कुपोषण से निपटने के लिये फूड-फोर्टीफिकेशन | 02 May 2017
समाचारों में क्यों?
विदित हो कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा है कि आईटीसी, एचयूएल, करगिल और पतंजलि जैसी कंपनियाँ अपने गेहूँ के आटे में लौह, फॉलिक एसिड और विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्त्वों की मात्रा बढ़ाकर इन्हें अधिक गुणकारी बनाएंगी।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- गौरतलब है कि एफएसएसएआई के इन पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के विचार के पीछे मकसद इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है।
- देश में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिये एफएसएसएआई खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों को मिलाने पर जोर दे रहा है।
- इस पहल के तहत आईटीसी, जनरल मिल्स, हिन्दुस्तान यूनिलीवर, पतंजलि और करगिल जैसी कंपनियों ने अपने प्रमुख खाद्य ब्रांडों में गुणकारी तत्त्वों की मात्रा बढ़ाने पर सहमति जताई है।
- ये कंपनियाँ अपने आटा ब्रांड जैसे आशीर्वाद, पिल्सबरी, अन्नपूर्णा, पतंजलि और नेचर फ्रेश में पोषक तत्त्वों की मात्रा बढ़ाएंगी।
- नियामक ने कहा है कि, इसके लिये इन कंपनियों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है और इनका अधिक पोषक तत्त्वों की मात्रा वाला आटा बाज़ार में जुलाई- अगस्त तक पहुँचना शुरू हो जायेगा।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) क्या है?
- केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का गठन किया। जिसको 1 अगस्त, 2011 में केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा और मानक विनिमय (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) के तहत अधिसूचित किया गया।
- इसका संचालन भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है, जो राज्यों के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने का काम करता है।
- एफएसएसएआई मानव उपभोग के लिये पौष्टिक भोजन के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात के सुरक्षित उपलब्धता को सुनिश्चित करने का काम करता है।
- इसके अलावा यह देश के सभी राज्यों, ज़िला एवं ग्राम पंचायत स्तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के तय मानक को बनाए रखने में सहयोग करता है।
- यह समय-समय पर खुदरा एवं थोक खाद्य-पदार्थों की गुणवत्ता की जाँच भी करता है।