अंतर्राष्ट्रीय संबंध
यूरोपीय संघ की डेटा रणनीति
- 21 Feb 2020
- 7 min read
प्रीलिम्स के लिये:GDPR, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक मेन्स के लिये:कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संबंधित मुद्दे, डेटा रणनीति से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यूरोपीय आयोग ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के मानव-केंद्रित विकास को सुनिश्चित करने के लिये यूरोपीय संघ की डेटा रणनीति और कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर एक श्वेत-पत्र जारी किया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- नया दस्तावेज़ यूरोपीय संघ (European Union- EU) की विभिन्न परियोजनाओं, विधायी रूपरेखा और पहलों के लिये एक समयसीमा प्रस्तुत करता है।
- यह रणनीति सिलिकन वैली (Silicon Valley) के अधिकारियों और ब्रसेल्स के नियामकों के बीच बैठकों की शृंखला का अनुसरण करती है।
- मार्क ज़ुकरबर्ग के यूरोप के अधिकारियों से मिलने के बाद फेसबुक ने भी कंटेंट रेगुलेशन के लिये अपना प्रस्ताव जारी किया था जिसे यूरोपीय नियामकों ने खारिज कर दिया।
EU की डेटा रणनीति के मुख्य बिंदु
- EU डेटा रणनीति के माध्यम से यूरोपीय संघ के भीतर डेटा के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करना चाहता है साथ ही यह वर्ष 2030 तक डेटा एकल बाज़ार (Data Single Market) निर्मित कर यूरोप के स्थानीय प्रौद्योगिकी बाज़ार को मज़बूत करना चाहता है।
- डेटा एजाइल अर्थव्यवस्था (Data Agile Economy) के विकास के लिये आयोग वर्ष के उत्तरार्द्ध तक "सामान्य यूरोपीय डेटा स्पेस के शासन के लिये सक्षम विधायी फ्रेमवर्क" को लागू करना चाहता है।
- वर्ष 2021 की शुरुआत तक यूरोपीय आयोग एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (Application Programming Interfaces- APIs) के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के उच्च मूल्य वाले डेटा को मुफ्त में उपलब्ध कराएगा। ध्यातव्य है कि API दो अलग-अलग एप्लीकेशन्स के बीच आपसी संपर्क स्थापित करने का एक विकल्प है।
- वर्ष 2021 से 2027 के बीच डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिये एक उच्च प्रभाव वाली परियोजना में निवेश किया जाएगा। इसके अतिरिक्त क्लाउड सेवा बाज़ार सहित कई अन्य पहलें भी इस रणनीति के तहत प्रस्तावित हैं।
इस संदर्भ में भारतीय प्रयास
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2012 में नेशनल डेटा शेयरिंग एंड एक्सेसिबिलिटी पॉलिसी (National Data Sharing and Accessibility Policy- NDSAP) को मंज़ूरी दी थी। इस पहल के तहत सरकार ने अमेरिकी सरकार के साथ सार्वजनिक उपयोग के लिये सरकारी डेटा की साइट data.gov.in को जारी किया था।
- वर्ष 2018 के आर्थिक सर्वेक्षण में गैर-व्यक्तिगत डेटा के उपयोग से संबंधित बातों का उल्लेख किया गया था।
- नीति आयोग द्वारा नेशनल डेटा एंड एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म (The National Data & Analytics Platform), स्मार्ट सिटीज़ मिशन (इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज) और ग्रामीण विकास मंत्रालय (DISHA डैशबोर्ड) के माध्यम से डेटा एकीकरण से संबंधित अन्य प्रयास किये जा रहे हैं।
- वर्ष 2018 से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र PwC और अन्य विक्रेताओं के साथ डेटा विश्लेषण के लिये उत्कृष्टता केंद्र बनाने पर काम कर रहा है। ग़ौरतलब है कि इस उत्कृष्टता केंद्र का उद्देश्य डेटा विश्लेषण प्रदान करना है।
EU के इस कदम के महत्त्व
- प्रौद्योगिकी विनियमन में यूरोप सबसे आगे रहा है। वर्ष 2018 में जारी इसका जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (General Data Protection Regulation- GDPR) एक गेम-चेंजर साबित हुआ। हालिया रणनीति में भी GDPR को डिजिटल ट्रस्ट के लिये ठोस रूपरेखा प्रदाता के रूप में देखा जाता है। इस प्रकार यह वैश्विक स्तर पर डेटा रणनीति के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है।
- भारत के वर्तमान व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (Personal Data Protection-PDP) विधेयक पर संयुक्त प्रवर समिति (Joint Select Committee) द्वारा चर्चा की जा रही है। इस विधेयक में विभिन्न संस्थाओं के लिये यह अनिवार्य किया गया है कि वे सरकार को आवश्यकतानुसार गैर-व्यक्तिगत डेटा प्रदान करें। ध्यातव्य है कि यह अक्तूबर 2018 में न्यायमूर्ति बी. एन. श्रीकृष्ण समिति द्वारा प्रस्तावित मसौदे में शामिल नहीं था। इसके अतिरिक्त इस विधेयक के अनेक उपबंध भारत की डेटा इकोनॉमी को सुदृढ़ करने से संबंधित हैं।
- ध्यातव्य है कि EU की यह डेटा रणनीति, भारत को अपनी डेटा रणनीति बनाने तथा डेटा संरक्षण एवं डेटा के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती है।
- EU के इस कदम का यूरोपीय देशों एवं प्रौद्योगिकी कंपनियों पर प्रभाव
- इससे यूरोपीय देशों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सहायता प्राप्त हो सकेगी तथा प्रौद्योगिकी कंपनियों एवं सरकारों के बीच चल रहे संघर्ष को कम किया जा सकता है।
- EU का यह कदम विभिन्न देशों को इस दिशा में व्यक्तिगत कानून एवं रणनीतियाँ बनाने के लिये प्रेरित करेगा।
आगे की राह:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मानव-केंद्रित विकास सुनिश्चित करने के लिये वैश्विक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है तथा भारत को भी इस दिशा में व्यापक स्तर पर प्रयास करना चाहिये।
- सार्वजनिक क्षेत्र के डेटा की मुफ्त उपलब्धता बढ़ाने के साथ ही डेटा सुरक्षा से संबंधित प्रयास किये जाने चाहिये।