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ग्लोबल एनर्जी मॉनीटर का ग्लोबल कोल प्लांट ट्रैकर

  • 30 Nov 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ग्लोबल एनर्जी मॉनीटर, GEM का ग्लोबल कोल प्लांट ट्रैकर, दुनिया भर में कोयला बिजली परियोजनाओं की स्थिति।

मेन्स के लिये:

वैश्विक ऊर्जा मॉनीटर, दुनिया भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप सहित)।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा  में क्यों?

हाल ही में दुनिया भर में कोयला परियोजनाओं को सूचीबद्ध करने वाली गैर-लाभकारी संस्था ग्लोबल एनर्जी मॉनीटर (GEM) ने GEM के ग्लोबल कोल प्लांट ट्रैकर का अपना त्रैमासिक अपडेट जारी किया है, जिसमें दुनिया भर में कोयला बिजली परियोजनाओं की स्थिति के बारे में कई प्रमुख निष्कर्षों पर प्रकाश डाला गया है।

GEM रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?

  • कोयला निर्माण में वैश्विक रुझान:
    • वर्ष 2023 में निर्माण शुरू होने वाली 95% से अधिक कोयला संयंत्र क्षमता चीन में है, जो नई कोयला परियोजनाओं में प्रभुत्व को दर्शाता है।
    • लगातार दूसरे वर्ष नई कोयला बिजली क्षमता निर्माण में गिरावट देखी गई है, जो कई क्षेत्रों में कोयले के उपयोग को कम करने के संकेत हैं।
  • विचाराधीन कोयला क्षमता:
    • 32 देशों में 110 गीगावाट कोयला बिजली क्षमता पर विचार किया जा रहा है, जिससे पता चलता है कि बड़ी मात्रा में कोयला परियोजनाओं पर अभी भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।
    • भारत, बांग्लादेश और इंडोनेशिया अग्रणी देश हैं, जिनमें चीन के बाहर प्रस्तावित कोयला क्षमता का 83% हिस्सा शामिल है
  • परियोजना की स्थिति पर रुझान:
    • वर्ष 2023 के पहले नौ महीनों में कई देशों में 18.3 गीगावाट क्षमता वाले कोयला चालित संयंत्र स्थापना परियोजनाएँ प्रस्तावित की गई थी, जिसे स्थगित या रद्द कर दिया गया है।
    • रद्द करने के बावजूद भारत, इंडोनेशिया, कज़ाखस्तान और मंगोलिया में 15.3 गीगावाट के पूरी तरह से कई नए प्रस्ताव सामने आए हैं
    • जुलाई 2023 तक भारत, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और वियतनाम चीन के बाहर निर्माणाधीन 67 गीगावाट कोयला विद्युत क्षमता के 84% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • भारतीय परिदृश्य:
    • भारत ने वर्ष 2032 तक कोयले से चलने वाले विद्युत संयंत्र की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करने की योजना बनाई है, जिसका लक्ष्य राष्ट्रीय विद्युत योजना 2022-32 (NEP) में पहले निर्धारित लक्ष्य  27 गीगावाट की तुलना में 80 गीगावाट कर दिया गया है।
    • भारत में विशिष्ट राज्यों ने कोयला संयंत्र परियोजनाओं में प्रगति दर्शाई है, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में परमिट दिये गए हैं और प्रगति की सूचना दी है।
  • सिफारिशें:
    • जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के बीच रिपोर्ट ग्लोबल वार्मिंग को प्रभावी ढंग से सीमित करने के लिये बिना किसी विनियम के नए कोयला विद्युत संयंत्रों के निर्माण को रोकने की तत्काल आवश्यकता पर ज़ोर देती है।

ग्लोबल एनर्जी मॉनीटर (GEM) क्या है?

  • परिचय:
    • GEM स्वच्छ ऊर्जा के लिये विश्वव्यापी आंदोलन के समर्थन में जानकारी विकसित करने के साथ उसे साझा भी करता है।
    • विकसित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा परिदृश्य का अध्ययन करके और समझ बढ़ाने वाले डेटाबेस, रिपोर्ट एवं इंटरैक्टिव टूल बनाकर GEM विश्व की ऊर्जा प्रणाली के लिये एक खुली मार्गदर्शिका निर्मित करना चाहता है।
    • GEM के डेटा और रिपोर्ट के उपयोगकर्त्ताओं में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम, विश्व बैंक और ब्लूमबर्ग ग्लोबल कोल काउंटडाउन शामिल हैं।
  • ग्लोबल कोल प्लांट ट्रैकर:
    • यह एक ऑनलाइन डेटाबेस है जो प्रत्येक ज्ञात कोयला आधारित उत्पादन इकाई के साथ-साथ वर्ष 2010 से प्रस्तावित प्रत्येक नई इकाई (30 मेगावाट और बड़ी) की पहचान करता है और उसका मानचित्रण करता है।
    • GEM द्वारा विकसित ट्रैकर प्रत्येक प्लांट का दस्तावेज़ीकरण करने के लिये फुटनोट WiKi पेजों का उपयोग करता है और इसे जनवरी एवं जुलाई के आसपास वार्षिक रूप से अपडेट किया जाता है।

कोयला क्या है?

