आम बजट 2019-20 | 09 Jul 2019
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को अपना पहला बजट (वर्ष 2019-20) संसद में पेश किया।
- रक्षा बजट के लिये 3.18 लाख करोड़ रुपए दिये गए हैं। यह वर्ष 2018-19 के 2 लाख 95 हजार 511 रुपए की तुलना में 7.93 प्रतिशत अधिक है और पिछली बार से इसमें 20 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 62,398 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- रेलवे के लिये 65,837 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं और पूंजीगत खर्च के लिये 1.60 लाख करोड़ रुपए तय किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2019-20 में क्रेडिट गांरटी वर्द्धन निगम की स्थापना की जाएगी।
- इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म सेबी के विनियामक दायरे में।
- सामाजिक उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करना।
- इक्विटी, ऋण या म्यूचुअल फंड जैसी यूनिटों की तरह पूंजी जुटाना।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये KYC मानदंडों को अधिक-से-अधिक अनुकूल बनाना।
- सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके विमानन, मीडिया (एनीमेशन एवीजीसी) और बीमा क्षेत्र को FDI के लिये और अधिक खोला जा सकता है।
- बीमा मध्यस्थताओं को 100 प्रतिशत FDI.
- एकल ब्रांड के खुदरा क्षेत्र में FDI के लिये स्थानीय स्रोत के मापदंडों को आसान बनाना।
- सरकारी क्षेत्र के उद्यम न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड को अंतरिक्ष विभाग की वाणिज्यिक शाखा के रूप में शामिल किया गया है।
- 45 लाख रुपए तक के मूल्य वाले मकान की खरीद पर 31 मार्च, 2020 तक की अवधि हेतु लिये गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज के लिये प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त कटौती। 15 साल की ऋण अवधि पर लगभग 7 लाख रुपए का समग्र लाभ।
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु लिये गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त आयकर छूट।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के कुछ पुर्जों पर सीमा शुल्क में छूट।
- स्टार्ट-अप्स में निवेश के लिये रिहायशी मकान की बिक्री से उत्पन्न पूंजीगत लाभ में छूट वर्ष 2021 तक बढ़ाई गई।
- एंजल टैक्स का मामला सुलझाया गया- आवश्यक घोषणा दाखिल करने वाले और अपने रिटर्न में जानकारी उपलब्ध कराने वाले स्टार्ट-अप्स तथा उनके निवेशक शेयर प्रीमियम के मूल्यांकन के बारे में किसी तरह की जाँच नहीं की जाएगी।
- स्टार्ट-अप्स द्वारा जुटाए गए धन को आयकर विभाग द्वारा किसी तरह की जाँच की ज़रूरत नहीं होगी।
- निवेशक और धनराशि के स्रोत की पहचान स्थापित करने के लिये ई-सत्यापन व्यवस्था।
- लंबित आकलनों और शिकायत निवारण के लिये विशेष प्रशासनिक प्रबंध।
- 400 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिये कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई।
- 2 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए तथा 5 करोड़ रुपए और उससे अधिक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों पर अधिभार बढ़ाया गया।
- पिछले पाँच वर्षों में प्रत्यक्ष कर राजस्व 78 प्रतिशत बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हो गया।
- जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार के ज़रिये रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- जहाँ पैन की आवश्यकता है वहाँ आधार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- करदाताओं की वास्तविक कठिनाइयों में कमी लाने के लिये कर कानूनों का सरलीकरण।
- टैक्स रिटर्न दाखिल न करने के लिये कार्रवाई शुरू करने हेतु अधिकतम कर सीमा।
- आयकर अधिनिमय की धारा 50सीए और 56 के दुर्व्यवहार विरोधी प्रावधानों से उचित श्रेणियों के व्यक्तियों को छूट।
- काजू, PVC, टाइल, मोटरवाहन के पुर्जे, संगमरमर, ऑप्टिकल फाइबर केबल, CCTV कैमरा आदि पर आधारभूत सीमा शुल्क में वृद्धि।
- भारत में अब निर्मित होने वाले कुछ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क में छूट वापस ली गई।
- विभिन्न प्रकार के कागज़ों पर छूट वापस ली गई।
- आयातित पुस्तकों पर 5 प्रतिशत आधारभूत सीमा शुल्क लगाया गया।
- ऐसे रक्षा उपकरणों को आधारभूत सीमा शुल्क से छूट, जिनका निर्माण भारत में नहीं हुआ हो।
- कच्चे और अर्द्ध-परिष्कृत चमड़े पर निर्यात कर को सुसंगत बनाया गया।
- पेट्रोल और डीज़ल पर एक रुपए प्रति लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क एवं अवसंरचना सेस में वृद्धि।
- सोना और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क में वृद्धि कर इसे 12.5 प्रतिशत किया गया।
- केंद्रीय उत्पाद और सेवा कर में GST व्यवस्था से पहले लंबित मुकदमों की शीघ्र समाप्ति हेतु लिगेसी (Leagcy) विवाद निपटारा योजना।
