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भारतीय अर्थव्यवस्था

जैविक बाजरे का निर्यात

  • 07 May 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

देश में जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये हिमालय में उगाए गए जैविक बाजरे (Organic Millet) की पहली खेप डेनमार्क को निर्यात की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

जैविक उत्पादन हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम:

  • इस कार्यक्रम को APEDA द्वारा वर्ष 2001 में अपनी स्थापना के बाद से लागू किया जा रहा है, जिसे विदेशी व्यापार (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1992 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है।
  • इस कार्यक्रम में फसलों और उनके उत्पादों, पोल्ट्री उत्पादों, जलीय कृषि और मधुमक्खी पालन आदि से संबंधित मानकों को शामिल किया गया है। देश से विभिन्न उत्पादों का निर्यात इसके प्रावधानों के अनुसार होता है।
  • इसके अंतर्गत किये गए प्रमाणीकरण को यूरोपीय संघ और स्विट्ज़रलैंड द्वारा मान्यता दी गई है, जो कि भारत को अतिरिक्त प्रमाणन की आवश्यकता के बिना इन देशों में प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात करने में सक्षम बनाता है।
    • यह ब्रेक्ज़िट (Brexit) के बाद भी ब्रिटेन में भारतीय जैविक उत्पादों के निर्यात की सुविधा प्रदान करता है।
  • इस कार्यक्रम को भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (Food Safety Standard Authority of India- FSSAI) द्वारा घरेलू बाज़ार में जैविक उत्पादों के व्यापार के लिये भी मान्यता दी गई है।
  • इस कार्यक्रम के साथ द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत शामिल उत्पादों को भारत में आयात के लिये दोबारा प्रमाणीकरण की ज़रूरत नहीं होती है।

जैविक खेती:

भारत में जैविक खाद्य के निर्यात की स्थिति:

  • अप्रैल-फरवरी (2020-21) के दौरान भारत के जैविक खाद्य उत्पादों का निर्यात बीते वर्ष (2019-20) इसी अवधि की तुलना में बढ़कर 7078 करोड़ रुपए (51% की बढ़ोतरी) हो गया है। वहीं मात्रा के आधार पर जैविक खाद्य उत्पादों के निर्यात में 39% की वृद्धि हुई।
  • भारत द्वारा निर्यात किये जाने वाले प्रमुख उत्पादों में ऑयल सीड, फलों की पल्प और प्यूरी, अनाज तथा बाजरा, मसाले, चाय, औषधीय पौधों के उत्पाद, सूखे फल, चीनी, दालें, कॉफी और आवश्यक तेल आदि शामिल हैं।
  • भारत के जैविक उत्पादों को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्ज़रलैंड, इज़रायल और दक्षिण कोरिया सहित 58 देशों में निर्यात किया जाता है।

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण

  • इस प्राधिकरण की स्थापना भारत सरकार द्वारा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1985 के अंतर्गत की गई थी।
  • यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • इसे मुख्य तौर पर निर्यात संवर्द्धन और अनुसूचित उत्पादों अर्थात् सब्जियों, मांस उत्पादों, डेयरी उत्पादों, मादक और गैर-मादक पेय आदि के विकास को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा गया है।
  • इसे चीनी के आयात की निगरानी करने की ज़िम्मेदारी भी दी गई है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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