अंटार्कटिक ग्लेशियर में बड़ा छिद्र/विवर | 02 Feb 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नासा के वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक ग्लेशियर (Antarctic Glacier) में लगभग 300 मीटर लंबे विशाल विवर/ छिद्र की खोज की है, जो पश्चिमी अंटार्कटिका में थवाइट्स ग्लेशियर (Thwaites Glacier) के तल पर बढ़ रहा है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- थवाइट्स ग्लेशियर के तल पर बढ़ रहा विशाल छिद्र बर्फ की चादर के तेज़ी से क्षय और जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक समुद्री स्तर में वृद्धि का संकेत देता है।
- ‘साइंस एडवांस’ पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष अंटार्कटिक ग्लेशियरों के विस्तृत अवलोकन की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है, जो यह बताती है कि ग्लोबल वार्मिंग की प्रक्रिया से समुद्र स्तर कितनी तेज़ी से बढेगा।
- नासा के शोधकर्त्ताओं के अनुसार थवाइट्स ग्लेशियर के तल में उपस्थित बर्फ और आधारशैल के बीच कुछ अंतराल पाया गया है, जहां से समुद्र का पानी बह सकता है और ग्लेशियर को पिघला सकता है।
- हाल में पाए गए छिद्र के आकार और विस्फोटक में वृद्धि दर चिंताजनक है। यह काफी बड़ा है जिसमें 14 बिलियन टन बर्फ है, तथा इसमें से अधिकांश बर्फ पिछले तीन वर्षों में पिघल गई है।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, वर्तमान में वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि लगभग 4% के लिये थवाइट्स ग्लेशियर ज़िम्मेदार है।
- 2010 में नासा के एक हवाई अभियान ऑपरेशन आइसब्रिज में आइस-मर्मज्ञ रडार (Ice-Penetrating Radar) द्वारा छिद्र का पता चल पाया था, जो ध्रुवीय क्षेत्रों एवं वैश्विक जलवायु के बीच संबंध का अध्ययन करता है।