- सभी इच्छुक ग्रामीण परिवारों के लिये वर्ष 2022 तक बिजली और स्वच्छ रसोई की सुविधा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के दूसरे चरण (2019-20 से 2021-22) में पात्र लाभार्थियों को शौचालयों, बिजली और LPG कनेक्शनों जैसी सुविधाओं के साथ 1.95 करोड़ घर दिये जाएंगे।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पात्र और व्यवहार्य आवास स्थलों को सड़क संपर्क से जोड़ने की गति तेज़ करने के लिये इन्हें पूरा करने का निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से कम करके वर्ष 2019 किया गया है। ऐसे 97 प्रतिशत आवास स्थलों को सभी मौसमों के लिये अनुकूल सड़क संपर्क से जोड़ दिया गया है।
- हरित प्रौद्योगिकी, कचरा प्लास्टिक और शीत मिश्रित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 30 हज़ार किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत 80,250 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से अगले पाँच वर्षों में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का उन्नयन किया जाएगा।
- गंगा नदी पर कार्गों आवाजाही अगले 4 सालों में लगभग 4 गुना बढ़ने का अनुमान।
- रोज़गार के टिकाऊ अवसरों का सृजन कर पारंपरिक उद्योगों को और अधिक उत्पादक, लाभदायक एवं सक्षम बनाने के लिये कलस्टर आधारित विकास में आसानी हेतु साझा सुविधा केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
- 2019-20 के दौरान बांस, शहद और खादी पर विशेष जोर देते हुए 100 नए कलस्टर स्थापित किये जाएंगे, जिससे 50 हज़ार कारीगर आर्थिक मूल्य श्रृंखला में शामिल हो सकेंगे।
- कृषि-ग्रामीण उद्योग क्षेत्र में 75 हज़ार उद्यमियों को कौशल प्रदान किया जाएगा।
- किसानों के उत्पादों को उनके खेतों से मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देने और संबंधित क्रियाकलापों में लगे निजी उद्यमियों को सहायता दी जाएगी।
- पशुओं के लिये चारे का उत्पादन, दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिये अवसंरचना तैयार करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दूथ उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- किसानों की बेहतर आर्थिक स्थिति सुनिश्चित करने के लिये 10,000 नये किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे।
- ज़ीरो बजट फार्मिंग में कुछ राज्यों के किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- नया जल शक्ति मंत्रालय एक समन्वित और समग्र रूप से हमारे जल संसाधनों और जल आपूर्ति के प्रबंधन की देखरेख करेगा।
- जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों के लिये ‘हर घर जल’ (पाइप द्वारा जल आपूर्ति) के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
- स्थानीय स्तर पर जल की मांग और आपूर्ति पर आधारित प्रबंधन पर ज़ोर दिया जाएगा।
- इसके लक्ष्य तक पहुँचने के क्रम में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को एक साथ मिलाया जाएगा।
- जलशक्ति अभियान के लिये 256 ज़िलों के 1592 खंडों की पहचान की गई है।
- 2 अक्तूबर, 2014 से अब तक 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया।
- 5.6 लाख से अधिक गाँव खुले में शौच से मुक्त हुए।
- प्रत्येक गाँव में सतत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये स्वच्छ भारत मिशन का विस्तार किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत दो करोड़ से अधिक ग्रामीणों को डिजिटली रूप से साक्षर बनाया गया।
- ग्रामीण और शहरी भेद को दूर करने के लिये भारतनेट के तहत प्रत्येक पंचायत में स्थानीय निकायों को इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जा रही है।
- PPP प्रबंध के तहत वैश्विक दायित्व निधि का भारतनेट को गति प्रदान करने में उपयोग किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत लगभग 81 लाख घरों के निर्माण के लिये 4.83 लाख करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी गई। इनमें 47 लाख घरों का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
- 26 लाख से भी अधिक घरों का निर्माण पूरा हुआ और लगभग 24 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे गए।
- नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अभी तक 13 लाख से भी अधिक घरों का निर्माण हुआ।
- 95 प्रतिशत से अधिक शहरों को भी खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया।
- स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों में बड़े बदलाव करने के लिये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई जाएगी।
- भारत उच्च शिक्षा आयोग स्थापित करने के लिये विधेयक का मसौदा पेश करना।
- पंजीकरण को मानकीकृत और सरल बनाने तथा रिटर्न फाइल करने के लिये विविध श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिये चार श्रम कोड (श्रम संहिता) के सैट का प्रस्ताव किया गया है।
