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NRI निवेश की दृष्टि से मई 2018 सबसे महत्त्वपूर्ण

  • 31 May 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

यदि घरेलू शेयर बाज़ार में अनिवासी-भारतीयों द्वारा किये जाने वाले निवेश की बात की जाए तो पिछले पाँच वर्षों में वो इसके प्रति बहुत उत्साही नहीं रहे हैं। ऐसे समय में जब विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की बिक्री बड़ी मात्रा में की जा रही है तब विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने निवेश में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि की है।

क्या कहते हैं BSE आँकड़े?

  • बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, अनिवासी भारतीयों द्वारा मई 2018 में भारतीय शेयरों की खरीदारी की कुल कीमत 78.50 करोड़ रुपए है।
  • यह खरीदारी 2013 के बाद की जाने वाली सर्वोच्च खरीदारी है, जब अनिवासी भारतीयों द्वारा केवल एक माह में ही 115.80 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की गई थी।
  • मार्च 2013 में पंजीकृत 142.80 करोड़ रुपए उच्चतम शुद्ध प्रवाह के साथ इस मामले में यह तीसरा सबसे अच्छा माह भी है।
  • अमेरिका और ब्रिटेन में रहने वाले NRI के साथ-साथ पश्चिम एशिया में बसने वाले लोग अधिकांशतः भारतीय शेयरों में निवेश करते हैं, जबकि अन्य जगहों पर लोग अपने निवास के देश में ही संपत्तियों में निवेश करना पसंद करते हैं।

NRI निवेश प्रक्रिया

  • अनिवासी भारतीयों को NRE (Non Resident External) खाता तथा उसके बाद डीमैट खाता खोलकर पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम (PIS) के अंतर्गत भारतीय शेयर में निवेश की अनुमति प्रदान की गई है।
  • ऐसे निवेशकों को भारतीय शेयरों में निवेश करने की इजाजत है लेकिन उन्हें इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने से रोक दिया जाता है।
  • बाज़ार प्रतिभागी, जो NRI ग्राहकों से लेन-देन करते हैं, इस प्रवृत्ति को रुपया मूल्यह्रास के ट्विन फैक्टर और अन्य संपत्ति वर्गों, विशेष रूप से पश्चिम एशिया में अचल संपत्ति के संबंध में खराब प्रदर्शन के लिये ज़िम्मेदार मानते हैं। 

FPI बहिर्गमन (outflow)

  • NRI द्वारा किया जाने वाला रिकॉर्ड प्रवाह ऐसे समय में आया है जब फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs), जिन्हें अक्सर शेयर बाज़ार में होने वाली तेज वृद्धि के प्रमुख संचालकों के रूप में देखा जाता है, भारतीय शेयरों की बिक्री भारी मात्रा में कर रहे हैं।
  • मई में, FPIs द्वारा बेचे गए शेयरों की कुल कीमत लगभग 9,500 करोड़ रुपए है।

NRI निवेश तथा सेंसेक्स

  • अप्रैल में 6% से अधिक की वृद्धि दर्ज करने के बाद मई में सेंसेक्स के सीमांत आधार भी कम हो गया।
  • चालू वर्ष में अधिकांश बाज़ार प्रतिभागियों के निकट-अवधि के वैश्विक दृष्टिकोण और घरेलू समष्टि आर्थिक और भू-राजनीतिक कारणों के संयोजन के कारण सतर्क होने के बावज़ूद सेंसेक्स ने 2.62% की वृद्धि दर्ज की है।

निष्कर्ष

  • अनिवासी भारतीय आमतौर पर दीर्घकालिक निवेशक होते हैं और इसलिये वे बाजार में अल्पकालिक अस्थिरता के बारे में अपेक्षाकृत कम परेशान होते हैं। 
  • हालाँकि ग्राहक परिवर्द्धन में कोई वृद्धि नहीं हुई है लेकिन  प्रति ग्राहक गतिविधि या निवेश निश्चित रूप से बढ़ गया है।
  • डेटा से यह भी प्रदर्शित होता है कि लोग अपनी बचत का अधिकांश भाग शेयर खरीदने में लगा रहे रहे हैं।
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