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जैव विविधता और पर्यावरण

गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी: यूनाइटेड किंगडम

  • 29 Nov 2021
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़, गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी

मेन्स के लिये:

नदी संरक्षण हेतु भारत-ब्रिटेन साझेदारी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में 25 नवंबर, 2021 को लंदन में गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी का समापन हुआ।

  • 12 नवंबर, 2021 को COP-26 (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़) की सफल परिणति के बाद स्कॉटलैंड के ग्लासगो में इसका उद्घाटन किया गया।
  • प्रदर्शनी के दौरान 10 प्रमुख रणनीतिक पहलों की घोषणा की गई।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह एक वैश्विक प्रदर्शनी है, जो नदी बेसिन के कई पहलुओं को प्रदर्शित करेगी।
    • यह स्वच्छ गंगा हेतु राष्ट्रीय मिशन, भारतीय उच्चायोग और सी-गंगा (गंगा नदी बेसिन प्रबंधन और अध्ययन केंद्र) का एक प्रमुख प्रयास है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकी कंपनियों, नीति निर्माताओं, उद्योग के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, निवेशक और वित्त पेशेवरों को जोड़ना है।
  • उद्देश्य:
    • पर्यावरण हितधारकों के वैश्विक समुदाय के लिये गंगा नदी बेसिन में विकास के स्तर को प्रदर्शित करना।
  • महत्त्व:
    • जागरूकता पैदा करना:
      • यह गंगा और उसके पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण तथा नदी बेसिन के विषय में व्यापक जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
      • यह नदी के साथ भारतीयों के गहरे आध्यात्मिक और दार्शनिक जुड़ाव को प्रदर्शित करती है।
    • पारिस्थितिकी तंत्र को समझना:
      • गंगा कनेक्ट प्रदर्शनी गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र के आकार, परिमाण और जटिलता की स्पष्ट एवं गहरी समझ प्रदान करती है।
    • सहभागिता हेतु सक्षम बनाना:
      • यह उन इच्छुक पार्टियों और डायस्पोरा के साथ जुड़ाव को सक्षम बनाती है, जो नदी प्रणाली के कायाकल्प, बहाली और संरक्षण में शामिल होना चाहते हैं।
    • पर्यावरणीय समाधानों का विकास:
      • यह वैश्विक प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक समुदाय के लिये अत्याधुनिक पर्यावरणीय समाधान विकसित करने हेतु एक प्रमुख प्रयोगशाला के रूप में गंगा नदी पर ज़ोर देती है।

