जैव विविधता और पर्यावरण
गैलापागोस द्वीप समूह
- 15 Oct 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व धरोहर स्थल, चार्ल्स डार्विन, ठंडी महासागरीय धाराएँ, महासागरीय धाराएँ मेन्स के लिये:महासागरीय धारा को प्रभावित करने वाले कारक |
चर्चा में क्यों?
हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि ठंडी महासागरीय धाराओं ने गैलापागोस द्वीप समूह को ग्लोबल वार्मिंग से बचाया है।
- द्वीपों को एक ठंडी, पूर्व की ओर प्रवाहित प्रशांत महासागर की विषुवतीय महासागरीय धारा द्वारा गर्म होने से बचाव किया जाता है।
गैलापागोस द्वीप समूह:
- अवस्थिति:
- लगभग 60,000 वर्ग किमी में फैला गैलापागोस द्वीप समूह इक्वाडोर का एक हिस्सा है।
- यह दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप से लगभग 1,000 किमी दूर प्रशांत महासागर में स्थित है।
- संरक्षण की स्थिति:
- इक्वाडोर ने वर्ष 1935 में गैलापागोस को वन्यजीव अभयारण्य तथा वर्ष 1959 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया।
- वर्ष 1978 में द्वीप यूनेस्को का पहला विश्व धरोहर स्थल बना।
- वन्यजीव:
- इस द्वीप समूह पर मांटा रे (Manta Ray) और शार्क जैसे जलीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- साथ ही इन द्वीपों पर समुद्री इगुआन और वेब्ड अल्बाट्रोस जैसे कई जलीय वन्यजीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- गैलापागोस गंभीर रूप से संकटग्रस्त- गैलापागोस पेंगुइन, गैलापागोस फर सील और गैलापागोस समुद्री शेर का आवास है।
- इसके अलावा यहाँ पाए जाने वाले विशाल क कछुए - पुराने स्पेनिश में 'गैलापागोस' - द्वीपों को नाम प्रदान करते हैं।
- इस द्वीप समूह पर मांटा रे (Manta Ray) और शार्क जैसे जलीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- महत्त्व :
- ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन ने वर्ष 1835 में इस द्वीप समूह पर कुछ महत्त्वपूर्ण अध्ययन किये थे जिसने उनके विकासवाद के सिद्धांत में अहम भूमिका निभाई थी।
- डार्विन ने इन द्वीपों को "अपने आप में एक दुनिया" के रूप में वर्णित किया।
- इक्वाडोर के पश्चिमी तट से दूर इस जल में प्रवाल ब्लीच नहीं करते और मर जाते हैं।
महासागरीय धाराएँ:
- परिचय:
- महासागरीय धाराएं समुद्री जल की सतत्, पूर्वानुमेय, दिशात्मक गति हैं। यह बड़े पैमाने पर होने वाली समुद्र के जल का प्रवाह है जो विभिन्न शक्तियों से प्रभावित होती है। वे महासागरों में बहती नदी की तरह हैं।
- प्रकार:
- ठंडी धाराएँ: ये ठंडे जल को गर्म जल वाले क्षेत्रों में लाती हैं। ये धाराएँ आमतौर पर महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर निम्न और मध्य अक्षांशों (दोनों गोलार्द्धों) में एवं उत्तरी गोलार्द्ध में उच्च अक्षांशों में पूर्वी तट पर पाई जाती हैं।
- उदाहरण: कैनरी जलधारा, कैलिफोर्निया जलधारा, बेंगुएला जलधारा आदि।
- गर्म धाराएँ: ये ठंडे जल के क्षेत्रों में गर्म जल लाती हैं और आमतौर पर निम्न एवं मध्य अक्षांशों (दोनों गोलार्द्धों) में महाद्वीपों के पूर्वी तट पर पाई जाती हैं।
- उदाहरण: उत्तरी अटलांटिक, गल्फ स्ट्रीम, कुरोशियो जलधारा आदि।
- ठंडी धाराएँ: ये ठंडे जल को गर्म जल वाले क्षेत्रों में लाती हैं। ये धाराएँ आमतौर पर महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर निम्न और मध्य अक्षांशों (दोनों गोलार्द्धों) में एवं उत्तरी गोलार्द्ध में उच्च अक्षांशों में पूर्वी तट पर पाई जाती हैं।
महासागरीय धारा को प्रभावित करने वाले कारक:
- महासागरीय धाराएँ दो प्रकार की शक्तियों से प्रभावित होती हैं:
- प्राथमिक बल:
- सौर ऊर्जा द्वारा उष्मण: सौर ऊर्जा द्वारा गर्म होकर जल का विस्तार होता है। यही कारण है कि भूमध्य रेखा के पास समुद्र का जल स्तर मध्य अक्षांशों की तुलना में लगभग 8 सेमी अधिक है। जो समुद्री जल में ढाल का निर्माण करता है और जल ढलान से नीचे की ओर प्रवाहित होने लगता है।
- हवा: समुद्र की सतह पर बहने वाली हवा पानी को गति देने के लिये धकेलती है। हवा और पानी की सतह के बीच घर्षण जल निकाय के प्रवाह को प्रभावित करता है।
- गुरुत्वाकर्षण: यह जल को नीचे की ओर खींचता है और ढाल प्रवणता उत्पन्न करता है।
- कोरिओलिस बल: कोरिओलिस बल जल की गति की दिशा को प्रभावित करता है एवं पानी के उत्तरी गोलार्द्ध में दाईं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बाईं ओर बहने का कारण बनता है।
- इन बड़ी जलराशि और उनके चारों ओर बहने वाले प्रवाह को चक्रगति कहा जाता है।
- ये सभी महासागरीय घाटियों में बड़ी वृत्ताकार धाराएँ उत्पन्न करते हैं।
- माध्यमिक बल:
- जल घनत्व में अंतर: यह महासागरीय धाराओं की ऊर्ध्वाधर गतिशीलता को प्रभावित करता है।
- उच्च लवणता वाला जल कम लवणता वाले जल से घनत्व में अधिक होता हैं, उसी प्रकार ठंडे जल का घनत्व गर्म जल से अधिक होता है।
- अधिक घनत्व वाला जल नीचे की तरफ बढ़ता है, जबकि अपेक्षाकृत हल्का पानी ऊपर उठने लगता है।
- जल का तापमान: ठंडे पानी की समुद्री धाराएँ तब उत्पन्न होती हैं जब ध्रुवों पर ठंडा पानी नीचे की तरफ उतरता है और धीरे-धीरे भूमध्य रेखा की ओर बढ़ता है।
- गर्म पानी की धाराएँ सतह पर भूमध्य रेखा से ऊपर बढ़ती हैं, ध्रुवों की ओर बहते हुए ठंडे पानी को गर्म कर देती हैं।
- जल घनत्व में अंतर: यह महासागरीय धाराओं की ऊर्ध्वाधर गतिशीलता को प्रभावित करता है।
- प्राथमिक बल:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित कारकों पर विचार कीजिये: 1- पृथ्वी का आवर्तन उपर्युक्त में से कौन-से कारक महासागरीय धाराओं को प्रभावित करते है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. समुद्री धाराओं को प्रभावित करने वाली शक्तियाँ कौन सी है? विश्व के मत्स्य-उद्योग में इनके योगदान का वर्णन कीजिये। (मेन्स-2022) |