जी-20 देशों ने पिछले सात महीनों में लागू किये 39 नए व्यापार-प्रतिबंधक उपाय (trade restrictive measures) | 10 Jul 2018
चर्चा में क्यों?
WTO द्वारा ज़ारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत और अमेरिका सहित जी-20 (दुनिया के 19 विकसित और विकासशील देशों तथा यूरोपीय संघ (EU) के देशों का समूह) सदस्यों ने उच्च शुल्कों और करों के साथ-साथ सात महीनों के दौरान सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के रूप में 39 नए व्यापार-प्रतिबंधक उपायों को लागू किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह रिपोर्ट पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और चीन के नेतृत्व में विश्व स्तर पर तेज़ी से बढ़ रहे व्यापार युद्धों की पृष्ठभूमि के बाद आई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में व्यापार-प्रतिबंधक उपायों की संख्या पिछली समीक्षा अवधि की तुलना में दोगुनी हो गई हैं।
- विश्व व्यापार संगठन के अनुसार, "यह प्रति माह लगभग छह प्रतिबंधक उपायों के औसत के बराबर है, जो पिछली समीक्षा अवधि के दौरान दर्ज़ किये तीन प्रतिबंधक उपायों की तुलना में काफी अधिक है।"
- WTO के महानिदेशक रॉबर्टो अजेवेडो (Roberto Azevêdo) के अनुसार, जी-20 अर्थव्यवस्थाओं के बीच इस तरह के उपायों में उल्लेखनीय वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिये वास्तविक रूप से चिंता का विषय होना चाहिये।
- इस निरंतर वृद्धि के कारण वैश्विक व्यापार विकास के लिये "गंभीर खतरा" उत्पन्न हो गया है।
- व्यापार प्रतिबंधक कदमों में वृद्धि भारत के लिये अच्छी खबर नहीं है क्योंकि इससे देश के निर्यात में होने वाली वृद्धि प्रभावित होगी।
व्यापार को सुविधाजनक बनाने के उपाय भी हुए लागू
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जी-20 अर्थव्यवस्थाओं ने इस समीक्षा अवधि के दौरान व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिये 47 उपायों को लागू किया।
- इनमें टैरिफ, सरलीकृत आयात और निर्यात सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में कमी या कटौती के साथ-साथ आयात करों में कमी भी शामिल है।
- प्रतिमाह लगभग सात व्यापार-अनुकूल उपायों के औसत पर यह पिछली रिपोर्टिंग अवधि (अक्तूबर 2017 से मई 2018 के मध्य तक) में दर्ज़ छह उपायों की तुलना में मामूली रूप से अधिक है।