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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पाँच विशेष क्षेत्र

  • 02 Feb 2017
  • 6 min read

विदित हो, कि सरकार ने बजट में पर्यटन क्षेत्र पर जोर दिया है अतः आने वाले वर्षों में पर्यटन और यात्रा को गति मिलने कि सम्भावना है | उल्लेखनीय है, कि पर्यटन एक वृहत रोजगार प्रदाता क्षेत्र है और इसका अर्थव्यवस्था पर बहुआयामी प्रभाव पड़ता है | अतः पर्यटन मंत्रालय द्वारा पाँच विशेष पर्यटन क्षेत्रों जिन्हें विशेष प्रयोजन वाहनों  या स्पेशल पर्पज व्हीकल Special. Purpose Vehicle SPV)  के रूप में प्रस्तुत किया गया है को राज्यों के साथ भागीदारी करके स्थापित किया जाएगा |

प्रमुख बिंदु 

  • विदित हो कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहा था कि सरकार राज्यों के साथ भागीदारी करके पाँच विशेष पर्यटन क्षेत्रों (Special Tourism Zones ) को स्थापित करेगी|
  • इन विशेष पर्यटन क्षेत्रों को विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicles-SPVs) के रूप में प्रयुक्त किया जाएगा |
  • हालाँकि, वित्त मंत्री ने इन विशेष पर्यटन क्षेत्रों को स्थापित किये जाने वाले राज्यों व स्थान से सम्बन्धित अन्य कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया है|
  • वित्त मंत्री के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय यात्रा बाज़ार में भारत की छवि को निखारने के लिए आने वाले वित्तीय वर्षों में विश्व भर में अतुल्य भारत अभियान 2.0 (Incredible India 2.0 Campaign ) चलाया जाएगा |
  • इसके अतिरिक्त, सरकार ने रेलवे को पर्यटन और तीर्थयात्रा के उद्देश्य को समर्पित ट्रेन चलाने का भी सुझाव दिया है|
  • दरअसल, सरकार ने बजट में पर्यटन मंत्रालय के लिए 1,840.77 करोड़ रूपए का आवंटन किया है जिसमें विशेष विषय-वस्तु ( स्वदेश दर्शन योजना ) सम्बन्धी पर्यटन सर्किट के समेकित विकास के लिए 959.91 करोड़ रूपए का आवंटन भी शामिल है |
  • वस्तुतः केन्द्रीय बजट के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय वर्तमान में चल रहे वित्तीय वर्ष की तुलना में वर्ष 2017-18 में 250 करोड़ रूपए से अधिक की राशि प्राप्त करेगा |
  • ध्यातव्य है, कि अन्य 100 करोड़ रूपए का आवंटन तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentation Drive-PRASAD) के लिए किया गया है |
  • गौरतलब है कि पर्यटन मंत्रालय के विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को बढ़ावा देने और उनका प्रचार प्रचार करने  के लिए 412 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है|
  • स्वदेश दर्शन के अंतर्गत विकास के लिए 13 विषयगत सर्किट की पहचान की जा चुकी है जिनके नाम क्रमशः उत्तर-पूर्वी भारत सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, हिमालयी सर्किट, तटीय सिर्किट, कृष्णा सर्किट,रेगिस्तान सर्किट, जनजातीय सर्किट, पर्यावरणीय सर्किट, वन्यजीवन सर्किट, ग्रामीण सर्किट,आध्यात्मिक सर्किट,रामायण सर्किट और धरोहर सर्किट इत्यादि हैं|
  • इसके अतिरिक्त 13 शहरों को पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रसाद के अंतर्गत विकास के लिए चिन्हित किया जा चुका है| इन शहरों के नाम क्रमशः अजमेर, अमृतसर, अमरावती, द्वारका, गया, कामख्या, कांचीपुरम, केदारनाथ, मथुरा, पटना,पुरी,वाराणसी और वेलान्कान्नी आदि हैं|  
  • ज्ञातव्य है कि आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट से रेलवे टिकट की बुकिंग करने पर उस पर लगने वाले सेवा शुल्क को समाप्त कर दिया गया है|
  • थॉमस कुक(भारत)लिमिटेड {Thomas Cook (India) Limited}  के अनुसार , इन घोषणाओं में सबसे बड़ी एक घोषणा आईआरसीटीसी के माध्यम से टिकट बुकिंग करने पर लगने वाले सेवा शुल्क की समाप्ति है| इससे न केवल होने वाली टिकट बुकिंग कि संख्या में वृद्धि होगी बल्कि इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था का समेकन भी होगा|

इसके अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण कदमों में जैव शौचालयों की शुरुआत करके सुरक्षा और स्वच्छता पर जोर देना शामिल है जिससे यात्रियों की सुविधा में वृद्धि होगी | ध्यातव्य है, विकलांगों के लिए रेलवे को अधिक मित्रवत बनाने वाले उपायों को सूचित करना भी अधिक उत्साहपूर्ण होगा|  इस बजट में रोजगारों में वृद्धि करने और ‘भीम एप’ के माध्यम से लेनदेनों को बढ़ावा देने का ‘उपभोक्ता केन्द्रित चरणों’(consumer-centric steps) के रूप में स्वागत किया गया है|

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