निर्यात संवर्द्धन परिषद | 01 Jan 2019

चर्चा में क्यों?


हाल ही में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises-M/o MSME) ने MSMEs के ​​विकास के लिये एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से निर्यात संवर्द्धन सेल की स्थापना की है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • MSMEs को निम्नलिखित लाभ होने की संभावना है-

♦ उत्पादों और सेवाओं के निर्यात हेतु MSMEs की तत्परता का मूल्यांकन।
♦ वैश्विक मूल्य श्रृंखला में MSMEs का एकीकरण।
♦ उन क्षेत्रों की पहचान जहाँ प्रभावी ढंग से और कुशलता से निर्यात करने में सक्षम बनने हेतु सुधार आवश्यक हैं।

  • वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2017-18 के दौरान MSMEs क्षेत्र से निर्यात की वर्तमान स्थिति, MSMEs संबंधित उत्पादों का मूल्य 147,390.08 मिलियन डॉलर है और देश के कुल निर्यात में MSMEs संबंधित उत्पादों की हिस्सेदारी 48.56% है।
  • MSMES के निर्यात संबंधित सभी हस्तक्षेपों की कुशल और प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने हेतु मंत्रालय ने एक गवर्निंग काउंसिल बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिसकी अध्यक्षता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सचिव और सह-अध्यक्षता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के विकास आयुक्त (Development Commissioner) द्वारा की जाएगी।
  • इस काउंसिल में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और वाणिज्य मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम निर्यात संवर्धन परिषद, निर्यात विकास प्राधिकरण, कमोडिटी बोर्ड और अन्य निकायों के वरिष्ठ अधिकारी और सदस्य शामिल होंगे।

♦ 2020 तक 100 बिलियन डॉलर निर्यात का लक्ष्य पूरा करने हेतु एक कार्य योजना भी प्रस्तावित की जानी है।


स्रोत- पीआईबी(PIB)