राष्ट्रमंडल का भविष्य | 19 Sep 2022
प्रिलिम्स:राष्ट्रमंडल राष्ट्र, ब्रिटिश राजतंत्र, गणराज्य।। मेन्स के लिए:राष्ट्रमंडल की प्रासंगिकता और उसका भविष्य। |
चर्चा में क्यों?
यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की मृत्यु, न केवल ब्रिटिश राजतंत्र के एक युग के अंत का प्रतीक है, बल्कि 14 राष्ट्रमंडल क्षेत्रों, जिनकी वे प्रमुख थीं, के लिये भी एक निर्णायक बिंदु है।
पृष्ठभूमि:
- महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद से 14 देशों के सामाजिक-आर्थिक परिस्थिति में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है।
- इन 14 में से कई देशों ने गणतंत्र स्थापित करने और ब्रिटिश राजशाही से ऐतिहासिक संबंधों से मुक्त होने का आह्वान किया।
- गणतंत्र, सरकार का वह रूप है जिसमें "सर्वोच्च शक्ति लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के पास होती है"।
- इस प्रकार यह संभावना है कि रानी के उत्तराधिकारी, राजा चार्ल्स III के शासनकाल के दौरान अधिक राष्ट्र बारबाडोस के नक्शेकदम पर चलेंगे।
- 2021 में बारबाडोस ब्रिटिश सम्राट को राज्य के प्रमुख की भूमिका से हटाने और उन्हें एक राष्ट्रीय सरकारी अधिकारी के साथ प्रतिस्थापित करने वाला 18वाँ देश बन गया।
राष्ट्रमंडल:
- विषय:
- राष्ट्रमंडल 56 देशों का एक संगठन है जिसमें मुख्य रूप से पूर्व में ब्रिटिश उपनिवेश रह चुके राष्ट्र हैं।
- इसकी स्थापना 1949 में लंदन घोषणापत्र द्वारा की गई थी।
- जबकि राष्ट्रमंडल के सदस्य मुख्य रूप से अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और प्रशांत में स्थित हैं, उनमें से कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं में इस समूह के तीन यूरोपीय सदस्य साइप्रस, माल्टा और यूके हैं।
- राष्ट्रमंडल के विकसित राष्ट्र ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूज़ीलैंड हैं।
- गणराज्य और क्षेत्र:
- राष्ट्रमंडल में गणराज्य और राज्य दोनों शामिल हैं।
- ब्रिटिश सम्राट राज्य का प्रमुख है, जबकि गणराज्यों पर निर्वाचित सरकारों द्वारा शासन किया जाता है, सिवाय पाँच देशों के ब्रुनेई दारुस्सलाम, इस्वातिनी, लेसोथो, मलेशिया और टोंगा, ये प्रत्येक देश स्व-शासित राजतंत्र है।
- ये क्षेत्र एंटीगुआ और बारबुडा, ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बेलीज, कनाडा, ग्रेनाडा, जमैका, न्यूज़ीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, सोलोमन द्वीप और तुवालु हैं।
राष्ट्रमंडल की वर्तमान दुनिया में प्रासंगिकता:
- यद्यपि महारानी की मृत्यु के बाद राष्ट्रमंडल एक पुराने मंच की तरह लग सकता है, फिर भी यह एक उपयुक्त प्रासंगिकता बरकरार रखता है जिसने ब्रिटिश साम्राज्य के विघटन के बाद भी समय के साथ इसे कायम रखा है।
- बहुपक्षीय कूटनीति के युग में जहाँ राज्य अपने विचार व्यक्त करने, अपने हितों को आगे बढ़ाने और वैश्विक मानदंडों को आकार देने के लिये एक मंच चाहते हैं, राष्ट्रमंडल ठीक ऐसा ही मंच प्रदान करता है।
- सम्राट केवल प्रतीकात्मक मुखिया होता है, स्वतंत्र विश्व के नेता राष्ट्रमंडल का काम करते हैं।
- अपने पूरे शासनकाल में महारानी एलिजाबेथ ने संगठन को समर्थ बनाने और समूह की प्रासंगिकता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, साथ ही नियमित रूप से दुनिया भर के राष्ट्रमंडल देशों के नेताओं से मिलने के लिये यात्रा की।
राष्ट्रमंडल का भविष्य:
- ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और बहामास के भविष्य में गणतंत्र बनने की संभावना है।
- पाँच अन्य कैरिबियाई देशों- एंटीगुआ और बारबुडा, बेलीज़, ग्रेनाडा, जमैका तथा सेंट किट्स एवं नेविस में सरकारों ने इसी तरह से कार्य करने के अपने इरादे का संकेत दिया है।
- इस प्रकार यह कल्पना से परे नहीं है कि महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु के बाद राष्ट्रमंडल का महत्त्व कम हो सकता हैं और उपनिवेशवाद के इतिहास का सामना करने वाले राष्ट्र सहायक एवं संसाधन निष्कर्षण के साथ खुद को गणराज्यों के रूप में स्थापित करने के लिये आगे बढ़ेंगे।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. सर स्टैफर्ड क्रिप्स की योजना में यह परिकल्पना थी कि द्वितीय युद्ध के बाद (a) भारत को पूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिये उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2010)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) व्याख्या:
अतः विकल्प (a) सही उत्तर है। |