जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिये परिवार पहचान पत्र | 14 Dec 2022

प्रिलिम्स के लिये:

AADHAR लक्षित जन वितरण प्रणाली, NFSA

मेन्स के लिये:

कल्याणकारी योजनाओं हेतु पारिवारिक डेटाबेस - दक्षता, महत्त्व और चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?  

भारत सरकार ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के निवासियों के लिये एक परिवार पहचान पत्र लाने का फैसला किया है।

परिवार पहचान पत्र

  • परिचय:
    • FPP अद्वितीय 8-अंकीय अक्षरांकीय नंबर (पैन कार्ड की तरह) वाला एक पहचान पत्र होगा, जिसमें परिवार के मुखिया के माध्यम से प्रत्येक परिवार और उसके सदस्यों की पहचान की जाएगी।
    • यह केंद्रशासित प्रदेशों में प्रत्येक परिवार और व्यक्ति के लिये एकल पहचान-पत्र होगा, आधार कार्ड के विपरीत इसमें केवल एक व्यक्ति के बारे में जानकारी होती है।
  • विवरण और लिंकिंग:
    • इस कार्ड में परिवार के सभी सदस्यों का विवरण होगा, जिसमें उनके नाम, आयु, योग्यता, रोज़गार की स्थिति आदि शामिल हैं और इसे परिवार के प्रमुख के आधार(AADHAR) और बैंक खाता संख्या से जोड़ा जाएगा।
  • महत्त्व: 
    • कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर वितरण: FPP का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में परिवारों का एक प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटाबेस बनाना है ताकि पात्र लाभार्थियों की कल्याणकारी योजनाओं तक त्वरित और पारदर्शी पहुँच सुनिश्चित की जा सके।
    • सहज प्रत्यक्ष लाभ अंतरण: इस तरह की प्रणाली न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ उनके बैंक खातों में लाभों के सीधे अंतरण की सुविधा प्रदान करेगी।
    • डुप्लिकेसी को समाप्त करना: डेटाबेस डुप्लीकेट राशन कार्ड और आधार की पहचान करने और इन्हें हटाने में भी मदद करेगा एवं सरकार को उन परिवारों की पहचान करने में मदद करेगा जिनके पास कई शिक्षित युवा हैं, लेकिन नौकरी नहीं है।
    • डेटा का स्वत: अद्यतन: डेटाबेस में जानकारी (जन्म, मृत्यु और विवाह) लगातार और स्वचालित रूप से अद्यतन की जाएगी एवं लोगों को ऐसे उद्देश्यों के लिये स्थानीय अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा।
      • यह प्रामाणिक, अद्यतन जनसंख्या डेटा के आधार पर सरकार की योजना नीति में भी मदद करेगा।
  • FPP के संबंध में असहमति:  
    • सरकार के अनुसार परिवार की सहमति से ही डेटाबेस बनाया जाएगा। हालाँकि परिवार कार्ड रखने के लिये सहमति नहीं देने वाले परिवारों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने में व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System- PDS) के माध्यम से सब्सिडी वाले राशन, मुफ्त चिकित्सा उपचार, वृद्धावस्था/विधवा/पारिवारिक पेंशन, उग्रवाद के पीड़ितों को सहायता, छात्रवृत्ति आदि सभी को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा।
  • FPP के खिलाफ तर्क:  
    • विपक्षी दलों ने FPP के विचार की आलोचना करते हुए इसे कश्मीरियों पर नज़र रखने के लिये 'निगरानी उपकरण' के रूप में वर्णित किया है।
      • यह जम्मू-कश्मीर के लोगों पर विश्वास की कमी के प्रतीक के रूप में "अद्वितीय परिवार आईडी" का दावा करता हैं।
    • प्रस्तावित यूनिक आईडी की समय और संसाधनों की बर्बादी के रूप में आलोचना की गई थी अर्थात् एक समान प्रणाली के रूप में इसकी आवश्यकता नहीं थी क्योंकि आधार पहले से मौजूद है।  
    • चीनी संस्थाओं द्वारा हाल ही में साइबर और रैंसमवेयर हमलों के मद्देनज़र निवासियों के व्यक्तिगत डेटा की रक्षा करने में सरकार की क्षमता के बारे में भी चिंताएँ हैं। 

अन्य राज्यों में समान परिवार डेटाबेस:

  • कई अन्य राज्यों ने समान डेटाबेस प्रस्तावित किये या बनाए हैं; परिवार पहचान पत्र की अवधारणा को लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य था।
  • पंजाब ने वर्ष 2021 में उन परिवारों को लाभ के प्रत्यक्ष हस्तांतरण हेतु ऐसी प्रणाली शुरू की जो सरकार की विभिन्न सामाजिक सेवा योजनाओं के लिये पात्र हैं।  
  • नवंबर 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी तरह के उद्देश्यों के लिये यूपी परिवार कल्याण कार्ड लॉन्च करने का निर्णय लिया। 
  • राजस्थान राज्य ने भी "जन आधार योजना" शुरू की है, जिसका उद्देश्य  एक परिवार से एक व्यक्ति की पहचान करना है  और  यह राज्य में संचालित अपनी तरह की एकमात्र योजना है, जिस पर सभी प्रकार की नकदी के साथ-साथ गैर-नकदी लाभ की प्राप्ति होती है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत किये गए प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. केवल 'गरीबी रेखा से नीचे (BPL)' की श्रेणी में आने वाले परिवार ही सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र हैं।
  2. राशन कार्ड जारी करने के उद्देश्य से घर की सबसे बड़ी महिला, जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, घर की मुखिया होगी। 
  3. गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद छह महीने तक प्रति दिन 1600 कैलोरी का 'टेक-होम राशन' मिलता है

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 3

उत्तर: (b)


मेन्स: 

प्रश्न. अनाज वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने हेतु सरकार द्वारा कौन-कौन से सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं? (2019)  

प्रश्न.नीति प्रक्रिया के सभी चरणों में, जागरूकता और सक्रिय भागीदारी के अभाव के कारण कमज़ोर वर्गों के लिये लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं का प्रदर्शन इतना प्रभावी नहीं है। चर्चा कीजिये।  (2019)  

प्रश्न. भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? इसे प्रभावी और पारदर्शी कैसे बनाया जा सकता है? (2022)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस