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भारतीय अर्थव्यवस्था

पेट्रोल, डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि

  • 28 Mar 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

वित्त विधेयक, वित्त अधिनियम की आठवीं अनुसूची में संशोधन

मेन्स के लिये:

उत्पाद शुल्क में वृद्धि से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों:

हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि एवं वित्त अधिनियम की आठवीं अनुसूची में संशोधन किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ को बढ़ाने की कोशिश की है।
  • पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क 2 से 8 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल के मामले में 4 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया। इसके अतिरिक्त पेट्रोल और डीज़ल पर सड़क उपकर को 1 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 10 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया।

राजस्व में वृद्धि:

  • उत्पाद शुल्क में वृद्धि से सरकार के राजस्व में लगभग 39,000 करोड़ रुपए की वार्षिक वृद्धि होगी।
  • सरकार ने नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ को बढ़ाने की कोशिश हेतु पेट्रोल और डीजल पर नौ बार उत्पाद शुल्क लगाया।
  • सरकार ने वर्ष 2014-15 के पश्चात् पेट्रोल पर 1.77 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल पर 13.47 रुपए प्रति लीटर की दर से उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की थी जिसके परिणामस्वरूप राजस्व आय वर्ष 2014-15 के 99,000 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2016-17 में 2,42,000 करोड़ रुपए हो गई।    
  • विशेषज्ञों के अनुसार, जहाँ इस वर्ष की पहली तिमाही में कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ उपभोक्ता को काफी मिला है, वहीं केंद्र ने तंग राजकोषीय स्थिति को देखते हुए कुछ राजस्व बढ़ाने के लिये शुल्क बढ़ाने का यह कदम उठाया है। बुनियादी ढाँचे के विकास और व्यय की अन्य विकासात्मक वस्तुओं के लिये संसाधन तैयार करने में मदद मिलेगी। 

वित्त अधिनियम की आठवीं अनुसूची में संशोधन:

  • पहले पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में अधिकतम वृद्धि क्रमशः 10 और 4 रूपए प्रति लीटर का प्रावधान था। 
  • वित्त अधिनियम की आठवीं अनुसूची में संशोधन से अब पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में अधिकतम वृद्धि क्रमशः 18 और 12 रुपए प्रति लीटर का प्रावधान हो गया।
  • सदन में COVID-19 के प्रकोप के कारण वित्त विधेयक में संशोधन लोकसभा में बहस के बिना पारित कर दिया गया। 

वित्त विधेयक (Finance Bill):

    • साधारणतया वित्त विधेयक, उस विधेयक को कहते है, जो वित्तीय मामलों जैसे राजस्व या व्यय से संबंधित होता है।
    • इसमें आगामी वित्तीय वर्ष में किसी नए प्रकार के कर लगाने या कर संशोधन आदि से संबंधित विषय शामिल होते हैं।

  • वित्त विधेयक के प्रकार:

    • धन विधेयक - अनुच्छेद 110
    • वित्त विधेयक - अनुच्छेद 117 (1)
    • वित्त विधेयक - अनुच्छेद 117 (3)
  • इस वर्गीकरण के अनुसार, सभी धन विधेयक, वित्त विधेयकों की श्रेणी में आते हैं। यद्यपि सभी धन विधेयक, वित्त विधेयक होते हैं किंतु सभी वित्त विधेयक, धन विधेयक नहीं होते हैं। केवल वे वित्त विधेयक ही धन विधेयक होते हैं, जिनका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 110 में किया गया है।
  • धन विधेयक को लोकसभाध्यक्ष द्वारा भी धन विधेयक के रूप में प्रमाणित किया जाता है।
  • वित्त विधेयक-I तथा II की चर्चा संविधान के अनुच्छेद 117 में की गई है।


स्रोत: द हिंदू

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