प्रथम हाइपरलूप पैसेंजर कैप्सूल का अनावरण | 15 Oct 2018
संदर्भ
हाल ही में दुनिया के सबसे पहले हाइपरलूप पैसेंजर कैप्सूल का अनावरण स्पेन में किया गया। वाणिज्यिक ट्रैक पर इस्तेमाल करने से पहले 105 फीट लंबी और 5 टन वजनी कैप्सूल को अतिरिक्त असेंबली के लिये फ्राँस के टूलूज़ ले जाया जाएगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- कैलिफोर्निया स्थित स्टार्ट अप, जिसे हाइपरलूप-टीटी के नाम से भी जाना जाता है, ने इस कैप्सूल का निर्माण किया है।
- क्विंटरो नामक इस कैप्सूल को पूरी तरह कम्पोज़िट मैटेरियल से बनाया गया है।
- हाइपरलूप-टीटी ने चीन के दक्षिण-पश्चिम प्रांत के पहाड़ी क्षेत्र में परीक्षण प्रणाली बनाने के लिये एक संयुक्त उद्यम की स्थापना की थी।
- लॉस एंजिल्स क्षेत्र एक हाइपरलूप केंद्र के रूप में उभर रहा है।
हाइपरलूप क्या है?
- वर्तमान में कई कंपनियों द्वारा विकसित किया जा रहा हाइपरलूप ज़मीनी यातायात का एक नया रूप है।
- इसमें कम दबाव वाले ट्यूबों के भीतर हवा में तैरती हुई बोगी में 700 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से यात्रा करने वाले यात्रियों को देखा जा सकेगा।
- इस विचार की कल्पना सबसे पहले स्पेस एक्स के इलोन मस्क द्वारा की गई थी।
- इसे ‘यातायात के पाँचवें माध्यम’ के रूप में जाना जाता है।
- इसकी न केवल तीव्र गति होगी बल्कि यह शून्य-उत्सर्जन के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।
- इस तकनीक के लिये कम ऊर्जा की आवश्यकता होगी और खराब मौसम के साथ-साथ टक्कर से बचने के लिये इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली भी होगी।
- इसे कॉनकॉर्ड, रेल गन तथा एयर हॉकी टेबल के मिश्रण के रूप में माना जाता है।
- हाइपरलूप चुंबकीय ढंग से हवा में तैरते हुए बहुत तीव्र गति से संचालित होता है।
- ये कैप्सूल यात्रियों को ट्यूब या सुरंगों के माध्यम से ले जाते हैं, जिनमें से अधिकांश वायु को घर्षण कम करने के लिये हटा दिया जाता है। वायु को हटाने की वज़ह से सुरंग का दबाव कम हो जाता है।
- कम हो चुका यह दबाव कैप्सूल को तीव्र गति प्रदान करता है।
- अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन के वर्जिन हाइपरलूप वन ने इस तकनीक पर भारत में भी चर्चा की, जिसका लक्ष्य भविष्य में तकनीकी की सहायता से स्थानीय एयरलाइंस की तुलना में सस्ती कीमतों पर यात्रा की पेशकश करना है।
- ब्रैनसन ने व्यापक हाइपरलूप ढाँचे के लिये मुंबई में एक प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसका लक्ष्य मुंबई-पुणे प्रणाली को विकसित करना है।
- यदि यह सफल हो जाता है तो मुंबई से पुणे के बीच यात्रा के समय को कम कर देगा और लगभग तीन घंटे बचाएगा।