प्रमुख घोषित पहलें

  • गंगा कनेक्ट यूके कम्युनिटी एंगेजमेंट चैप्टर:
    • स्थापित चैप्टर हैं: स्कॉटलैंड-गंगा कनेक्ट, वेल्स-गंगा कनेक्ट, मिडलैंड्स-गंगा कनेक्ट, लंदन-गंगा कनेक्ट।
    • प्रत्येक चैप्टर में संयोजक होंगे, जो वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकी कंपनियों, निवेशकों और समुदाय के सदस्यों सहित विभिन्न हित समूहों को नमामि गंगे कार्यक्रम से जोड़ेंगे।
  • नदियों को संलग्न करना:
    • सामुदायिक जुड़ाव कार्यक्रमों सहित नदी बेसिन प्रबंधन के ज्ञान, सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभवों को साझा करने की घोषणा की गई है।
  • स्कॉटलैंड-भारत जल भागीदारी:
    • यह साझेदारी स्वच्छ गंगा के लिये राष्ट्रीय मिशन और वर्ष 2017 के स्कॉटलैंड सरकार के समझौता ज्ञापन पर आधारित है।
    • यह भारतीय बाज़ार में प्रवेश करने के लिये पानी में विशेषज्ञता वाली स्कॉटिश संस्थाओं के बीच उच्च स्तर की रुचि को प्रसारित करेगा और नमामि गंगे कार्यक्रम स्कॉटिश संस्थाओं के लिये भारतीय बाज़ार में प्रवेश करने हेतु एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करेगा।
  • अर्थ गंगा फ्रेमवर्क के उपयोग हेतु प्रभावी परियोजना:
    • गंगा नदी के किनारे एक चुनिंदा क्षेत्र में प्रमुख आर्थिक गतिविधियाँ उत्पन्न करने के लिये एक प्रमुख प्रभावी परियोजना की कल्पना की गई है। इस पहल से आजीविका के महत्त्वपूर्ण अवसर उत्पन्न होंगे और नई आर्थिक गतिविधियाँ  होंगी तथा इस प्रकार से पर्यावरण के दृष्टिकोण से दीर्धकालिक विकास का मॉडल सुनिश्चित होगा। 
    • इस पहल में दीर्धकालिक पर्यटन, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, चिरस्थायी ट्रांसपोर्ट और अन्य गतिविधियों जैसे कई पहलू शामिल होंगे। इस परियोजना को ग्लासगो में क्लाइड नदी के कायाकल्प और आर्थिक विकास के मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसका नेतृत्व सिटी ऑफ ग्लासगो कॉलेज तथा स्ट्रैथक्लाइड यूनिवर्सिटी द्वारा किया जाएगा।
  • गंगा वित्त और निवेश मंच:
    • गंगा वित्त और निवेश मंच (जीएफआईएफ) की स्थापना के लिये कई निवेशक और वित्तीय कंपनियाँ एकजुट हो गई हैं। यह समूह रिवर बॉन्ड, ब्लू बॉन्ड्स, इम्पैक्ट एंड आउटकम बॉन्ड्स, क्रेडिट एन्हांसमेंट और गारंटी इंस्ट्रूमेंट्स जैसे वित्तीय उपकरणों को विकसित करेगा। वे दुनिया भर से नमामि गंगे कार्यक्रम में निवेश को बढ़ाने के लिये विशेषज्ञ व्यवस्था स्थापित करेंगे। 
    • यह समूह इकोसिस्‍टम संरक्षण में दीर्घकालिक निवेश को स्थापित करने के लिये अपनी तरह का पहला नदी जैव विविधता और संरक्षण बॉन्ड विकसित करने पर सहमत हो गया है। यह विभिन्न पहलों के लिये निरंतर वित्तपोषण और परियोजना वित्त के लिये एनएमसीजी व नमामि गंगे कार्यक्रम को सहायता प्रदान करेगा।
  • पर्यावरण प्रौद्योगिकी सत्यापन (ईटीवी) कार्यक्रम में नामांकित प्रौद्योगिकियाँ:
    • ईटीवी कार्यक्रम के निरंतर विस्तार में तीन अभिनव प्रौद्योगिकी कंपनियों का चयन किया गया है और ईटीवी कार्यक्रम पर ऑन-बोर्ड किया गया है।
    • यह ईटीवी कार्यक्रम में कंपनियों की कुल संख्या को बढ़ाकर 40 से ज़्यादा कर देता है जिनमें से 14 कंपनियाँ ब्रिटेन से हैं।
  • टेक एंड इनोवेशन फाइनेंसिंग:
    • सफल उम्मीदवारों को समर्थन प्रदान करने के लिये लंदन स्टॉक एक्सचेंज के एआईएम सेगमेंट में सूचीबद्ध कंपनी ओपीजी पावर वेंचर्स के साथ एक साझेदारी स्थापित की जा रही है जो प्रौद्योगिकियों और नवाचारों का वित्तपोषण करने के लिये 3 मिलियन GBP (30 करोड़ रुपए) की सुविधा प्रदान करेगी।
  • यूके-इंडिया वैज्ञानिक सहयोग:
    • कई वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थान वैज्ञानिक एवं तकनीकी विचारों का आदान-प्रदान करने के लिये ज्ञान पूल बनाने हेतु एक साथ आने पर सहमत हुए हैं जिससे सहयोगी अनुसंधान का विकास हुआ है। 
  • भारत और ब्रिटेन के बीच सहयोग सेतु:
    • वैज्ञानिकों ने नदी प्रणालियों का कायाकल्प, जैव विविधता का संरक्षण, पारिस्थितिकी प्रणालियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के उपायों और आर्थिक विकास के लिये चिरस्थायी मॉडल बनाने हेतु चल रहे नवाचारों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की है।
  • ग्लोबल यूथ फॉर गंगा: 
    • यह स्वच्छ गंगा और सभी नदियों के लिये बड़े पैमाने पर ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करने के लिये एक साझा अभियान पर आधारित भारत व अन्य देशों के युवाओं का एक संघ होगा। यह संघ अंतःविषयक चर्चाओं में शामिल होगा, पूरी दुनिया में जागरूकता बढ़ाने के साथ ही स्वच्छ गंगा मिशन में सहयोग को प्रोत्साहित करेगा तथा दुनिया में युवा छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को एक साथ लाएगा। 
    • इसका उद्देश्य स्वच्छ गंगा को हकीकत बनाना और बाकी दुनिया को भी अपने राज्यों में ज़मीनी स्तर तक इसी प्रकार की पहल करने के लिये प्रेरित करना है। युवाओं द्वारा सशक्त मिशन एक ऐसा अभियान है जो आने वाली भावी पीढ़ियों के विकास में सहायक हो सकता है। 
  • क्लीन गंगा चैरिटी:
    •  चैरिटी स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज़ किया गया है और आने वाले महीनों में गंगा से जुड़े समुदायों और मित्रों को संगठित करने के उद्देश्य से जल्द ही इसकी स्थापना की जाएगी।

स्रोत: पीआईबी

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