G-20 व्यापार और निवेश वर्चुअल मीटिंग | 18 May 2020

प्रीलिम्स के लिये:

 G-20 के बारे में

मेन्स के लिये:

COVID -19 बचाव में भारत द्वारा उठाए गए कदम 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में G-20 देशों द्वारा COVID-19 महामारी के संदर्भ में तत्काल ठोस कार्रवाइयों पर ध्यान केंद्रित करने तथा दवाओं तक पहुँच सुनिश्चित के संदर्भ में एक वर्चुअल व्यापार और निवेश मीटिंग का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • भारत ने इस मीटिंग में G-20 राष्ट्रों से आवश्यक दवाओं, उपचार और टीकों की सस्ती कीमतों पर पहुँच सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।
  • भारत ने इस बात पर भी बल दिया कि अत्यावश्यक दवाओं, उपचार, टीकों तथा स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की पहुँच को सीमा पार भी सुनिश्चित किये जाने के प्रयास करने चाहिये, ताकि ऐसे क्षेत्र जहाँ उनकी अत्यधिक आवश्यकता है, वहाँ ये सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध कराई जा सकें।

भारत के प्रयास:

  • भारत द्वारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ परंपरा का अनुसरण करते हुए बताया गया कि इस बीमारी से निपटने के लिये भारत 120 से अधिक देशों को बिना शर्त चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध करा रहा है।
  • 120 से अधिक देशों में से 43 देशों को इस चिकित्सा आपूर्ति को अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया गया है।
  • भारत द्वारा COVID-19 महामारी के चलते 10 मिलियन यूएस डॉलर का COVID-19 इमरजेंसी फंड बनाया गया है। 
  • इस फंड का उपयोग पड़ोसी देशों को तत्काल चिकित्सा आपूर्ति, उपकरण और मानवीय सहायता देने के लिये किया जा रहा है। 
  • भारत द्वारा बताया गया कि डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञता क्षमता को साझा किया जा रहा है।
  • भारत द्वारा जानकारी दी गई कि COVID-19 के परीक्षण हेतु हर दिन लगभग 300,000 पीपीई (Personal Protective Equipment- PPE) का उत्पादन देश में ही किया जा रहा हैं।

जी -20 राष्ट्र:

  • यह 20 देशों का एक समूह है।
  • इसकी स्थापना 26 सितंबर, 1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों तथा संबंधित देशों के सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की बैठक के तौर पर हुई थी। 
  • यह अपने सदस्यों देशों को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और कुछ मुद्दों पर निर्णय करने के लिये प्रमुख मंच प्रदान करता है। 
  • इस समूह में शामिल देश हैं-
  • अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, चीन, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रूस, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम।

स्रोत: पीआईबी