- लगभग 30 लाख कामगार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानदंड योजना में शामिल हो गए हैं। इस योजना के तहत असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्रों के मजदूरों को 60 साल की उम्र होने पर पेंशन के रूप में 3000 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान है।
- उज्जवला योजना के तहत लगभग 35 करोड़ LED बल्ब बाँटे गए, जिससे वार्षिक रूप से 18,341 करोड़ रुपए की बचत हुई।
- LED बल्ब मिशन की पहुँच का उपयोग करते हुए सोलर स्टोव और बैटरी चार्जरों को बढ़ावा देना।
- रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिये व्यापक कार्यक्रम शुरू किये गए।
- लैंगिक भेदभाव दूर करने के लिये सरकारी और निजी हितधारकों के साथ एक समिति प्रस्तावित की गई है।
- जनधन बैंक खाता रखने वाली प्रत्येक सत्यापित महिला स्वयं सहायता समूह सदस्य को 5000 रुपए के ओवरड्राफ्ट की अनुमति होगी।
- 59 मिनट में छोटे दुकानदारों को ऋण उपलब्ध करवाने का विचार।
- आने वाले 12 सालों में PPP के ज़रिये रेलवे में 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव।
- भारतीय पासपोर्ट रखने वाले अनिवासी भारतीयों के लिये भारत आगमन पर 180 दिनों की प्रतीक्षा अवधि के बगैर आधार कार्ड जारी करने का प्रस्ताव।
- पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े भारतीय कारीगरों को वैश्विक बाज़ारों से जोड़ने के लिये आवश्यक पेटेंट और भौगोलिक संकेतक उपलब्ध कराने का प्रस्ताव।
- भारत विकास सहयोग योजना को नया रूप देने का प्रस्ताव।
- पिछले एक वर्ष में वाणिज्यिक बैंकों के NPA में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की गिरावट आई। पिछले चार वर्षों में चार लाख करोड़ से अधिक की कर्ज़ वसूली हुई।
- घरेलू ऋण वृद्धि दर बढ़कर 13.8 प्रतिशत पर पहुँची।
- ऋण क्षमता बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70 हज़ार करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का प्रस्ताव।
- वित्त विधेयक में गैर-बैंकिंग कंपनियों पर रिज़र्व बैंक के विनियामक अधिकारों को सशक्त बनाने का प्रस्ताव।
- आवास संबंधी सभी वित्तीय विनियमन का अधिकार NHB से लेकर वापस RBI को सौंपने का प्रस्ताव।
- अगले पाँच वर्षों में अवसंरचना क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना।
- देश में अंतर्राष्ट्रीय बीमा कारोबार की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में विदेशी बीमाकर्त्ताओं की शाखा खुलवाने की व्यवस्था।
- सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये विनिवेश के ज़रिये 1,05,000 करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
- सरकार एयर इंडिया में विनिवेश की रणनीति फिर से शुरू करेगी और निजी क्षेत्रों को तथा साथ ही निजी क्षेत्रों की रणनीतिक भागीदारी के लिये मौका देगी।
- सरकार PSU की रणनीतिक बिक्री का भी रास्ता अपनाएगी तथा गैर-वित्तीय क्षेत्रों में PSU को मज़बूत तथा सुसंगठित बनाए रखने का काम जारी रखेगी।
- सरकार PSU में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत बनाए रखने की नीति में आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करने पर विचार करेगी।
- लोगों के इस्तेमाल के लिये जल्द ही एक रुपए, दो रुपए, 5 रुपए, 10 रुपए और 20 रुपए के नए सिक्के उपलब्ध होंगे।
- बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक की नकदी निकासी पर 2 प्रतिशत के TDS का प्रस्ताव।
- ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनका वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपए से अधिक है, वे अपने ग्राहकों को कम लागत वाली डिजिटल भुगतान सुविधा बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएंगे। इसके लिये व्यापारियों या ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाया जाएगा।
- खेलो इंडिया स्कीम का विस्तार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खेल बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
- मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच होने वाले विवादों का समाधान करने के लिये राज्यों को विश्वास में लेकर आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा।
- सरकार पानी और गैस के लिये राष्ट्रीय ग्रिड बनाने की योजना पर काम करेगी।
आगामी दशक के लिये दस लक्ष्यों की परिकल्पना
- भौतिक और सामाजिक अवसंरचना निर्माण
- डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँचाना
- हरित मातृभूमि और प्रदूषण मुक्त भारत
- MSME, स्टार्टअप, रक्षा निर्माण, ऑटो, चिकित्सा उपकरणों पर ज़ोर
- जल प्रबंधन और स्वच्छ नदियाँ
- ब्लू इकोनॉमी
- अंतरिक्ष कार्यक्रम- गगनयान, चंद्रयान और उपग्रह कार्यक्रम
- खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, फलों और सब्जियों में आत्मनिर्भरता और निर्यात
- स्वस्थ समाज, आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएँ, बच्चे
- जन भागीदारी न्यूनतम सरकार-अधिकतम अभिशासन