अंतर्राष्ट्रीय संबंध
चार नए तप्त बृहस्पति एक्ज़ोप्लेनेट की खोज
- 02 Jan 2018
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चर्चा में क्यों?
वैज्ञानिकों द्वारा चार नए 'तप्त बृहस्पति' (hot Jupiter) एक्स्ट्रासोलर ग्रहों (extrasolar planets) की खोज की गई है, ये चारों तप्त ग्रह बौने तारों (dwarf stars) की परिक्रमा करते हुए पाए गए हैं।
हैट-साऊथ दूरबीन का इस्तेमाल
- हंगरी द्वारा निर्मित स्वचालित टेलीस्कोप हैट-साऊथ (Hungarian-made Automated Telescope Network-South - HATSouth) एक्ज़ोप्लेनेट’ सर्वे की दूरबीन का उपयोग करते हुए वैज्ञानिकों की एक टीम ने चार जी-प्रकार के बौने सितारों HATS-50, HATS-51, HATS-52 और HATS-53 का निरीक्षण करने के दौरान इन ग्रहों की खोज की।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- एक्ज़ोप्लेनेट’ वर्ग से संबद्ध इन चारों ग्रहों को 'तप्त बृहस्पति’ के रूप में जाना जाता है।
- इन ग्रहों को यह नाम देने का मुख्य कारण यह है कि न केवल इन चारों की प्रकृति एवं विशेषताएँ बृहस्पति के समान है, बल्कि बृहस्पति के ही समान इनकी कक्षीय अवधि भी 10 दिनों से कम की है।
- अपने मूल सितारों की कक्षा में बहुत करीब से परिक्रमा करने के कारण इनका सतही तापमान काफी उच्च होता है।
हैट्स-50 बी
- इन सभी ग्रहों में हाल ही में खोजा गया हैट्स-50 बी ग्रह सबसे छोटे आकार का एक्ज़ोप्लेनेट’ है।
- इसकी त्रिज्या बृहस्पति की त्रिज्या का 1.13 (Jupiter radii) तथा इसका द्रव्यमान बृहस्पति के 0.39 त्रिज्या (0.39 Jupiter radii) के समान है।
- यह प्रणाली पृथ्वी से लगभग 2,300 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
हैट्स-51 बी
- लगभग 1.41 बृहस्पति त्रिज्या वाला हैट्स-51 बी एक्ज़ोप्लेनेट’ इन चारों ग्रहों में सबसे बड़ा एक्ज़ोप्लेनेट’ है।
- इसकी परिक्रमा अवधि मात्र 3.35 दिनों की कक्षा है
- यह पृथ्वी से तकरीबन 1,560 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
एक्ज़ोप्लेनेट’ (Exoplanet) क्या होते हैं?
- सौर प्रणाली के बाहर स्थित सभी ग्रह ‘एक्ज़ोप्लेनेट’ कहलाते हैं।
- ‘प्रॉक्सिमा सेंटारी बी’, हमारे सूर्य के सबसे नज़दीक का ‘एक्ज़ोप्लेनेट’ है।
- ध्यातव्य है कि ‘प्रॉक्सिमा सेंटारी’ सूर्य के सबसे नज़दीक का तारा है तथा ‘प्रॉक्सिमा सेंटारी बी’ इस तारे की परिक्रमा करने वाले एक ग्रह, जो पृथ्वी की तुलना में लगभग 1.3 गुना भारी है।
एक नए सौरमंडल की खोज
- कुछ समय पहले अमेरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration - NASA) द्वारा दो नए एक्सोप्लैनेट्स (केप्लर-90i और केप्लर-80g) की खोज की गई है। यह खोज नासा के केप्लर स्पेस टेलीस्कोप (NASA’s Kepler Space Telescope) के आकलन पर आधारित है।
- एक्सोप्लैनेट्स के संदर्भ में अभी तक की नासा की सभी खोजों में यह काफी महत्त्वपूर्ण एवं भिन्न है,इसका कारण यह है कि केप्लर-90i एक्सोप्लैनेट्स जो कि केप्लर 90 (Kepler 90) के चारों ओर घूर्णन करता है।
- यह सूर्य के समान एक अन्य तारा है जिसके चारों ओर आठ ग्रह परिक्रमा करते हैं। हमारे सौरमंडल के बाहर खोजा गया यह अभी तक का सबसे बड़ा सौरमंडल है।
- केप्लर-90 सौरमंडल के इस आठवें ग्रह को केप्लर 90i नाम दिया गया है। यह सूर्य की तुलना में थोड़ा गर्म और बड़ा है।
- इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी कक्षा का अंतिम ग्रह इसके प्रमुख सितारे से लगभग उतनी ही दूरी पर है, जितनी दूरी पर पृथ्वी से सूर्य है। इसका ग्रह अपने सितारे का एक पूरा चक्कर 14.4 दिनों में पूरा करता है।
- नासा ने इस ग्रह के तापमान का आकलन किया है और यह करीब 425 डिग्री सेल्सियस है।