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हाइगिया: सौर मंडल का छठा बौना ग्रह

  • 05 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

हाइगिया के बारे में, बौना ग्रह घोषित किये जाने हेतु मापदंड, हमारे सौरमंडल में बौने ग्रह, अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ

चर्चा में क्यों?

वेरी लार्ज टेलीस्कोप (Very Large Telescope-VLT) में यूरोपियन स्पेस ऑर्गनाइजेशन (European Space Organisation) के SPHERE इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से किये गए अवलोकनों की सहायता से खगोलविदों ने यह दावा किया है कि Hygiea संभवतः एक बौना ग्रह हो सकता है।

प्रमुख बिंदु

dwarf planet

  • अब तक आधिकारिक रूप से हमारी सौर प्रणाली में पाँच बौने ग्रह हैं।
  • सबसे प्रसिद्ध बौना ग्रह प्लूटो है, वर्ष 2006 में इसे ग्रह की श्रेणी से हटाते हुए बौना ग्रह घोषित किया गया था। अन्य चार बौने ग्रह हैं: एरिस (Eris), मेकमेक (Makemake), हुमा (Haumea) और सेरेस (Ceres)।
  • नासा के अनुसार, Hygiea एक ऐसे क्षुद्रग्रह बेल्ट का हिस्सा है, जिसमें 1.1 से लेकर 1.9 मिलियन की संख्या में बड़े क्षुद्रग्रहों (1 किमी. या 0.6 मील से अधिक व्यास वाले) के साथ ही लाखों अन्य छोटे छुद्रग्रह भी मौजूद हैं।
  • संभवतः Hygiea की उत्पत्ति भी सेरेस (Ceres) नामक छुद्र्ग्रह के साथ 2 बिलियन वर्ष पहले हुई थी। लगभग 431 किमी. के व्यास के साथ यह आकार में छोटा है। यह लगभग साढ़े पाँच सालों में सूर्य के चारों और अपनी परिक्रमा पूरी करता है तथा अपने अक्ष/धुरी (Axis) पर एक घूर्णन पूरा करने में इसे 27.6 दिन का समय लगता है।
  • इस क्षुद्रग्रह की खोज वर्ष 1849 में की गई थी, इसका नामकरण शुचिता और स्वच्छता की ग्रीक देवी (Greek goddess) के नाम पर किया गया था।
  • इस बेल्ट के मौजूदा पिंडों में सेरेस एकमात्र बौना ग्रह है जो आंतरिक सौर प्रणाली में उपस्थित है साथ ही यह सौर प्रणाली के अब तक ज्ञात सभी बौने ग्रहों में सबसे छोटा है।

बौने ग्रह हेतु मानदंड

  • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (International Astronomical Union) ने एक बौने ग्रह के लिये चार मानदंड निर्धारित किये हैं, Hygiea इनमें से तीन मानदंडों को पहले ही पूरा कर चुका है:
    • यह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करता हो,
    • यह चंद्रमा न हो, और
    • इसने अपनी कक्षा के चारो-ओर के क्षेत्र की परिक्रमा न की हो।
  • चौथी आवश्यकता यह है कि उसका द्रव्यमान कम-से-कम इतना हो कि अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण उसका आकार लगभग गोल हो गया हो तथा वह अपने पड़ोसी पिण्डों की कक्षा को न लांघता हो।।

अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ

  • यह पेशेवर खगोलविदों का एक संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में की गई थी।
  • इसका केंद्रीय सचिवालय पेरिस में है।
  • इस वर्ष यानी वर्ष 2019 में यह संघ अपनी स्थापना की 100वीं वर्षगाँठ मना रहा है।
  • इस संघ का उद्देश्य खगोलशास्त्र के क्षेत्र में अनुसंधान और अध्ययन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना है।
  • जब भी ब्रह्मांड में कोई नई वस्तु पाई जाती है तो खगोलीय संघ द्वारा दिये गए नाम ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) का उद्देश्य खगोलीय विज्ञान को बढ़ावा देना है।
  • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की महासभा की बैठक तीन वर्ष में एक बार की जाती है। पिछली बार इसकी बैठक का आयोजन ऑस्ट्रिया के विएना में वर्ष 2018 में किया गया था। IAU की आगामी बैठक का आयोजन वर्ष 2021 में दक्षिण कोरिया के बुसान में किया जाएगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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