अंतर्राष्ट्रीय संबंध
FATF ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में बरकरार रखा
- 27 Feb 2021
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force- FATF) ने फैसला लिया है कि वह पाकिस्तान को आगामी जून सत्र तक " ग्रे सूची" (Grey List) में बनाए रखेगा।
प्रमुख बिंदु
पृष्ठभूमि:
- अक्तूबर 2020 सत्र के दौरान FATF द्वारा पाकिस्तान के लिये निर्धारित 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना को पूर्ण करने की समय-सीमा को कोविड-19 महामारी के कारण फरवरी 2021 तक विस्तारित कर दिया गया था।
- तब इसने 27 निर्देशों में से 6 का पूरी तरह से अनुपालन नहीं किया था।
- FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ’ग्रे सूची’ में रखने के बाद 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना जारी की थी। यह कार्रवाई योजना धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने से संबंधित है।
पाकिस्तान को ग्रे सूची में बरकरार रखने के विषय में:
- FATF आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान की उल्लेखनीय प्रगति को स्वीकार करता है, हालाँकि पाकिस्तान ने अभी भी इन 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना में से तीन को पूरा नहीं किया है।
- ये तीन बिंदु आतंकी फंडिंग के बुनियादी ढाँचे और शामिल संस्थाओं के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंध तथा दंड के संदर्भ में प्रभावी कदम से संबंधित हैं।
- FATF जून 2021 सत्र के दौरान पाकिस्तान द्वारा किये गए उपायों और सुधारों की स्थिरता का परीक्षण करेगा। इसके बाद FATF द्वारा पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखने या निकालने की समीक्षा की जाएगी।
महत्त्व:
- FATF ने पाकिस्तान के विरुद्ध आतंकी गतिविधियों के लिये धन जुटाने में शामिल कई प्रतिबंधित संगठनों जैसे- जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद आदि पर कार्रवाई में निष्क्रियता के मामले में संज्ञान लिया है।
- भारत ने कई मौकों पर 26/11 के मुंबई और पुलवामा हमलों सहित कई आतंकी मामलों में पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों की संलिप्तता को उजागर किया है।
- पाकिस्तान का FATF की ग्रे सूची में बना रहना उसके समक्ष यह दबाव बनाएगा कि वह भारत में इस तरह के आतंकवादी हमलों को रोकने के लिये पर्याप्त उपाय करे।
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के विषय में:
- FATF का गठन वर्ष 1989 में जी-7 देशों की पेरिस में आयोजित बैठक में हुआ था।
- FATF मनी लांड्रिंग, टेरर फंडिंग जैसे मुद्दों पर दुनिया में विधायी और नियामक सुधार लाने के लिये आवश्यक राजनीतिक इच्छा शक्ति पैदा करने का काम करता है। यह व्यक्तिगत मामलों को नहीं देखता है।
उद्देश्य:
- FATF का उद्देश्य मनी लॉड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण जैसे खतरों से निपटना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिये अन्य कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
मुख्यालय:
- इसका सचिवालय पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग विकास संगठन (OECD) के मुख्यालय में स्थित है।
सदस्य देश:
- वर्तमान में FATF में भारत समेत 39 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं। भारत वर्ष 2010 से FATF का सदस्य है।
FATF की सूचियाँ:
- ग्रे लिस्ट:
- किसी भी देश का FATF की ‘ग्रे’ लिस्ट में शामिल होने का अर्थ है कि वह देश आतंकवादी फंडिंग और मनी लॉड्रिंग पर अंकुश लगाने में विफल रहा है।
- ब्लैक लिस्ट:
- किसी भी देश का FATF की ‘ब्लैक लिस्ट’ (Black List) में शामिल होने का अर्थ है कि उस देश को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाएगी।
सत्र: अध्यक्ष FATF प्लैनरी (FATF Plenary) की बैठक बुलाता है और इसकी अध्यक्षता करता है। FATF प्लैनरी ही FATF की निर्णय निर्माण संस्था है जिसकी हर वर्ष तीन बार बैठक होती है।