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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूरेशियन आर्थिक फोरम

  • 11 Sep 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

10 सितंबर, 2019 को शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) ने चीन के शीआन (Xi’an) शहर में यूरेशियन आर्थिक फोरम (Eurasian Economic Forum) का आयोजन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस फोरम में संचार, प्रौद्योगिकी और विकास के क्षेत्र में अधिक-से-अधिक सहयोग पर बल दिया गया।
  • भारत ने यूरेशियन आर्थिक फोरम में भाग नहीं लिया।
  • चूँकि यह फोरम चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative-BRI) पर चर्चा और विचार-विमर्श करने के लिये आयोजित किया गया था, जिसके कारण भारत ने SCO शिखर सम्मेलन में उपस्थित होने के बावजूद इस बैठक में भाग न लेने का निर्णय किया।

यूरेशियन आर्थिक फोरम का महत्त्व

  • वर्तमान में विश्व अर्थव्यवस्था में सकारात्मक विकास के बावजूद अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है, जहाँ एक ओर आर्थिक वैश्वीकरण प्रक्रिया को एकतरफा संरक्षणवादी नीतियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में मौजूद अन्य चुनौतियों के चलते आर्थिक विकास बाधित हो रहा है।
  • इस व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में, पिछले कुछ वर्षों में यूरेशियन आर्थिक फोरम विकास के नए प्रारूपों को तलाशने और सभी क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को विस्तार देने हेतु एक महत्त्वपूर्ण मंच बनकर उभरा है।

अर्थशास्त्र और पर्यटन

इस बैठक के अवसर पर अर्थशास्त्र और पर्यटन पर आयोजित एक अन्य बैठक में वक्ताओं ने SCO के सदस्य राज्यों के ‘आठ अजूबों की प्रदर्शनी यात्रा’ (Eight Wonders Exhibition Tour) के विचार को आगे बढ़ाया, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश के अनुरूप एक ऐतिहासिक स्मारक या स्थान को पैम्फलेट (Pamphlet) पर दर्शाया जाएगा।

  • कज़ाख्स्तान (Kazakhstan) के लिये तमगाली के शैलोत्कीर्ण (Petroglyphs of Tamgaly) को चुना गया।
  • चीन के लिये 634 AD में निर्मित तांग राजवंश (Tang Dynasty) के डेमिंग पैलेस (Daming Palace) का चुनाव किया गया।
  • भारत के लिये 182 मीटर की सरदार वल्लभभाई पटेल की एकता की प्रतिमा का चयन किया गया।

प्राचीन रेशम मार्ग/सिल्क रूट

Ancient Silk Route

बैठक में यूरेशिया में प्राचीन ग्रेट सिल्क रोड के नए एवं आधुनिक ढंग से पुनरुद्धार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया।

Silk route

  • यह व्यापार मार्गों (Trade Route) का एक नेटवर्क था जो व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिये दुनिया के प्राचीन क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ता था।
  • चीन के हान राजवंश (Han dynasty) के शासनकाल के दौरान दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लाकर 14वीं ईस्वी तक नियमित रूप से इसका उपयोग किया जाता था।
  • यह चीन से लेकर भारत होते हुए मेसोपोटामिया, अफ्रीका, ग्रीस, रोम और ब्रिटेन तक विस्तारित है।

यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन

Eurasian Economic Union (EAEU)

  • यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन मुख्यतः उत्तरी यूरेशिया में स्थित राज्यों का आर्थिक संघ है।
  • ई.ए.ई.यू. की स्थापना के लिये हुई संधि पर बेलारूस, कज़ाख्स्तान और रूस के नेताओं ने 29 मई, 2014 को हस्ताक्षर किये थे और 1 जनवरी, 2015 से यह संधि लागू हो गई। आर्मेनिया और किर्गिस्तान को इस समूह में बाद में प्रवेश दिया गया था।
  • वर्ष 1994 में ही कज़ाख्स्तान के राष्ट्रपति नर्सुल्तान नज़रबेयव ने सबसे पहले ‘यूरेशियन यूनियन’ बनाने का विचार प्रस्तुत किया था।
  • EAEU अपनी सीमाओं के भीतर वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी और श्रम के मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह संघ के भीतर संधि और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों द्वारा निर्धारित क्षेत्रों में नीतियों का अनुसरण, समन्वय और सामंजस्य स्थापित करता है।

सदस्य देश:

  • आर्मेनिया
  • बेलारूस
  • कज़ाख्स्तान
  • किर्गिस्तान
  • रूस

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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