केरल का जलवायु अनुकूलता कार्यक्रम | 29 Jun 2019
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत सरकार, केरल सरकार और विश्व बैंक ने ‘प्रथम केरल अनुकूलता कार्यक्रम’ के लिये 250 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति राज्य की अनुकूलता को बढ़ाना है।
कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:
- केरल में वर्ष 2018 में आए बाढ़ और भूस्खलन की आपदा ने संपत्ति, बुनियादी ढाँचे और लोगों के जीवन तथा आजीविका पर गंभीर प्रभाव डाला। राज्य में लगभग 5.4 मिलियन लोग इससे प्रभावित हुए और 1.4 मिलियन लोग अपने घरों से विस्थापित हुए।
- यह कार्यक्रम समावेशन और सहभागिता के माध्यम से गरीब तथा कमजोर समूहों की संपत्ति एवं आजीविका की रक्षा के लिये राज्य की संस्थागत व वित्तीय क्षमता को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह साझेदारी विकास के प्रभाव को अधिकतम करने के लिये नीतिगत और संस्थागत क्षेत्रों की पहचान भी करेगा।
- विश्व बैंक, भारत सरकार और केरल सरकार के साथ अगस्त 2018 में आई बाढ़ के बाद से ही मिलकर काम कर रहा है। विश्व बैंक बाढ़ प्रभाव का आकलन करने, पुनर्निर्माण, आपदा जोखिमों और जलवायु परिवर्तन के लिये नीतियों, संस्थानों तथा प्रणालियों की पहचान में भी सहायता कर रहा है।
- कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:
- बेहतर नदी बेसिन प्रबंधन और जल अवसंरचना संचालन प्रबंधन, जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाएँ।
- सतत् और जलवायु अनुकूल कृषि तथा कृषि बीमा को मज़बूत करना।
- मुख्य सड़कों के नेटवर्क को मज़बूत करना।
- उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में एकीकृत और अधिक अद्यतित भूमि रिकॉर्ड।
- जोखिम आधारित शहरी योजना और शहरी स्थानीय निकायों द्वारा व्यय योजना को मज़बूत करना।
- राज्य की राजकोषीय और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन क्षमता को मज़बूत करना।
स्रोत: पीआईबी