पार्कर सोलर प्रोब द्वारा अध्ययन | 11 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये:
पार्कर सोलर प्रोब
मेन्स के लिये:
पार्कर सोलर प्रोब द्वारा एकत्रित सूर्य से संबंधित तथ्य
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नासा के पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) मिशन द्वारा सूर्य की बाहरी सतह का अध्ययन करके सौर तूफानों तथा अंतरिक्ष के मौसम संबंधी विभिन्न तथ्यों की जानकारी प्रदान की गई है।
मुख्य बिंदु:
- पार्कर सोलर प्रोब मिशन से सूर्य की बाहरी परत से चलने वाले सौर तूफानों के कारण अंतरिक्ष के मौसम में परिवर्तन से संबंधित जानकारी मिलती है तथा उन उग्र सौर तूफानों के बारे में जानकारी मिलती है जो उपग्रह तथा पृथ्वी पर स्थित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संचालन में बाधा पहुँचा सकते हैं।
पार्कर सोलर प्रोब द्वारा किया गया अध्ययन:
- इस मिशन द्वारा एकत्रित जानकारियों में से कुछ तो अनुमान के अनुरूप थीं लेकिन कुछ जानकारियाँ पूरी तरह से अप्रत्याशित थीं।
- पृथ्वी सूर्य से लगभग 93 मिलियन मील की दूरी पर स्थित है और पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के लगभग 15 मिलियन मील नज़दीक तक पहुँच कर इसका अध्ययन किया।
- पार्कर सोलर प्रोब अंततः सूर्य की सतह से लगभग 4 मिलियन मील के करीब तक पहुँच कर अध्ययन करेगा जो किसी भी पिछले अंतरिक्षयान की तुलना में सात गुना करीब है।
- पार्कर सोलर प्रोब को सूर्य की सबसे बाहरी परत ‘कोरोना’ (Corona) का अध्ययन करते हुए अत्यधिक उष्मा का सामना करना पड़ा। कोरोना से ही सौर तूफानों की उत्पत्ति होती है, इन तूफानों में गर्म, ऊर्जावान, आवेशित कण सूर्य से बाहर की ओर प्रवाहित होते हैं और सौरमंडल में संचारित होते हैं।
- प्रोब द्वारा किये गए अध्ययन में पता चला कि जब इन सौर तूफानों की गति में अचानक से वृद्धि होती है तो इन तीव्र सौर तूफानों के कारण इनके आस-पास का चुंबकीय क्षेत्र स्वंय ही समाप्त जाता है। इस घटना को ‘स्विचबैक्स’ (Switchbacks) कहते हैं।
पार्कर सोलर प्रोब
(Parker Solar Probe):
- इस मिशन को फ्लोरिडा स्थित नासा के केप केनेडी स्पेस सेंटर- काम्प्लेक्स37 (Complex37) से डेल्टा-4 रॉकेट द्वारा वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था।
- नासा ने पार्कर सोलर प्रोब का नाम प्रख्यात खगोल भौतिकीविद् यूज़ीन पार्कर के सम्मान में रखा है।
- पहले इसका नाम सोलर प्रोब प्लस था।
- यूज़ीन पार्कर ने ही सबसे पहले वर्ष 1958 में अंतरिक्ष के सौर तूफानों के बारे में भी बताया था।
- पार्कर सोलर प्रोब की लंबाई 1 मीटर, ऊँचाई 2.5 मीटर तथा चौड़ाई 3 मीटर है।
- इस मिशन के माध्यम से सौर पवन के स्रोतों और चुंबकीय क्षेत्र की बनावट तथा उनके डायनामिक्स की जाँच की जा रही है।
- यह मिशन सूर्य की सतह से इसके कोरोना के ज़्यादा तापमान होने के कारणों का भी अध्यययन करेगा।
कोरोना (Corona):
- सूर्य के वर्णमंडल के वाह्य भाग को किरीट/कोरोना (Corona) कहते हैं।
- सूर्य का कोरोना बाहरी अंतरिक्ष में लाखों किलोमीटर तक फैला है और इसे सूर्य ग्रहण के दौरान आसानी से देखा जाता है, किरीट अत्यंत विस्तृत क्षेत्र में पाया जाता है।