अंतर्राष्ट्रीय संबंध
'भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक 2017'
- 20 Sep 2017
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चर्चा में क्यों ?
कानून मंत्रालय ने देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधी और डिफॉल्टरों की संपत्ति ज़ब्त करने का अधिकार देने वाले विधेयक के मसौदे पर सहमति दे दी है। विदित हो कि विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा
विधेयक से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु
- विधेयक के पारित होते ही यह कानून ऐसे मामलों में लागू होगा, जहाँ अपराध 100 करोड़ रुपए से अधिक के हो।
- यह आर्थिक अपराध करने वालों को देश छोड़कर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों पर अंकुश लगाने पर ज़ोर देता है।
- यह विधेयक, वित्तीय खुफिया इकाई (Financial Intelligence Unit-FIU)) को आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करने और संपत्ति ज़ब्त करने को लेकर आवेदन देने की अनुमति देता है।
- गौरतलब है कि एफआईयू वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली तकनीकी खुफिया इकाई है, जिसे मनी-लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत अदालत को मामले की सुनवाई की ज़िम्मेदारी दी जाएगी।
- वित्त मंत्रालय ने विधेयक पर कैबिनेट नोट का मसौदा तैयार किया था और उस पर कानून मंत्रालय की राय मांगी थी। साथ ही विधेयक के प्रावधानों से सहमति जताते हुए इसमें एक ‘विशेष छूट’ का प्रावधान शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
- विशेष छूट के प्रावधान का उद्देश्य प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों के कारण प्रभावहीन हो सकने वाले अन्य प्रावधानों के प्रभाव को बनाए रखना है।
क्यों महत्त्वपूर्ण है यह विधेयक?
- यह व्यापक रूप से देखा गया है कि बड़े आर्थिक अपराधी कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिये भारत से भाग रहे हैं। यह प्रवत्ति भारत में कानून के शासन को कमज़ोर करती नज़र आ रही है।
- ऐसे में एक प्रभावी, शीघ्र और संवैधानिक रूप से स्वीकार्य कदम उठाए जाने की ज़रूरत है, ताकि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
- इसी संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में सरकार द्वारा घोषणा की गई थी कि सरकार इस तरह के भगोड़ों की परिसंपत्तियों को ज़ब्त करने के लिये नया कानून लाएगी।
- अतः 'भगोड़ा आर्थिक अपराध विधेयक 2017' नामक यह विधेयक जब पारित होकर कानून की शक्ल लेगा तो निश्चित ही देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक मामलों से संबंधित अपराधियों को आसानी से कानून के गिरफ्त में लिया जा सकता है।