FAME इंडिया चरण- II योजना | 26 Dec 2023

प्रिलिम्स के लिये:

संसदीय समिति, फेम इंडिया योजना चरण- II, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना, वाहन स्क्रैपिंग नीति

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ, इलेक्ट्रिक वाहन: लाभ, चुनौतियाँ

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों? 

उद्योग पर संसदीय स्थायी समिति ने हाल ही में भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज़ी से अपनाने तथा विनिर्माण (FAME इंडिया) योजना चरण- II के विस्तार एवं संवर्द्धन के संबंध में महत्त्वपूर्ण सिफारिशें दी हैं।

  • समिति ने विद्युत गतिशीलता में परिवर्तन की गति को सुविधाजनक बनाने के लिये फेम इंडिया चरण-II योजना की समय सीमा को कम-से-कम तीन वर्ष और बढ़ाने का सुझाव दिया है।
  • समिति ने फेम इंडिया फेज-2 योजना की समय सीमा को कम-से-कम तीन साल और बढ़ाने का सुझाव दिया है ताकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदलाव की गति को सुविधाजनक बनाया जा सके। 
  • 10,000 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के साथ इसकी वर्तमान समय सीमा 31 मार्च, 2024 है।

सुधार के लिये समिति की सिफारिशें क्या हैं?

  • इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी की बहाली:
    • समिति ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी बहाल करने का सुझाव दिया है, जिसे जून 2023 में कम कर दिया गया था।
      • सरकार ने 1 जून 2023 के बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिये FAME-II सब्सिडी कम कर दी थी।
        • पूर्व-कारखाना मूल्य पर प्रारंभिक 40% प्रोत्साहन को घटाकर 15% कर दिया गया। सब्सिडी में कमी से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री पर नकारात्मक असर पड़ा। सब्सिडी पुनः आवंटन के लिये बजट की कमी को एक कारण बताया गया है।
    • यह इलेक्ट्रिक वाहन प्रवेश की गति को बनाए रखने के लिये यदि आवश्यक हो, बढ़े हुए बजट आवंटन का अनुमान लगाने की भी सिफारिश करता है।
  • निजी इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों का समावेश: 
    • मंत्रालय को चार पहिया वाहनों की श्रेणी में समर्थित इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि करनी चाहिये और वाहन की लागत तथा बैटरी क्षमता के आधार पर एक सीमा के साथ FAME-II योजना में निजी इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों को शामिल करना चाहिये।
  • सहायक सरकारी ढाँचे: 
    • यह समिति भारत को वैश्विक EV केंद्र बनाने के लिये राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर सहायक, पारदर्शी तथा सुसंगत सरकारी ढाँचे की आवश्यकता पर बल देती है।
      • यह बैटरी, सेल और EV ऑटो घटकों के लिये समर्पित विनिर्माण केंद्र तथा औद्योगिक पार्क स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करने की भी सिफारिश करता है।
  • BHEL और चार्जिंग स्टेशनों के लिये वित्त पोषण:
    • EV गतिशीलता को लोकप्रिय बनाने की सुविधा के लिये भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) को अधिक धनराशि आवंटित की जानी चाहिये।
      • BHEL ने EV चार्जिंग स्टेशनों के लिये इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) समाधान प्रदान किये। इनमें सौर ऊर्जा आधारित चार्जिंग स्टेशन और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियाँ शामिल हैं।
    • इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी संस्थानों को अपने परिसरों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने में भाग लेना चाहिये।
  • चार्जिंग स्टेशन स्थापना को प्रोत्साहित करना:
    • FAME-II को चार्जिंग स्टेशनों में व्यक्तिगत निवेशकों को प्रोत्साहित करना चाहिये। महिला स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को चार्जिंग स्टेशन खोलने तथा संचालित करने में सरकार द्वारा अपने फंड से सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करने में सहायता की जानी चाहिये।

फेम इंडिया योजना क्या है?

  • पृष्ठभूमि:
    • फेम इंडिया नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन (NEMM) का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
    • योजना का मुख्य उद्देश्य खरीद पर अग्रिम प्रोत्साहन देकर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करना है।
    • इस योजना में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक तकनीक, जैसे– माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रांग हाइब्रिड, प्लग इन हाइब्रिड तथा बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं।
  • पहला चरण: 
    • यह वर्ष 2015 में शुरू हुआ और 895 करोड़ रुपए की लागत से 31 मार्च, 2019 को पूरा हुआ।
    • FAME योजना के पहले चरण में चार फोकस क्षेत्र थे अर्थात् प्रौद्योगिकी विकास, मांग निर्माण, पायलट परियोजना और चार्जिंग बुनियादी ढाँचा।
    • उपलब्धियाँ:
      • योजना के पहले चरण में, लगभग 2.78 लाख xEV को कुल मांग प्रोत्साहन के साथ समर्थन दिया गया था। इसके अलावा इस योजना के तहत विभिन्न शहरों/राज्यों के लिये 465 बसें स्वीकृत की गईं।
  • फेम इंडिया का दूसरा चरण
    • भारी उद्योग मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2019 से पाँच वर्ष के लिये इस योजना को लागू किया, जिसका कुल बजट 10,000 करोड़ रुपए है।
    • यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण का समर्थन करने पर केंद्रित है तथा इसका उद्देश्य e-बसों, e-3 व्हीलर, e-4 व्हीलर पैसेंजरकारों एवं e-2 व्हीलर को मांग प्रोत्साहन के माध्यम से समर्थन देना है।
      • इसके अलावा योजना के तहत चार्जिंग बुनियादी ढाँचे के निर्माण का भी समर्थन किया जाता है।

उपलब्धियाँ:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न1: दक्ष और किफायती (ऐफोर्डेबल) शहरी सार्वजनिक परिवहन किस प्रकार भारत के तीव्र आर्थिक विकास की कुंजी है? (2019)