फ्लिपकार्ट का वालमार्ट में अधिग्रहण भारतीय ई-टेल बाजार को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है? | 10 May 2018
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में वालमार्ट ने देसी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत इक्वीटी हिस्सेदारी खरीदकर इसका अधिग्रहण कर लिया है| इस 16 अरब डॉलर के अधिग्रहण से भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में अमेज़ॅन के साथ प्रतियोगिता में बेंगलुरू स्थित ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं की स्थिति में सुधार होने की संभावना है|
भारतीय ई-कॉमर्स बाजार पर प्रभाव
- डील का तात्कालिक प्रभाव, जो इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक दिखाई देने की उम्मीद है, फ्लिपकार्ट में $ 2 बिलियन के नए फंड के निवेश के रूप में आ सकता है, जो इसे अमेज़ॅन के खिलाफ आक्रामक मूल्य निर्धारण रणनीति को बनाए रखने में मदद करेगा।
- भारत का ई-कॉमर्स मार्केट अगले पांच वर्षों में वर्तमान कुल खुदरा बाजार से चार गुना तेजी से बढ़ने का अनुमान है।
- समेकित खुदरा सेगमेंट 2017-18 और 2022-23 के बीच केवल 9% बढ़ता दिख रहा है जबकि ई-कॉमर्स सेगमेंट में 36% की वृद्धि होने की उम्मीद है।
- ई-कॉमर्स में वृद्धि देश में बढ़ती स्मार्टफोन पहुंच के आधार पर अनुमानित है, जो 2017 में 30% की तुलना में 2020 तक 58% होने का अनुमान है।
- अन्य पहलों के अलावा, वॉलमार्ट किराना मालिकों और सदस्यों के साथ साझेदारी करेगा ताकि वे अपने खुदरा क्रिया-कलापों का आधुनिकीकरण कर सकें और डिजिटल भुगतान तकनीकों को अपना सकें|
- फ्लिपकार्ट के साथ, अधिग्रहित कंपनी के अन्य प्लेटफॉर्म जैसे फैशन ई-टेलर्स मिन्त्रा(myntra) और जैबोंग(jabong), डिजिटल पेमेंट फर्म फोनपे(PhonePe), और लॉजिस्टिक आर्म इकार्ट(Ecart) वॉलमार्ट के पोर्टफोलियो भी इसमें जुड़ जाएगा।
- साथ में, फ्लिपकार्ट, मित्रा और जैबोंग फैशन श्रेणी में लगभग 70% बाजार हिस्सेदारी रखते हैं।
- 800 शहरों में इकार्ट(Ekart) की उपस्थिति है और हर दिन 500,000 से अधिक डिलीवरी करता है।
वालमार्ट के लिये क्यों अहम् है यह सौदा?
- भारत दुनिया का सबसे आकर्षक खुदरा बाजार है। इसका आकार और वृद्धि दर इसका सबूत है। वॉलमार्ट का यह निवेश उस कंपनी में भागीदार बनने का अवसर देता है जिसने ई-कॉमर्स बाजार को बदलने में अहम भूमिका निभायी है।
- यह निवेश भारत के लिये बेहद महत्वपूर्ण है और खरीदारों और विक्रेताओं के साथ हमें और गहराई से जुड़ने में मदद करेगा।
भारत का ऑनलाइन खुदरा बाजार
- फॉरेस्टर रिसर्च द्वारा मार्च में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का ऑनलाइन खुदरा बाजार अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, जो 2017-18 में 27 अरब डॉलर की बिक्री के साथ चीन द्वारा शुद्ध ऑनलाइन बिक्री में 1.11 ट्रिलियन डॉलर की तुलना में कम है।
- देश के ई-कॉमर्स मार्केट में फ्लिपकार्ट की सबसे ज्यादा 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि अमेजन की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है|