अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि
- 06 May 2017
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संदर्भ
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये गए नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा के निरंतर हो रहे प्रवाह के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार 37.7 बिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है।
प्रमुख बिंदु
- रिज़र्व बैंक के अनुसार, 28 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में हुई 1.57 बिलियन डॉलर की वृद्धि के कारण कुल भंडार में 1.59 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई है।अर्थशास्त्रियों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का यह स्तर 11-12 महीनों में देश में आने वाली मुद्रा के बराबर है।
- केंद्रीय बैंक के अनुसार, चूँकि सोने का भंडार स्थिर ही रहा है अतः विशेष आहरण अधिकार पहले(8.5 मिलियन डॉलर) की तुलना में 2.35 बिलियन डॉलर का हो गया है तथा इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भी पहले(15.8 मिलियन डॉलर) की तुलना में 2.35 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- इस वर्ष के आरंभ से अभी तक विदेशी निवेशकों ने 7.7 बिलियन डॉलर का निवेश ऋण तथा 6.3 बिलियन डॉलर का निवेश शेयर पूंजी के रूप में किया है।
- ऋण और शेयर से आने वाली विदेशी मुद्रा के कारण वर्ष 2017 में डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में 6% का उछाल आया है तथा यह एशिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है।
- केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बाज़ार में हस्तक्षेप कर रहा है, परन्तु इसका हस्तक्षेप सीमित ही है क्योंकि इससे मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि इस व्यवस्था में पहले से ही तरलता अधिशेष(4 लाख करोड़) है।
- इस वर्ष के आरंभ में ही रिज़र्व बैंक ने मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण अपनी मौद्रिक नीति में परिवर्तन कर इसे अनुकूल से तटस्थ (accommodative to neutral) कर दिया है।
- शेयर बाज़ार भी अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच चुका है जिसका निवेशकों पर सकारात्मक असर हुआ है।पिछले सप्ताह सेंसेक्स 30,000 पर तथा निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर(9359.9 पॉइंट) पर पहुँच गया था।
- इससे पहले विदेशी मुद्रा कोष अपने उच्चतम स्तर पर तब पहुँचा था जब 30 सितम्बर 2016 में विदेशी मुद्रा कोष 371.99 बिलियन पर पहुँच गया था।हालाँकि साढ़े तीन वर्ष पूर्व हुए मुद्रा संकट के दौरान इस भंडार में कमी आई थी।अगस्त 2013 में यह विदेशी मुद्रा भंडार 274 बिलियन डॉलर हो गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?
- विदेशी मुद्रा भंडार को फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का भंडार भी कहा जाता है।
- सामान्यतः विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी रुपये, विदेशी बैंकों की जमाओं, ,विदेशी ट्रेज़री बिल और अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक सरकारी परिसंपत्तियों को शामिल किया जाना चाहिये परन्तु इसमें प्रायः सोने के भंडारों, विशेष आहरण अधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भंडार अवस्थितियों को शामिल किया जाता है।इस परिप्रेक्ष्य में इसे आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय भंडार अथवा अंतर्राष्ट्रीय भंडार की संज्ञा देना अधिक उचित है।
- विदेशी मुद्रा भंडारों को भुगतान संतुलन में ‘आरक्षित परिसंपत्तियाँ’ कहा जाता है तथा ये पूंजी खाते में होते हैं।
- ये किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति का एक महत्त्वपूर्ण भाग हैं।