  • परिचय:
    • यह एक प्रकार का जीवाश्म ईंधन है जो तलछटी चट्टानों के रूप में पाया जाता है और इसे प्राय: 'ब्लैक गोल्ड' के नाम से जाना जाता है।
    • यह ऊर्जा का एक पारंपरिक स्रोत है और व्यापक रूप से उपलब्ध है। इसका उपयोग घरेलू ईंधन के रूप में लोहा एवं इस्पात, भाप इंजन जैसे उद्योगों में बिजली उत्पादित करने के लिये किया जाता है। कोयले से प्राप्त बिजली को तापीय ऊर्जा कहा जाता है।
    • विश्व के प्रमुख कोयला उत्पादकों में चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, भारत शामिल हैं।
  • भारत में कोयला वितरण:
    • गोंडवाना कोयला क्षेत्र (250 मिलियन वर्ष पुराना):
      • गोंडवाना कोयला भारत में कुल भंडार का 98% और कोयले के उत्पादन का 99% भाग है।
      • गोंडवाना कोयला भारत के धातुकर्म ग्रेड के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता वाले कोयले का निर्माण करता है।
      • यह दामोदर (झारखंड-पश्चिम बंगाल), महानदी (छत्तीसगढ़-ओडिशा), गोदावरी (महाराष्ट्र) तथा नर्मदा घाटियों में पाया जाता है।
    • टर्शियरी कोयला क्षेत्र (15-60 मिलियन वर्ष पुराना):
      • कार्बन की मात्रा बहुत कम होती है लेकिन नमी और सल्फर प्रचुर मात्रा में होता है।
      • टर्शियरी कोयला क्षेत्र मुख्यतः अतिरिक्त-प्रायद्वीपीय क्षेत्रों तक ही सीमित हैं।
      • महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में असम, मेघालय, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की हिमालय की तलहटी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केरल शामिल हैं।
  • वर्गीकरण:
    • एन्थ्रेसाइट (80-95% कार्बन सामग्री), यह जम्मू-कश्मीर में कम मात्रा में पाया जाता है।
    • बिटुमिनस (60-80% कार्बन सामग्री), यह  झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पाया जाता है।
    • लिग्नाइट (40 से 55% कार्बन सामग्री), यह राजस्थान, लखीमपुर (असम) एवं तमिलनाडु में पाया जाता है।
    • पीट (40% से कम कार्बन सामग्री), यह कार्बनिक पदार्थ (लकड़ी) से कोयले में परिवर्तन के पहले चरण में है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:  (2019)

1. भारत सरकार द्वारा कोयला क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी के कार्यकाल में किया गया था।
2. वर्तमान में कोयला खंडों का आवंटन लॉटरी के आधार पर किया जाता है।
3. भारत हाल के समय तक घरेलू आपूर्ति की कमी को पूरा करने के लिये कोयले का आयात करता था, किंतु अब भारत कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या: 

  • वर्ष 1972 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्त्व काल में कोयला क्षेत्र का दो चरणों में राष्ट्रीयकरण किया गया था।
  •  कोयला खंडो का आवंटन नीलामी के माध्यम से किया जाता है, न कि लॉटरी के आधार पर।
  •  कोयला क्षेत्र भारत में एकाधिकार क्षेत्र है। भारत के पास विश्व का 5वाँ सबसे बड़ा कोयला भंडार है, लेकिन एकाधिकार फर्मों द्वारा कोयला उत्पादन की अक्षमता के कारण यह घरेलू आपूर्त्ति की कमी को पूरा करने के लिये कोयले का आयात करता है। लेकिन अभी भी देश कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है।
  • अतः विकल्प (a) सही है।

प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारतीय कोयले का/के अभिलक्षण है/हैं? (2013)

1- उच्च भस्म अंश
2- निम्न सल्फर अंश
3- निम्न भस्म संगलन तापमान

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


मेन्स परीक्षा: 

प्रश्न: गोंडवानालैंड के देशों में से एक होने के बावजूद भारत के खनन उद्योग अपने सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.)  में बहुत कम प्रतिशत का योगदान देते हैं। विवेचना कीजिये। (2021)

प्रश्न: "प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव के बावजूद कोयला खनन विकास के लिये अभी भी अपरिहार्य है"। विवेचना कीजिये  (2017)

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