सऊदी अरेबिया में मानव के प्रवेश के ऐतिहासिक साक्ष्य | 13 Apr 2018

चर्चा में क्यों?

हमेशा से वैज्ञानिकों का यही मानना रहा है कि मानव की उत्पत्ति सबसे पहले अफ्रीका प्रायद्वीप में हुई थी। परंतु, हाल ही में अरेबियन प्रायद्वीप में मिले मानव के जीवाश्म ने “आउट ऑफ अफ्रीका” के मानवीय प्रवासन के सिद्धांत को कटघरे में ला खड़ा किया है। इसके अनुसार, अब से करीब 60 हज़ार साल पहले वह संपूर्ण विश्व में फैल गए थे।

  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के Growcock नामक एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में शोधकर्त्ताओं की टीम को सऊदी अरब के मध्य में स्थित नेफुड रेगिस्तान से मानवीय अंगुली के जीवाश्म प्राप्त हुए।
  • 3.2 सेंटीमीटर लंबी हड्डी का यह जीवाश्म करीब 85 हज़ार साल पुराना है। वैज्ञानिकों द्वारा यह अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि यह अफ्रीकी क्षेत्र के बाहर मिलने वाले होमो सेपियन्स (आधुनिक मानव) के साक्ष्यों में सबसे पुराना मानवीय जीवाश्म है।
  • “नेचर इकोलॉजी एंड इवाल्यूशन” नामक जर्नल में छपे इस अध्ययन के अंतर्गत शोधकर्त्ताओं द्वारा स्पष्ट किया गया है कि जैसा कि मानव के अफ्रीका से बाहर प्रसार के संबंध में माना जाता है, इसका प्रसार अब से तकरीबन 25 से 30 हज़ार साल पहले हुआ था। 
  • परंतु हाल की सऊदी अरबिया की खोज यह साबित करती है कि मानव का प्रसार इस समयावधि से पहले ही हो गया था। 
  • वे अरब प्रायद्वीप के घास के मैदानों तक अपना विस्तार कर चुके थे। वर्तमान में यह क्षेत्र एक रेगिस्तान में परिवर्तित हो चुका है। हालाँकि इस क्षेत्र के संबंध में पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना यह रहा है कि इस स्थान पर उस समय झील और घास के मैदान हुआ करते थे।
  • अब से 85 हज़ार साल पहले जब मानव उस क्षेत्र में पहुँचा तो मूसलाधार बारिश होने के परिणामस्वरूप कई झीलों और नदियों का निर्माण हुआ।
  • आपको बता दें कि मानव के जीवाश्म के साथ-साथ इस क्षेत्र से दरियाई घोड़ा और हिरण सहित तकरीबन 800 जानवरों के जीवाश्म पाए गए हैं।

चीन से मिले 4.5 करोड़ पुराने आदिजीव के जीवाश्म

  • कुछ समय पहले चीन से शोधकर्त्ताओं को 4.5 करोड़ वर्ष पुराने आदिजीवों (प्राइमेट) की 500 अंगुलियाँ और पंजे की हड्डी मिली थी। इन जीवाश्मों के मिलने के बाद यह स्पष्ट है कि मानव जीवाश्म भले ही अफ्रीका में पाए गए थे लेकिन उनके पूर्वज एशिया के थे। यह शोध जर्नल ऑफ ह्यूमन इवोल्यूशन में प्रकाशित हुई थी।
  • मध्य इयोसिन काल (भू-गर्भीय बदलाव का दौर) के दौरान पाए जाने वाले ये आदिजीव पेड़ पर रहते थे और फल एवं छोटे जीवों को खाते थे।