तितली महोत्सव | 24 May 2018
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड के पर्यटन स्थल देवलसारी में 31 मई से तितली महोत्सव का आयोजन किया जाएगा रहा है। तितलियों का संसार कहे जाने वाले देवलसारी में इस अनोखे महोत्सव का आयोजन 31 मई से 2 जून तक किया जाएगा।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- उत्तराखंड में आयोजित किया जाने वाला यह अपनी तरह का पहला उत्सव है।
- देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले प्रकृति प्रेमी, इस आयोजन में तितलियों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।
- इस आयोजन की पहल देवलसारी पर्यावरण संरक्षण एवं तकनीकी विकास संस्थान ने मसूरी वन प्रभाग व पर्यटन विभाग के सहयोग से तितलियों के संरक्षण और नेचर टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिये की है।
- इस महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य लोगों को यह संदेश देना है कि जंगलों को काटे और होटलों के निर्माण के बिना, प्रकृति के संरक्षण से भी रोज़गार हासिल किया जा सकता है।
- यहाँ कैक्टस प्रजाति के वृक्षों और टिमरू प्रजाति की वनस्पति भी अधिक मात्रा में पाई जाती हैं, जो तितलियों के अनुकूल होते हैं।
- कॉमन पिकाज प्रजाति की तितली टिमरू के पेड़ पर बैठकर ही अंडे देती है।
देवलसारी
- देवलसारी एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो उत्तराखंड में समुद्र तल से 1550 मीटर की ऊँचाई पर स्थित टिहरी ज़िले में स्थित है।
- यह 80 किमी. आरक्षित वन भू-भाग में फैला हुआ है।
- देवलसारी में उड़ने वाली गिलहरी पाई जाती है, जो किसी अन्य स्थान पर नहीं पाई जाती है।
- यहाँ तितलियों की 150 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- यहाँ चमगादड़ की भी 18 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- यहाँ हिमालयन ग्रैको प्रजाति की छिपकली भी पाई जाती है जो केवल रात के समय ही बाहर निकलती है।
देवलसारी में पाई जाने वाली तितलियों की प्रमुख प्रजातियाँ
कॉमन लेपर्ड, लाइन बटरफ्लाई, लाइम बटरफ्लाई, इंडियन मोरमोन, प्लेन टाइगर, स्ट्राइप्ड टाइगर, ब्ल्यू टाइगर, ग्लॉसी टाइगर, कॉमन रोज, कैबेस व्हाइट, स्पॉटेड स्वार्ड टेल, बैरोनेट आदि यहाँ पाई जाने वाली तितलियों की प्रमुख प्रजातियाँ हैं।