity and Inclusion City Seal and Awards- PICSA) सूचकांक जारी किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • सूचकांक में वैश्विक आर्थिक और सामाजिक समावेश के मामले में विश्व के शीर्ष 113 शहरों में 3 भारतीय शहरों को स्थान दिया गया है।
  • इस सूची में बंगलुरु 83वें, दिल्ली 101वें और मुंबई 107वें स्थान पर हैं।
  • समावेशी समृद्धि सूचकांक में शीर्ष तीन स्थानों पर क्रमशः ज्यूरिख, वियना और कोपेनहेगन है।
  • इस सूची में बिलबाओ को 20वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
  • शीर्ष 20 शहरों को समावेशी समृद्धि के निर्माण के लिये PICSA सील से सम्मानित किया गया।
  • चीनी गणराज्य का ताइपे शहर (6) एकमात्र एशियाई शहर है जो शीर्ष 20 शहरों में स्थान बना सका है।
  • दुनिया के सबसे अमीर देशों में शामिल लंदन और न्यूयॉर्क क्रमशः 33वें और 38वें स्थान पर रहे।
  • सूची में सबसे निचले पायदान पर मिस्र की राजधानी काहिरा (113) है।

वैश्विक समावेशी समृद्धि सूचकांक:

  • यह सूचकांक बास्क संस्था की ओर से डी एंड एल पार्टनर्स (D&L Partners) ने तैयार किया है।
  • यह सूचकांक किसी शहर का केवल आर्थिक विकास ही नहीं , बल्कि विकास की गुणवत्ता और जनसंख्या के बीच इसके वितरण को भी दर्शाता है।
  • इसके तहत अर्थव्यवस्था में लोगों की स्थिति का समग्र रूप से अध्ययन किया गया।
  • इस सूचकांक में अध्ययन को 3 पिलर्स के अंतर्गत श्रेणीबद्ध किया गया है।
  • पिलर 1 के अंतर्गत आय, आय का वितरण, शिक्षा और नौकरी संबंधी अवसरों की उपलब्धि शामिल है।
  • पिलर 2 में अलग अलग सामजिक समूहों की समाज में भागीदारी को शामिल किया गया है।
  • पिलर 3 लोगों के जीवन की गुणवत्ता, आवासीय सामर्थ्य और शहरों के आधारभूत ढाँचे से संबंधित है।

स्रोत-द हिंदू

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