अंतर्राष्ट्रीय संबंध
ड्रग प्रतिरोध का बढ़ता खतरा
- 10 Jul 2017
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संदर्भ
स्वाइन फ्लू के उपचार के लिये उपयोग होने वाले एंटीवायरल औषधियों के विरुद्ध प्रतिरोध उत्पन्न की घटनाओं का उभरना चिंता का विषय है। एच1एन1(H1N1) की औषधियों की आसानी से उपलब्धता ड्रग प्रतिरोध का भय उत्पन्न करती हैं।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- स्वाइन फ्लू का इलाज करने वाली एंटीवायरल दवाओं, जैसे ओसेल्टमिविर और ज़ेनामिविर, को ड्रग्स और कॉमेस्टिक नियमों के प्रतिबंधात्मक अनुसूची दस से हटा दिया गया है।
- अब अनुसूची H1 के तहत, सभी केमिस्ट्स इन दवाओं का स्टॉक कर सकते हैं। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को भय है कि एच1एन1 की औषधियों की आसानी से उपलब्धता से ड्रग प्रतिरोध का खतरा बढ़ जाएगा।
- भारत में इस वर्ष से अभी तक एच1एन1 के 11,700 से अधिक मामले तथा मौत के 561मामले दर्ज़ किए जा चुके हैं।
- डॉक्टरों का कहना है कि एंटीवायरल दवाओं का दुरुपयोग दवा की स्थिति को अप्रभावी बना देते हैं।
- ओसेल्टमिविर और ज़ेनामिविर एंटीवायरल दवाएँ हैं जो शरीर में एन्फ्लूएंज़ा वायरस के प्रकार ए और बी की कार्रवाई को रोकती हैं। ओसेल्टमिविर टेबलेट के रूप में उपलब्ध है और ज़ेनामिविर पाउडर के रूप में मिलता है।
- हम पहले से ही एंटीबायोटिक के प्रतिरोध और उसके दुष्प्रभाव से संबंधित खतरों को देख रहे हैं। जिस तरह एंटीबायोटिक औषधियों के आसानी से उपलब्ध एवं दुरूपयोग होने के कारण उनका प्रतिरोध बन गया है, वही हाल अब एंटीवायरल ड्रग्स के साथ भी होने जा रहा है।
क्या होता है ड्रग प्रतिरोध ?
- जीवाणुओं के विभिन्न प्रकारों में से कुछ जीवाणु ड्रग प्रतिरोधी होते हैं। एंटीबायोटिक औषधियाँ हमें बीमार करने वाली सामान्य जीवाणुओं को मार देती हैं, परन्तु ड्रग प्रतिरोधी जीवाणुओं पर इनका असर नहीं होता है।
- इससे ड्रग प्रतिरोधी जीवाणुओं को उभरने का मौका मिल जाता है। ये अपना गुण अन्य जीवाणुओं को दे देते हैं और इस तरह प्रतिरोध फैलते रहता है।
एंटीबायोटिक प्रतिरोध का कारण
इसके निम्न कारण हैं :
- आवश्कता से अधिक दवा लिखना।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से दवा न लेना।
- कृषि क्षेत्र में अनावश्यक दुरुपयोग।
- अस्पतालों एवं क्लिनिक्स में संक्रमण नियंत्रण में कमी।
- स्वच्छता के प्रति लापरवाही।
- प्रयोगशालाओं में तेजी से परीक्षणों का अभाव।