विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
एक्सोमार्स मिशन
- 17 Mar 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:एक्सोमार्स मिशन (ExoMars mission) मेन्स के लिये:Covid-19 के दुष्प्रभावों से संबंधित प्रश्न |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यूरोप में Covid-19 के कारण उत्पन्न हुई महामारी जैसी स्थिति की वजह से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency-ESA) ने जुलाई 2020 में मंगल ग्रह पर भेजे जाने वाले एक्सोमार्स मिशन को वर्ष 2022 तक विलंबित/स्थगित करने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु:
- पूर्ववर्ती योजना के अनुसार, एक्सोमार्स (ExoMars) मिशन के दूसरे चरण के तहत एक रोवर (Rover) को जुलाई 2020 में मंगल ग्रह के लिये प्रक्षेपित किया जाना था।
- एक्सोमार्स (ExoMars) मिशन को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency-ESA) और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘राॅसकाॅसमाॅस स्टेट कॉर्प’ (Roscosmos State Corp) के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
- ESA के अनुसार, यूरोप में COVID-19 से उत्पन्न हुई महामारी जैसी स्थिति के कारण अंतरिक्ष एजेंसी और सहयोगी औद्योगिक निर्माता संस्थानों के बीच यातायात बाधित होने से इस कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा।
- ध्यातव्य है कि यूरोप के कई देशों जैसे- इटली, फ्राँस आदि में COVID-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 1000 से अधिक हो गई है।
- वर्तमान में इस मिशन के लिये आवश्यक कई प्रयोगों को पूरा नहीं किया जा सका है, इनमें मुख्य पैराशूट और कुछ अन्य साॅफ्टवेयर से संबंधित हैं।
- ESA की योजना के अनुसार, इस मिशन के अंतर्गत रॉसलिंड फ्रेंक्लिन (Rosalind Franklin) नामक एक रोवर (Rover) को मंगल ग्रह की सतह पर उतारा जाएगा।
- गौरतलब है कि इस मिशन का प्रक्षेपण पहले वर्ष 2018 में किया जाना प्रस्तावित था परंतु बाद में इसे बदलकर जुलाई 2020 कर दिया गया था।
- वर्तमान अनुमान के अनुसार, अब इस मिशन को अगस्त-अक्तूबर 2022 के बीच प्रक्षेपित किया जाएगा जब पृथ्वी और मंगल एक बार पुनः एक सीध में होंगे। यह खगोलीय घटना 26 माह में सिर्फ एक बार होती है।
- इस योजना के तहत रोवर अप्रैल-जुलाई 2023 के बीच मंगल की सतह पर पहुँचेगा।
एक्सोमार्स (ExoMars) मिशन:
- एक्सोमार्स (ExoMars) मिशन को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency-ESA) और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी राॅसकाॅसमाॅस स्टेट कॉर्प (Roscosmos State Corp) के सहयोग से तैयार किया गया है।
- इस मिशन के दो भाग हैं, मिशन के पहले हिस्से में वर्ष 2016 में ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट’ (Trace Gas Orbiter spacecraft) को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया था।
- ट्रेस गैस ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट का उद्देश्य मंगल ग्रह के वातावरण में मीथेन (CH4), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), एसीटिलीन (C2H2) और जलवाष्प का पता लगाना था।
रॉसलिंड फ्रैंकलिन (Rosalind Franklin) रोवर:
- इस रोवर का नाम ब्रिटिश रसायनशास्त्री ‘रॉसलिंड फ्रैंकलिन ’ के नाम पर रखा गया है। रॉसलिंड फ्रेंक्लिन को डीएनए (DNA) की खोज में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये जाना जाता है।
- रॉसलिंड फ्रेंक्लिन रोवर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मंगल ग्रह की सतह पर 2 मीटर की गहराई तक खुदाई कर जाँच के लिये नमूने एकत्र कर सकेगा।
- ध्यातव्य है कि इससे पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा मंगल ग्रह पर भेजे गए क्यूरियोसिटी रोवर की खुदाई क्षमता लगभग 2 इंच ही थी।