G- 20 वर्चुअल समिट | 26 Mar 2020

प्रीलिम्स के लिये:

G- 20 वर्चुअल समिट

मेन्स के लिये:

G- 20 समूह का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

G- 20 समूह के राष्ट्रीय नेताओं द्वारा COVID-19 महामारी से निपटने की दिशा में एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।  

मुख्य बिंदु:

  • इस आभासी सम्मेलन (Virtual Summit) का नेतृत्त्व सऊदी अरब, जो वर्तमान में (वर्ष 2020 के लिये) इस आर्थिक समूह के अध्यक्ष हैं, कर रहा है । 
  • किसी एक देश को प्रतिवर्ष इसके अध्यक्ष के रूप में चुना जाता है, जिसे  'G- 20 प्रेसीडेंसी' के रूप में जाना जाता है। अर्जेंटीना द्वारा वर्ष 2018 में तथा जापान द्वारा वर्ष 2019 में G- 20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की गई थी।
  • वर्ष 2020 के सम्मेलन में स्पेन, जॉर्डन सिंगापुर एवं स्विट्ज़रलैंड आमंत्रित देश के रूप में शामिल हो रहे हैं।

शामिल होने वाले प्रमुख समूह व देश:

  • इस G- 20 सम्मेलन में सदस्य राष्ट्रों के अलावा आमंत्रित देश-स्पेन, जॉर्डन, सिंगापुर एवं स्विट्जरलैंड, के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठन- संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations), विश्व बैंक समूह (World Bank Group), विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation), विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation), खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (Organisation for Economic Cooperation and Development) के नेता शामिल होंगे।
  • वियतनाम दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ का, दक्षिण अफ्रीका अफ्रीकी संघ का, संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी सहयोग परिषद तथा रवांडा अफ्रीका के विकास के लिये नई साझेदारी (New Partnership for Africa’s Development) का प्रतिनिधित्व करेगा।

भारत सरकार द्वारा नेतृत्त्व:

  • भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (South Asian Association for Regional Cooperation- SAARC) वीडियो शिखर सम्मेलन के बाद यह दूसरा आभासी नेतृत्त्व शिखर सम्मेलन (Virtual Leadership Summit) होगा।
  • 15 मार्च 2020 को ‘सार्क आभासी शिखर सम्मेलन’ का आयोजन ‘सार्क COVID-19 आपातकालीन फंड’ के निर्माण हेतु किया गया था। 
  • G- 20 आभासी शिखर सम्मेलन का आयोजन COVID-19 का सामना करने के लिये विस्तृत योजना बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

G- 20 समूह:

  • वर्ष 1997 के वित्तीय संकट के पश्चात् यह निर्णय लिया गया कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर एकत्रित होना चाहिये। 
  • G-20 समूह की स्थापना वर्ष 1999 में 7 देशों-अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, फ्राँस और इटली के विदेश मंत्रियों द्वारा की गई थी। 

G-20 का उद्देश्य:

  • G-20 का उद्देश्य वैश्विक वित्त को प्रबंधित करना है।

शामिल देश:

  • इस फोरम में भारत समेत 19 देश तथा यूरोपीय संघ भी शामिल है। जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।

G20-Member

G- 20 मुख्यालय:

  • G- 20 एक मंच के रूप में कार्य करता है न कि एक संगठन के रूप में, अत: इसका कोई स्थायी सचिवालय और प्रशासनिक संरचना नहीं है।

नेतृत्त्व संबंधी चुनौतियाँ: 

  • सऊदी अरब ने हाल ही में उदारीकरण अभियान को बढ़ावा दिया है, जिसमें महिलाओं को अधिक से अधिक अधिकार देना शामिल है। हालाँकि, पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या जैसी घटनाओं ने सऊदी अरब में मानवाधिकार के मुद्दों पर गहन वैश्विक आलोचना की गई।
  • G- 20 सदस्य राज्यों को अपनी आधिकारिक नीतियों द्वारा सऊदी अरब पर दबाव डालना चाहिये और इसे अपने मानवाधिकारों के दायित्त्वों के लिये जिम्मेदार ठहराना चाहिये। 

वर्तमान में विश्व के किसी भी देश में COVID-19 के उपचार की दवा की खोज नहीं की जा सकी है, ऐसे में इस इस बीमारी से निपटने के लिये सभी देशों को सार्क COVID-19 आपातकालीन फंड के समान एक आपातकालीन फंड निर्माण की दिशा में कार्य करना चाहिये। 

स्रोत: द हिंदू