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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत में पहली बार मिला जल-सरीसृप का जीवाश्म

  • 27 Oct 2017
  • 3 min read

चर्चा में क्यों

  • भारत में पहली बार जुरासिक काल के एक बड़े समुद्री सरीसृप (रेंगने वाला जीव) ‘इचथ्योसोर’  (ichthyosaur) के कंकाल का जीवाश्म पाया गया है।
  • दिल्ली यूनिवर्सिटी और जर्मनी के एरलांगेन-नूरेमबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने एक ‘इचथ्योसोर’  का लगभग 5.5 मीटर लंबा कंकाल गुजरात के कच्छ में पाया है।

महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • ‘इचथ्योसोर’  को ग्रीक भाषा में ‘मछली छिपकली’ (‘fish- lizards’) कहा जाता है। इससे पहले इसके जीवाश्म उत्तर अमेरिका और यूरोप में पाए गए हैं। दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिण अमेरिका और आस्ट्रेलिया में ये काफी सीमित रहे हैं। यह भारत में मिले अब तक के सभी जीवाश्मों में सबसे पुराना है। 
  • ‘‘इचथ्योसोर’’ भारत में खोजा गया अपनी तरह का पहला जीवाश्म है। यह उस समय समुद्र में विचरण करता था, जब धरती पर डायनासोर विचरण किया करते थे।
  • माना जा रहा है कि यह जीव मेसोजोइक काल यानी दूसरे भूगर्भ-काल से संबंध रखता है जो लगभग 25 से 9 करोड़ वर्ष पूर्व के बीच समुद्र में विचरता था। यह ऑफ्लमोसोरीडा परिवार (Ophthalmosauridae family) का जीव है।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह खोज?

  • विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज केवल इसलिये महत्त्वपूर्ण नहीं है कि पहली बार भारत में ‘इचथ्योसोर’  होने का प्रमाण मिला है, बल्कि इसका महत्त्व इस तथ्य में निहित है कि यह पूर्व के गोंडवाना के इंडो-मैडगास्कन क्षेत्र में ‘इचथ्योसोर’  के विकास और विविधता पर भी प्रकाश डालता है।
  • इससे जुरासिक काल में अन्य महाद्वीपों के साथ भारत के जैविक रूप से जुड़े होने का पता भी चलता है। शोधकर्त्ताओं को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में जुरासिक काल के रीढ़ की हड्डी वाले और जीवों की खोज से दुनिया के इस हिस्से में समुद्री सरीसृपों के विकास के बारे में जानकारी मिल सकती है।
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