फिंस का मानव हाथों में रूपांतरण | 30 Mar 2020
प्रीलिम्स के लिये:एल्पिस्टोस्टेज, डेवोनियन काल मेंस के लिये:महत्त्वपूर्ण नहीं |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने कनाडा के मिगुशा में पाए गए एक प्राचीन जीवाश्म के विश्लेषण के आधार पता लगाया कि मानव हाथों का विकास किस प्रकार हुआ है।
प्रमुख बिंदु:
- गौरतलब है कि शोधकर्त्ताओं ने एल्पिस्टोस्टेज (Elpistostege) के एक जीवाश्म की जाँच की।
- जीवाश्म वैज्ञानिकों के अनुसार मछलियों की मौज़ूदा प्रजातियों में वे महत्त्वपूर्ण चरण अनुपस्थित हैं जो मछलियों से चार पैर वाले जानवरों के रूपांतरण में भूमिका निभाते हैं।
- ऐसा लाखों वर्ष पहले डेवोनियन काल (Devonian Period) के दौरान हुआ था, क्योंकि मछलियाँ उथले जल और भूमि जैसे आवासों में विचरण करने लगी थीं।
डेवोनियन काल (Devonian Period):
डेवोनियन काल लगभग 419 मिलियन वर्ष पहले 60 मिलियन वर्ष की अवधि तक रहा। इसका नाम इंग्लैंड के डेवन नामक स्थान के नाम पर पड़ा जहाँ सर्वप्रथम इस युग की चट्टानें पाई गईं।
- एल्पीस्टोस्टिग मछलियों से भूमि कशेरुकों में रूपांतरण के निर्णायक चरण का प्रतिनिधित्व करता है।
- इस परिवर्तन को मछली के सामने के पंखों द्वारा समर्थित किया गया था जिन्हें पेक्टोरल फिन (Pectoral Fins) कहा जाता है।
- इन पंखों में रेडियल (रेखीय) हड्डियां थीं जो उंगलियों की तरह एक पंक्ति में व्यवस्थित थीं।
- इन हड्डियों को ज़मीन पर वजन सहन करने का लचीलापन देना चाहिये था।
एल्पिस्टोस्टेज:
- एल्पिस्टोस्टेज पूरी तरह से जलीय थे। इनका शरीर मगरमच्छ जैसा, सपाट त्रिकोणीय सिर, जबड़े के आसपास कई दाँत होते थे।
- जीवाश्म वैज्ञानिकों (Palaeontologists) का मानना है कि एल्पीस्टोस्टेज अपने काल में, लवणीय (Brackish) मुहाना पारिस्थितिकी तंत्र में सबसे बड़े शिकारी होते थे।
- इन एल्पीस्टोटेज से विकसित होने वाले चार अंगों वाले जानवरों को टेट्रापोड (Tetrapods) कहा जाता था।